रेप की शिकार का दोहरा दर्द, ससुराल वालों वर्जिनिटी टेस्ट में फेल कर दिया!
सुहागरात की रात उसका कुकड़ी रस्म के तहत कौमार्य परीक्षण (virginity test) किया गया. वह इस परीक्षा में फेल हो गई. इसके बाद उसे प्रताड़ित किया जाने लगा. सब उस लड़के का नाम पूछने लगे. इसके बाद लड़की ने बताया कि 6 महीने पहले उसके पड़ोसी ने उसके साथ रेप किया था. इसके बाद ससुराल वालों ने लड़की को मारा-पीटा और उसे घर से भगा दिया.
-
Total Shares
राजस्थान के भीलवाड़ा (bhilwara) में वर्जिनिटी टेस्ट (virginity test) ने एक लड़की की जिंदगी बर्बाद कर दी. इस लड़की की शादी तय हुई, बारात सजी, वह दुल्हन बनी, मंगल गीत गाए, विदाई हुई और वो अपने सपनों के साथ ससुराल पहुंच गई. जहां सुहागरात की रात उसका कुकड़ी रस्म के तहत कौमार्य परीक्षण (virginity test किया गया. वह इस परीक्षा में फेल हो गई. इसके बाद उसे प्रताड़ित किया जाने लगा. सब उस लड़के का नाम पूछने लगे. इसके बाद लड़की ने बताया कि 6 महीने पहले उसके पड़ोसी ने उसके साथ रेप किया था. इसके बाद ससुराल वालों ने लड़की को मारा-पीटा और उसे घर से भगा दिया. इसके बाद लड़की के लिए समाज पंचायत बुलाकर दंड तय किया गया.
कुकड़ी प्रथा में सुहाग रात के दिन लड़की का टेस्ट किया जाता है कि वह वर्जिन है या नहीं
माने वह लड़की रेप का शिकार थी, इसलिए वर्जिनिटी टेस्ट में फेल हुई और अब वह सजा काट रही है. क्योंकि ससुराल वालों ने अब उसे कहीं का नहीं छोड़ा है. गलती यहां उसे माता-पिता की है अगर लड़की का रेप हुआ तो उन्होंने पुलिस में शिकायत क्यों नहीं की. समाज के लोक-लाज के डर से जैसे-तैसे उसे किसी और के माथे मढ़कर अपने सिर का बोझा हल्का कर दिया.
लड़की ने पुलिस के दिए बयान में बताया कि रेप आरोपी ने मेरे भाई को जान से मारने की धमकी दी थी. माने बेटी के साथ इतना गलत हो गया लेकिन माता-पिता को अपने बेटे की जिंदगी की परवाह थी, बेटी की नहीं. वह तो पहले ही उनके लिए पराया धन थी जिससे जल्द से जल्द उन्होंने 6 महीने में छुटकारा पा लिया.
काश कि वे पुलिस के पास जाते और लड़के वालों को भी सच बताते, तो शायद आद वह दर बदर न भटक रही होती. लोग कहते हैं कि अब कहां वर्निटी टेस्ट होता है, अब तो लड़कियां अपनी मर्जी की मालकिन हैं. तो वे इस लड़की के बारे में क्या कहना चाहेंगे? गलती करें मायके और सुसराल वाले और सजा भुगते वो जिसकी कोई गलती नहीं. लड़कों का तो वर्जिनिटी टेस्ट नहीं होता फिर वे अपनी दुल्हन की जांच क्यों करते हैं. सभी को पता है कि हाइमन की झिल्ली कई कारणों से टूट सकती है फिर भी हमेशा लड़की को इसके नाम पर परेशान किया जाता है.
असल में कुकड़ी प्रथा में सुहाग रात के समय लड़की का टेस्ट किया जाता है कि वह वर्जिन है या नहीं. इसके लिए घरवाले सफेद चादर बिछाते हैं. लड़के को सफेद धागों का बना गुच्छा देते हैं. कमरे में जाने से पहले दुल्हन की चूड़ियों पर कपड़ा लपेट दिया जाता है. पिन औऱ हेयर पिन तक निकाल लिया जाता है. कमरे में किसी भी तरह की नुकीली चीज नहीं छोड़ी जाती है. शारीरिक संबंध बनाने के बाद अगर बेड में खून के धब्बे दिखें तो माना जाता है कि लड़की कुंवारी है. या लड़का खून से सने धागे कमरे से बाहर लेकर आता है और सबको दिखाता है. वह घरवालों से कहता है कि मेरी बीवी खरी है वरना कहता है कि मेरी बीवी खोटी है.
लड़की वर्जिन है तो ठीक वरना उसे सजा दी जाती है. उसे तबतक मारा जाता है जब तक वह किसी लड़के का नाम नहीं बता देती. कई बार तो पिटाई खाते-खाते लड़कियां झूठ में किसी लड़के का नाम बोल देती हैं वरना वे मार खाती रहेंगी. इसके बाद लड़के वाले लड़की वालों से पैसे लेते हैं.
यह सुनकर हैरानी होती है लेकिन आज भी कई जगहों पर ये परंपरा कायम है. आपको क्या लगता है कि इस लड़की के मामले में किसकी गलती है? ससुराल वाले तो दोषी हैं ही लेकिन क्या मायके वालों ही गलती नहीं है...माने मायके वालों ने पीछा छुड़ा लिया और अब ससुराल वालों ने कहीं का छोड़ा नहीं...
आपकी राय