New

होम -> समाज

 |  7-मिनट में पढ़ें  |  
Updated: 03 मार्च, 2018 12:20 PM
अनुज मौर्या
अनुज मौर्या
  @anujkumarmaurya87
  • Total Shares

अक्सर ही यूट्यूब पर और सोशल मीडिया पर हेल्थ टिप्स देखने को मिलते हैं. ये हेल्थ टिप्स कैंसर जैसी बीमारियों तक को ठीक करने का दावा करते हैं, लेकिन क्या वाकई ऐसा होता है? क्या आप ऐसी किसी भी जानकारी को शेयर करने या उसे आजमाने से पहले किसी डॉक्टर से सलाह लेते हैं? आपको बता दें कि हर शरीर के हिसाब से एक ही बीमारी के अलग-अलग इलाज हो सकते हैं. जरूरी नहीं है कि अगर कोई शख्स किसी चीज को खाकर ठीक हो जाए तो आप भी ठीक हो जाएंगे. यू ट्यूब पर कैंसर से पीड़ित मैरी लोपेज (Mari Lopez) नाम की एक महिला ने कुछ वीडियो पोस्ट किए थे और दावा किया था कि शाकाहारी होने की वजह से उन्होंने कैंसर पर जीत हासिल कर ली है. लेकिन दुख के साथ आपको यह बता दें कि कैंसर के चलते उनकी मौत हो गई है. ऐसे में कभी भी सिर्फ कोई वीडियो देखकर या कोई पोस्ट पढ़कर घर पर ही किसी बीमारी का इलाज करने की कोशिश न करें.

कैंसर, मिथक, बीमारी, मौत, हेल्थ टिप्स

दवाइयां लेने से कर दिया था मना

लोपेज के कैंसर का पता 2015 में चला, लेकिन उन्होंने दवाइयां लेने से मना कर दिया. उन्होंने शाकाहार के जरिए कैंसर से लड़ने की बात कही. लेकिन दिसंबर 2017 में मैरी लोपेज की कैंसर की वजह से ही मौत हो गई है. कैंसर उनके लीवर, फेफड़ों और खून तक फैल चुका था. अपने आखिरी वीडियो में लोपेज ने दावा किया था कि शाकाहार से उनका ब्रेस्ट कैंसर सही हो गया है. लोपेज की भांजी Liz Johnson ने कहा कि उनके परिवार ने उन्हें कीमोथेरेपकी के लिए भी कहा था, लेकिन वह नहीं मानीं. मरने से पहले लोपेज ने कहा था कि उस वीडियो को यूट्यूब से हटा दिया जाए, जिसमें शाकाहारी होने को कहा गया है, क्योंकि उन्हें अंदाजा हो गया था कि वह मरने वाली हैं.

ऐसे में आपको यह समझना बेहद जरूरी है कि किसी के कहने से ही आपको अपने खान-पान में बदलाव करके यह नहीं सोचना चाहिए कि आप सही हो जाएंगे. किसी भी बीमारी के लिए डॉक्टर से सलाह जरूर लें. खुद को किसी बड़े खतरे से बचाने के लिए आइए हम आपको बताते हैं कैंसर जैसी बीमारी से जुड़े मिथकों के बारे में.

हर्बल प्रोडक्ट्स से ठीक होता है कैंसर?

बिल्कुल नहीं. किसी भी हर्बल प्रोडक्ट से कैंसर ठीक नहीं होता है. आपको बता दें कि कैंसर पर रिसर्च करने वाली सरकारी संस्था नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट (NCI) के अनुसार कई बार कुछ हर्बल चीजें मरीजों को होने वाले साइड इफेक्ट से बचाने में मदद जरूर करती हैं, लेकिन हर्बल चीजों से कैंसर ठीक नहीं होता. उल्टा कई बार हर्बल चीजों की वजह से ही कैंसर और भी बिगड़ सकता है, क्योंकि वह कीमोथैरेपी और रेडियोथेरेपी को प्रभावित कर सकता है.

चीनी खाने से कैंसर और बढ़ता है?

कई बार ऐसा सुनने को मिलता है कि अगर किसी शख्स को कैंसर है तो उसे मीठा नहीं खाना चाहिए, वरना इससे कैंसर और अधिक बढ़ जाएगा. मीठा खाने से कैंसर नहीं बढ़ता है. बल्कि रिसर्च से तो ये सामने आया है कि कैंसर कोशिकाएं अधिक शुगर कंज्यूम करती हैं. इतना ही नहीं, आर्टिफिशियल शुगर से कैंसर होने की अवधारणा को भी NCI ने गलत ठहराया है. लेकिन हां, आवश्यकता से अधिक शुगर खाने से आपकी फैट बहुत अधिक बढ़ सकती है, जो कई तरह के कैंसर का कारण बन सकती है.

कैंसर छूने से फैलता है?

अगर आपको ऐसा लगता है कि कैंसर छुआछूत की बीमारी है तो इस भ्रम को तुरंत ही अपने मन से निकाल फेंकिए. कैंसर छूने से बिल्कुल नहीं फैलता है. कैंसर एक शख्स से दूसरे शख्स में सिर्फ तभी जा सकता है जब किसी कैंसर पीड़ित शख्स का कोई अंग किसी को ट्रांसप्लांट किया जाए. या फिर, अगर अंगदान करने वाले की कोई कैंसर हिस्ट्री रही हो तो भी कैंसर वापस आने की संभावनाएं रहती हैं, लेकिन ऐसा 10,000 में से मुश्किल से 2 मामलों में होता है. कई बार कैंसर वायरस (human papillomavirus, or HPV) या फिर बैक्टीरिया (जैसे Helicobacter pylori) के कारण भी होता है. ऐसे मामलों में ये वायरस या बैक्टीरिया एक शख्स से दूसरे शख्स में जा सकते हैं और उसके शरीर में कैंसर पैदा कर सकते हैं.

कैंसर, मिथक, बीमारी, मौत, हेल्थ टिप्स

पॉजिटिव सोच से सही हो जाता है कैंसर?

अभी तक कोई भी साइंटिस्ट यह प्रमाणित नहीं कर सके हैं कि पॉजिटिव एटिट्यूड से कैंसर ठीक होता है और निगेटिव एटिट्यूड से कैंसर बढ़ सकता है. कैंसर के पीड़ित का दुखी होना और परेशान होना तो लाजमी है, लेकिन जो लोग कैंसर होने के बावजूद पॉजिटिव एटिट्यूड रखते हैं वह कैंसर से आसानी से लड़ पाते हैं. साथ ही वह अपने आप को रोजमर्रा की गतिविधियों में आसानी से व्यस्त रख पाते हैं, जिससे उन्हें कैंसर से लड़ने में मदद मिलती है.

मोबाइल फोन के इस्तेमाल से कैंसर होता है?

कैंसर का कारण आनुवंशिक होता है और मोबाइल फोन से निकलने वाली फ्रीक्वेंसी इतनी कम होती है कि उससे जीन्स पर कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ता. ऐसे में यह भ्रम छोड़ दें कि मोबाइल इस्तेमाल करने से किसी भी तरह का कैंसर होता है. इसी तरह लोगों में यह भी गलत अवधारणा है कि बिजली की लाइनों के आस-पास होने से भी कैंसर होता है.

परिवार में किसी को कैंसर था तो मुझे भी होगा?

ऐसा जरूरी नहीं है. कैंसर में सिर्फ 5-10 फीसदी ही ऐसे कैंसर होते हैं जो ऐसे कारणों से होते हैं. दरअसल, कैंसर आपके जीन्स में अचानक आए बदलाव की वजह से होता है, जो जरूरी नहीं कि किसी से उसके बच्चों तक जाए. इसी तरह अगर किसी के परिवार में किसी को कैंसर नहीं रहा तो इसका ये मतलब नहीं है कि आपको भी कैंसर नहीं हो सकता है. करीब 40 फीसदी लोगों में उनकी लाइफस्टाइल के चलते कैंसर होना देखा गया है, जैसे तंबाकू और धूम्रपान से.

डिओड्रेंड और हेयर डाई से कैंसर हो सकता है?

अक्सर आपने लोगों को ये कहते हुए सुना होगा कि अधिक डिओड्रेंड इस्तेमाल करने से कैंसर हो सकता है. लेकिन आपको बता दें कि न तो डिओड्रेंड से कैंसर होता है ना ही हेयर डाई से कैंसर होता है.

तो आखिर क्या है कैंसर?

भले ही कैंसर का नाम सुनकर आपको यह किसी एक बीमारी का नाम लग रहा हो, लेकिन वास्तव में यह सैकड़ों बीमारियों को दिखाता है. हालांकि, सभी में एक चीज समान होती है कि कोशिकाएं सामान्य से अधिक बढ़ने लगती हैं, जिससे एक ही जगह पर कोशिकाओं की अधिकता हो जाती है. कैंसर का एक बड़ा कारण डीएनए की गड़बड़ी भी होती है, जिसके चलते पीढ़ी दर पीढ़ी भी लोग इसके शिकार हो सकते हैं. कैंसर रिसर्च यूके के अनुसार लगभग 200 तरह से कैंसर होते हैं. अलग-अलग तरह के कैंसर में भले ही कुछ समानताएं देखने को मिलती हैं, लेकिन रिसर्च से यह साफ हो गया है कि हर व्यक्ति के कैंसर की अपनी कुछ खास चुनौतियां होती हैं. यही कारण है कि हर तरह के कैंसर के लिए एक ही दवा काम नहीं कर सकती है.

कैंसर, मिथक, बीमारी, मौत, हेल्थ टिप्स

रिसर्च के बाद मिले नतीजों के आधार पर बहुत सारे कैंसर का उपचार किया भी जा चुका है. उदाहरण के लिए टेस्टिकुलर कैंसर बहुत ही खतरनाक होता है, लेकिन अधिकतर मामलों में अब उसका भी उपचार किया गया है. आज के समय में टेस्टिकुलर कैंसर से पीड़ित 98 फीसदी लोगों को इससे निजात दिलाने में सफलता मिल चुकी है. कैंसर से जुड़ी किसी भी जानकारी के लिए आप भी यूके की कैंसर रिसर्च वेबसाइट पर जा सकते हैं. आप चाहें तो उन्हें 08088004040 पर फोन कर के मदद भी पा सकते हैं. या फिर sciencesurgery@cancer.org.uk पर ईमेल कर के भी अपनी समस्या का समाधान ढूंढ़ सकते हैं.

ये भी पढ़ें-

गूगल पर सबसे अधिक पूछा गया सवाल- What is Cancer? जवाब यहां है...

हम रोज कैंसर खा, पी और सूंघ रहे हैं!

क्या आप जानते हैं पुरुषों के ब्रेस्ट कैंसर के बारे में....

#कैंसर, #मिथक, #बीमारी, Cancer, Cancer Myths, Youtube

लेखक

iChowk का खास कंटेंट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक करें.

आपकी राय