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Updated: 04 जनवरी, 2022 03:06 PM
देवेश त्रिपाठी
देवेश त्रिपाठी
  @devesh.r.tripathi
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बीते साल दिसंबर में कोरोना वायरस के नए ओमिक्रॉन वेरिएंट की भारत में एंट्री के साथ ही केंद्र सरकार की ओर से चेतावनियां जारी की जाने लगी थीं. माना जा रहा था कि ओमिक्रॉन वेरिएंट की वजह से भारत में कोरोना की तीसरी लहर आ सकती है. खैर, ओमिक्रॉन वेरिएंट के मामले तो देश में बढ़ ही रहे हैं. लेकिन, बीते कुछ दिनों में कोरोना संक्रमण के मामलों में आया बढ़ा उछाल डेल्टा वेरिएंट के फिर से फैलने की गवाही देने लगा है.

अब भारत के लोगों में उत्सवधर्मिता कूट-कूटकर भरी है, तो कोविड गाइडलाइंस या चेतावनियों का लोगों पर कितना असर होता है, ये सबके सामने आ चुका है. क्रिसमस और न्यू ईयर पार्टी मनाने वाली 'भीड़' को देखकर कोई भी आसानी से कह देगा कि कोरोना की दूसरी लहर में मौत का भयावह तांडव देखने के बाद भी लोगों पर कुछ खास असर नहीं पड़ा है. क्योंकि, भारत की विविधता लोगों की उत्सवधर्मिता को और ज्यादा बढ़ा देती है. तो, जिसे भी मौका मिला, उसने क्रिसमस और न्यू ईयर पार्टी को जमकर सेलिब्रेट किया. जिसका असर अब देखने को मिल रहा है.

People Celebrate Christmas and New Yearभारत की विविधता लोगों की उत्सवधर्मिता को और ज्यादा बढ़ा देती है.

पश्चिम बंगाल की सरकार ने क्रिसमस और नए साल का जश्न मनाने के लिए लोगों को नाइट कर्फ्यू में ढील दी थी. जिसके बाद कोलकाता के पार्क स्ट्रीट पर आयोजित क्रिसमस समारोह में भीड़ का सैलाब आ गया था. लोगों की भारी भीड़ के चलते सुरक्षा के सारे इंतजाम धरे के धरे रह गए थे. भीड़भाड़ इस कदर बढ़ गई थी कि इस रोड पर यातायात को भी बंद करना पड़ा था. क्रिसमस सेलिब्रेशन की ये डराने वाली तस्वीरें सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही हैं.

पश्चिम बंगाल में नए साल से कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़े हैं. 2 जनवरी को पश्चिम बंगाल में कोरोना संक्रमण के 6,153 मामले सामने आए हैं. हालात इस कदर बिगड़े हैं कि पश्चिम बंगाल सरकार को राज्य में 'मिनी लॉकडाउन' लगाना पड़ा है. आसान शब्दों में कहा जाए, तो क्रिसमस और नए साल पर कोरोना गाइडलाइंस में ढील देकर पश्चिम बंगाल ने भी केरल वाली ही गलती दोहरी दी है. क्योंकि, केरल में भी बकरीद में कोरोना कर्फ्यू में ढील के बाद अचानक से संक्रमण के मामले बढ़ने लगे थे. 

वैसे, क्रिसमस और नए साल का जश्न मनाने में गोवा भी पीछे नहीं रहा है. देशभर से बड़ी संख्या में पर्यटकों ने गोवा पहुंचकर न्यू ईयर सेलिब्रेट किया. ये सेलिब्रेशन इतना बढ़िया रहा कि 3 जनवरी को गोवा में कोरोना वायरस के 388 नए मामले सामने आए हैं. और, इतना ही नहीं संक्रमण के इन मामलों के साथ गोवा में पॉजिटिविटी रेट 10.7 फीसदी पर पहुंच गया है. आसान शब्दों में कहा जाए, तो आने वाले समय में इस पॉजिटिविटी रेट से गोवा में हालात और बिगड़ सकते हैं. गोवा में देशभर से पर्यटक जुटे थे. अगर उनमें से कुछ लोग कोरोना संक्रमित हुए होंगे, तो वो सभी कोरोना कैरियर की भूमिका निभाएंगे. जिन राज्यों से ये पर्यटक नए साल का जश्न मनाने के लिए गोवा आए थे, उन राज्यों में भी कोरोना संक्रमण के फैलने की भरपूर संभावना रहेगी. गोवा के बागा बीच पर जुटी भीड़ का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. जिसमें सैकड़ों लोग बिना कोविड गाइडलाइंस का पालन करते हुए नए साल का जश्न मना रहे हैं.

 

हद तो तब नजर आती है, जब कुछ लोग क्रिसमस और न्यू ईयर सेलिब्रेशन की कुंभ जैसे आयोजन से तुलना कर इसे न्यायोचित ठहराने की कोशिश में लग जाते हैं. अगर लोगों को अपनी जान की फिक्र नहीं है, तो उन्हें दूसरों की जान भी खतरे में डालने का हक नहीं मिल जाता है. बीते साल दिवाली जैसे बड़े त्योहार पर भी लोगों ने केंद्र सरकार की ओर से जारी की गई कोविड गाइडलाइंस का पालन किया था.

दिवाली के बाद कहीं भी कोरोना के मामलों में बहुत ज्यादा इजाफा नहीं देखा गया था. लेकिन, ओमिक्रॉन के खतरे को देखते हुए भी क्रिसमस और न्यू ईयर सेलिब्रेशन कर लोगों ने और इन्हें ऐसा करने की ढील देने वाली राज्य सरकारों को केवल नमन ही किया जा सकता है. लोगों के बीच चुनावी रैलियां मुद्दा बन रही हैं. लेकिन, जब लोग ही कोरोना गाइडलाइंस का पालन नहीं करेंगे, तो उन्हें कोरोना की तीसरी लहर के खतरे के लिए तैयार रहना चाहिए. क्योंकि, क्रिसमस और न्यू ईयर पार्टी मनाने वाली ये 'भीड़', कोरोना से ज्यादा डराती है.

लेखक

देवेश त्रिपाठी देवेश त्रिपाठी @devesh.r.tripathi

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं. राजनीतिक और समसामयिक मुद्दों पर लिखने का शौक है.

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