ये ऑस्ट्रेलियाई कार्टूनिस्ट भारत का मजाक उड़ा कर खुद ही 'कार्टून' बन गया
ऑस्ट्रेलियाई कार्टूनिस्ट बिल लिक ने एक कार्टून बनाया है, जिसमें दिखाया गया है कि भारत के गरीब और भूखे लोग दूसरे देशों से आए सोलर पैनल को खा रहे हैं!
-
Total Shares
विकसित देशों में आज भी कुछ लोग भारत या दूसरी और तीसरी दुनिया के लोगों को किस नजर से देखते हैं, इसका उदाहरण ऑस्ट्रेलिया के अखबार 'द ऑस्ट्रेलियन' में छपे एक कार्टून ने दे दिया है. पेरिस में हाल में खत्म हुए क्लाइमेंट चेंज समिट में 196 देश एक राय बनाने में कामयाब रहे और एेतिहासिक समझौता हुआ. विकसित देशों द्वारा यह शर्त भी मानी गई कि वे दूसरे देशों को तकनीकी मदद और धन देंगे ताकि कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने के लक्ष्य को हासिल किया जा सके.
अब इसे लेकर ऑस्ट्रेलियाई कार्टूनिस्ट बिल लिक ने एक कार्टून बनाया है, जिसमें दिखाया गया है कि भारत के गरीब और भूखे लोग दूसरे देशों से आए सोलर पैनल को खा रहे हैं! यह कार्टून न केवल एक भद्दा मजाक है बल्कि अपने आप में नस्लभेदी भी है.
शायद बिल लिक को मालूम नहीं कि भारत पिछले कुछ वर्षों में विश्व में तकनीक के प्रमुख केंद्र के तौर पर उभरा है. और यहां तकनीक के क्षेत्र में कई शानदार प्रयोग हो रहे हैं. इस कार्टून के सामने आने के बाद बिल लिक ऑस्ट्रेलिया में ट्विटर पर ट्रेंड करने लगे और वहां के कई लोगों ने इस कार्टून को घटिया बताया.
Hi what if Bill Leak’s cartoons are not olden days relics but part of an active, extant racist culture which must be destroyed
— A Lot Mike Christmas (@spikelynch) December 14, 2015
Hey Bill Leak, some facts on India's renewable energy sector. They're a lot smarter than your cartoons are funny. https://t.co/3hkkSwpmk3
— Mr Denmore (@MrDenmore) December 14, 2015
You know @australian things like that Bill Leak cartoon reflect very badly on everyone at your paper. It's not funny. It's racist.
— ❤️ Zen Trimmerman (@glengyron) December 13, 2015
How backward is Aust #climate politics? Here, the absurd racist rubbish published by Murdoch's national newspaper pic.twitter.com/V6BG2VVnq4
— David Pope (@davpope) December 13, 2015
How can @rupertmurdoch publish something as awful as this Bill Leak cartoon? https://t.co/MIBOc3a26k
— Dennis Long (@dennislong1950) December 14, 2015
वैसे यह पहली बार नहीं है जब विदेशी अखबारों भारत को इस तरह दिखाया गया है. अभी हाल में जब पेरिस में क्लाइमेट चेंज समिट जारी था तो अमेरिका के अखबार न्यूयार्क टाइम्स में एक विवादित कार्टून छपा. इसमें भारत को एक हाथी के रूप में दिखाया गया जो क्लाइमेट चेंज समिट के रास्ते में रोड़ा बन कर बैठा है. गौरतलब है कि इस पूरे समिट में दौरान भारत को विकसित देशों के बीच किसी 'विलेन' की तरह देखा जा रहा था क्योंकि दूसरी और तीसरी दुनिया के देशों के हितों को लेकर भारत ही सबसे ज्यादा मुखर रहा.
इससे पहले मार्स मिशन पर जब पूरी दुनिया भारत की वाहवाही कर रही थी तो भी अमेरिका के अखबार न्यूयार्क टाइम्स में छपे उस कार्टून को भूले तो नहीं है. जिसमें एक भारतीय को गाय के साथ 'स्पेस क्लब' का दरवाजा खटखटाते हुए दिखाया गया था. कई लोगों ने इस कार्टून की खूब आलोचना की. बाद में अखबार ने कहा कि उसकी कोशिश किसी की भावनाओं को चोट पहुंचाने की नहीं थी और वह अपने पाठकों से माफी मांगता है.
आपकी राय