क्या ऐसा भी होता है? सास न बहू को जबरन गले लगाकर किया कोरोना पॉजिटिव!
सुनकर कितना अच्छा लगता है कि सास ने बहू को गले लगाया लेकिन जिस वजह से गले लगाया वो काफी अजीब है. यदि मन में जहर पल रहा हो तो किसी दुलार पर क्या ही भरोसा किया जाएगा.
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सास-बहू की नोक-झोंक तो पूरी दुनिया में फेमस है, लेकिन ये वाला किस्सा एकदम अलग है. सुनकर कितना अच्छा लगता है कि सास ने बहू को गले लगाया लेकिन जिस वजह से गले लगाया वो काफी अजीब है. आज कल तो टीवी सीरियल में भी सास के कैरेक्टर को पॉजिटिव दिखाते हैं.
कई घरों में सास अपनी बहू को बेटी की तरह ही प्यार करती हैं
कई घरों में सास अपनी बहू को बेटी की तरह ही प्यार करती हैं, लेकिन इस खबर के बाद आपको लगेगा कि आज भी ऐसी सास मौजूद हैं जो बहू को इस हद तक प्रताड़ित कर सकती हैं कि उसकी जान पर बन आए. यानी टीवी सीरियल वाली वैम्पायर सास की प्रजाति आज भी पाई जाती हैं. चलिए बताते हैं कि माजरा क्या है?
असल में मामला कोरोना से जुड़ा हुआ है. तेलंगाना के सोमरीपेटा गांव की एक महिला कोरोना पॉजिटिव थी. इसलिए घरवालों ने उसे एक कमरे में आइसोलेट कर दिया था. उससे घर के सभी सदस्य दूरी बनाते थे. वह इस बात से परेशान हो गई थी कि कोरोना संक्रमित होने के बाद उससे कोई मिलजुल नहीं रहा है. उसके पोता-पोती भी पास में नहीं जाते थे और उसे खाना भी अलग दिया जाता था. वह अकेले कमरे में रहने की वजह से नाराज थी. इसलिए उसने अपनी बहू को जबरदस्ती गले लगा लिया ताकि वो भी पॉजिटिव हो जाए.
परिवार वाले इसलिए दूरी बना रहे थे ताकि वे भी संक्रमित न हो जाए लेकिन यही बात कोरोना पॉजिटिव महिला को नागवार गुजरी. दरअसल, कोरोना काल में अब तक करोड़ों लोग संक्रमित हो चुके हैं. वहीं ज्यादातर लोग डॉक्टर की सलाह को फॉलो कर अपने घर में ही आइसोलेट होकर ठीक हो चुके हैं. यह बात इस महिला को समझ नहीं आई और जब बहू कोरोना संक्रमित हो गई तो उसे घर से बाहर निकाल दिया.
इसके बाद बहू की बहन उसे राजन्ना सिरसिल्ला जिले के तिम्मापुर मायके ले गई, जहां उसका इलाज किया जा रहा है. बहू ने बताया कि मेरी सास इस वजह से परेशान थी कि उन्हें अलग रखा जाता है. उन्होंने मुझे यह कहते हुए जबरन गले लगाया कि ‘तुझे भी कोरोना संक्रमित होना चाहिए. ‘क्या मेरे मरने के बाद तुम सब सुखी रहना चाहते हो’?
सोचिए घर में बाकी भी सदस्य थे, लेकिन सास को बहू से दिक्कत क्या थी. आखिर एक महिला दूसरी से जलती क्यों है. क्या इसका जवाब है किसी के पास. क्या है जन्मजात होता है या फिर यह स्त्री के स्वभाव का हिस्सा है?
क्यों होती जलन
माना जाता है कि लड़कों के मुकाबले लड़कियां जलन यानी ईर्ष्या जैसी चीजों के बारे में ज्यादा सोचती हैं. यही नहीं, वे अपनी फ्रेंड्स से कॉम्पिटीशन करने में भी नहीं हिचकिचाती. उनके लिए लुक, मेकअप और यहां तक की लाइफ पार्टनर भी कंपटीशन का हिस्सा बन जाते हैं. महिलाएं अपनी इस आदत की वजह से अपनी बेस्ट फ्रेंड से भी कंपेयर करती हैं. किसी प्रतिद्वंद्वियों के हस्तक्षेप से महिलाओं के रिश्ते में खटास पैदा होनी शुरू हो जाती है. यह ईर्ष्या महिलाओं में इसलिए हावी हो जाती है क्योंकि वो वह भी पाना चाहती है जो सामने वाले में है.
अक्सर सास-बहू एक दूसरे को अपना कंपटीटर मान लेती हैं और बीच में फंस जाता है बेटा. इस बात को हम एक उदाहरण से समझते हैं. इम्तिहान के समय अगर एक लड़की दूसरी लड़की से किसी सवाल का जवाब पूछती है तो वह भले डायरेक्ट मना ना करे लेकिन बताएगी भी नहीं. उसे ऐसा लगेगा कहीं मेरी सहेली का नंबर मुझसे अधिक ना आ जाए.
वहीं अगर किसी लड़के से मदद मांगते हैं तो वह शायद जवाब दे भी दे. ऐसा शायद कई लड़कियों ने एक्सपीरियंस भी किया होगा. ऐसा भी नहीं है कि महिलाएं आपस में मिलजुलकर नहीं रहती करती लेकिन जलन की भावना शायद उनके नेचर का एक हिस्सा है. इस सास-बहू की कहानी से तो यही लगता है. वरना कौन नहीं चाहेगा कि उसके गुजर जाने के बाद उसका परिवार सुखी रहे…
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