आईफोन के लिए किडनी बेच देने वाले का क्या हाल है, जानना चाहेंगे?
हम में से बहुतों ने मजाक में बात कही थी कि आईफोन के लिए तो हम किडनी भी बेच देंगे. लेकिन कोई था जो इस बात को सीरियसली ले गया.
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स्मार्टफोन के लिए लोग दीवाने होते हैं, लेकिन जब बात आईफोन की हो तो ये दीवानगी पागलपन की हद तक चली जाती है. हम में से बहुतों ने मजाक में बात कही थी कि आईफोन के लिए तो हम किडनी भी बेच देंगे. लेकिन कोई था जो इस बात को सीरियसली ले गया.
7 साल पहले जब iphone4 नया-नया आया था, तब इसे खरीदना बहुतों के लिए एक सपना था. इसी सपने को पूरा करने के लिए चीन के एक 17 साल के लड़के शिआओ वांग ने हद पार कर दी थी. शिआओ गरीब था, लेकिन अपने दोस्तों के बीच रॉब जमाने के लिए वो आईफोन खरीदना चाहता था. इसलिए इस महंगे फोन को खरीदने के लिए उसने अपनी किडनी बेच दी थी. खबर ये नहीं है कि उसने तब इस दीवनगी के चलते क्या किया था. खबर तो ये है कि 7 साल बाद उसके साथ क्या हुआ.
7 साल पहले आईफोन के लिए अपनी किडनी बेच दी इस लड़के ने
लड़कपन की दीवानगी
वो उम्र के उस पड़ाव पर था जब बच्चों को सब कुछ चाहिए होता है. खासकर तब जब उन्हें लगता है कि इन सांसारिक चीजों की ही वजह से वो लोगों को इम्प्रेस कर सकते हैं. किडनी बेचने के लिए उसने बाकायद रिसर्च की. एक बिचौलिए के जरिए उसने एक अस्पताल खोजा जहां इस तरह की सर्जरी की जाती थी. उसे बताया गया कि उसे एक किडनी के लिए 22000 युआन यानी करीब 3200 डॉलर मिलेंगे. उसे ये भी कहा गया कि छोटा सा ऑपरेशन होगा और एक सप्ताह में वो ठीक भी हो जाएगा. शिआओ को पता था कि उसके माता-पिता इसके लिए कभी राजी नहीं होंगे इसलिए वो बिना किसी को बताए ऑपरेशन के लिए अपने शहर से दूसरे शहर गया.
आईफोन के आगे उसने अपनी सेहत की भी फिक्र नहीं की
वहां पहुंचने पर पता चला कि उस अस्पताल में गैरकानूनी तरीके से ये काम होता था. न तो वहां सुविधाएं थीं और न ही हाइजीन. लेकिन फिर भी उसे किडनी बेचनी ही थी. आखिरकार ऑपरेशन हुआ लेकिन...
सब कुछ इतना आसान कहां होता है
जिस अस्पताल में ऑपरेशन हुआ वहां हाइजीन पर कोई ध्यान नहीं दिया गया था इसलिए शिआओ के घाव में इनफैक्शन हो गया. जो बढ़ता गया. चूंकि माता-पिता से ये बात छिपाई गई थी इसलिए उन्हें भी अंधेरे में रखा गया. जब शिआओ की तबियत बहुत ज्यादा खराब हो गई तब माता-पिता को इस बारे में खबर लगी.
माता-पिता तब उसे एक अच्छे अस्पताल में लेकर गए. जहां पता चला कि इन्फैक्शन इतना ज्यादा बढ़ गया था कि उसने उसकी दूसरी किडनी पर भी असर डालना शुरू कर दिया था. इतना ही नहीं शिआओ उसके बाद बिस्तर से नहीं उठ सका, वो पैरलाइज़ हो गया. आज शिआओ 24 साल का है और विकलांगों की तरह जीवन जी रहा है.
किडनी निकालने के बाद इनफैक्शन से दूसरी किडनी भी खराब हो गई
उसके इलाज पर काफी पैसा खर्च हुआ, माता-पिता आर्थिक रूप से और कमजोर हो गए. इसी बीच उस बिचौलिए और उस अस्पताल पर भी केस किया गया. इसमें शिआओ के परिवार को मुआवजा भी दिया गया. लेकिन कोई भी मुआवजा इस तथ्य को नहीं बदल सकता कि शिआओ का स्वास्थ्य जिंदगी भर के लिए खराब हो चुका है.
7 साल हो चुके हैं. लड़कपन की वो उम्र अब बीत चुकी है, आज 24 साल का युवा शिआओ अपने उस अपरिपक्व फैसले को कोसता होगा. जिसकी वजह से उसकी जिंदगी 7 साल पहले ही ठहरी गई जिसे अब वो और उसके माता-पिता ढो रहे हैं...महज एक आईफोन के लिए जो कभी उसके हिस्से में आया ही नहीं.
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