बेटियों के जन्म पर बहू को रथ से घर लाना हो या दो बच्चों की मां की दूसरी शादी, यह खुशी सर्वोपरि है!
ससुराल के लोग घर की जुड़वा बेटियों के साथ बहू को उसके मायके से लाने के लिए रथ लेकर गए थे. जब वे धूम-धाम से फूलों की बरसात के साथ बहू और बेटियों को लेकर आए तो पूरा शहर देखता रह गया. वहीं सोनी सोमानी के बच्चों ने ही उनकी दूसरी शादी कराई...
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एक बहू ने जुड़वा बेटियों को जन्म (daughter in law birth twin daughters) दिया...सुनकर ऐसा लगता है कि पता नहीं उसके घरवालों ने दो बेटियों के जन्म होने पर कैसा व्यवहार किया होगा? असल में समाज में यही होता आया है इसलिए हमारे दिमाग में भी नकारात्मक बातें ही आती हैं. इस खबर में खुद को गलत साबित होता हुआ देख शायद आपको भी खुशी होगी.
समाज में सकारात्मक खबरों का पहुंचना भी बेहद जरूरी है तभी तो बदलाव की बयार बहेगी. इस खबर से कई लोगों को सीख मिलेगी. वहीं दूसरी तरफ दो बच्चों ने अपनी मां की दूसरी शादी कराई है. मां का 17 साल पहले तलाक हो गया था, उसने काफी दर्द सहा था, अब बच्चों ने उसे खुशी दी है. इन खबरों पर यकीन नहीं हो रहा होगा लेकिन ये सच हैं. पहले बेटियों की बात करते हैं.
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दरअसल, मध्य प्रदेश के धार जिले स्थित कोणदा गांव के भायल परिवार में बहू ने जुड़वा बेटियों को जन्म दिया. जिसके बाद ससुराल वालों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. उन्होंने मायके से बहू को लाने के लिए और घर में बेटियों के स्वागत के लिए ग्रैंड तैयारी की थी. इसलिए ससुराल के लोग घर की जुड़वा बेटियों के साथ बहू को उसके मायके से लाने के लिए रथ लेकर गए थे. जब वे धूम-धाम से फूलों की बरसात के साथ बहू और बेटियों को लेकर आए तो पूरा शहर देखता रह गया.
हुआ यूं था कि बहू ने गणेश चतुर्थी के दिन ही मायके में जुड़वा बेटियों को जन्म दिया था लेकिन वह ससुराल नहीं आई थी. अब खरमास खत्म होते ही जन्म के चार महीने बाद बेटियों का दादा के घर में गृह प्रवेश हुआ है. इसकी तैयारी खुद दादा ने भव्य तरीके से की थी.
बेटियों को लेकर बहू पहले जेकल माता मंदिर पर पहुंची. वहीं परिवार के लोगों ने बहू को रथ पर बिठाया और गाजे-बाजे के साथ नाचते-गाते बहू को घर ले आए. समाज के लोग हैरान थे कि बेटियों के जन्म पर किसको इतनी खुशी होती है. लोग अपने छतों से यह नजारा देख कर बातें कर रहे थे. लोग इस परिवार की काफी सराहना कर रहे थे. परिवार ने बेटियों का नाम ऋद्धि और सिद्धि रखा है. काश इसी तरह बाकी लोग भी समझ जाएं कि बेटियां बोझ नहीं होती हैं वे आखिर आपकी संतान ही होती हैं. भले आप ढोल-नगाड़े न बजाओ, उनके लिए जुलूस न निकालो लेकिन उन्हें पराया तो मत समझो.
बच्चों ने कराई मां की दूसरी शादी
एक महिला जिसकी छोटी उम्र में शादी हो गई थी. वो 17 साल की छोटी सी उम्र में मां बन गई. पति उसे रोज मारता था, यहां तक की जब वो गर्भवती थीं तो भी उन्हें मारा-पीटा जाता था. इसलिए बच्चों ने स्कूल जाना छोड़ दिया था ताकि उनके न रहने पर पिता उनकी मारे ना. मायके वालों को बताया तो उन्होंने कहा कि एडजस्ट करो. स्कूल से शिकायत आई कि बच्चे 2 महीने से स्कूल क्यों नहीं आ रहे उनका भविष्य तबाह को सकता है. इसके बाद महिला ने हिम्मत दिखाई और पति से तलाक ले लिया. वह एक कॉल सेंटर में नौकरी करने लगी. अब 17 सालों उसे प्यार मिला तो बच्चों ने उसकी दूसरी शादी कराई है. हम बात कर रहे हैं सोनी सोमानी की जिनकी बेटी श्रेया ने अपनी मां की कहानी बताई है. वो कहती हैं कि मैंने और भाई समीर ने बचपन से ही अपने पिता को मां को गालियां देते हुए देखा है.
तलाक के बाद बच्चों की परवरिश के साथ सोनी ने नौकरी के साथ-साथ पढ़ाई भी शुरू कर दी. जब उनकी बेटी 12वीं में थी तो उन्होंने अपनी ग्रेजुएशन पूरी की. इसके बाद उन्होंने एमबीए की पढ़ाई की. इसके बाद उन्हें प्रोडक्ट मैनेजर की जॉब मिली और मां-बच्चों की जिंदगी काफी बदल सी गई.
एक समय के बाद सोनी की जिंदगी में एक शख्स की एंट्री हुई. दोनों ने पहले एक-दूसरे को जाना. सोनी ने अपने रिलेशनशिप की जानकारी बच्चों को दी. दोनों बच्चे ये सुनकर काफी खुश हुए और दिसंबर 2021 में दोनों की शादी करा दी. श्रेया कहती हैं कि मां के जब फेरे हो रहे थे मुझे रोना आ रहा था लेकिन हम सब काफी खुश थे. इस तरह अब सोनी के पास अपना पूरा परिवार है. वे सभी एक-साथ रहकर काफी खुश हैं. सोनी की कहानी को Humans Of Bombay ने अपने इंस्टाग्राम और फेसबुक पर शेयर किया है.
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असल में जिंदगी काफी सरल और साधारण है. इसे हमने और आपने ही कठिन बना दिया है. जब तक लोग क्या कहेंगे सोचते रहेंगे तब तक खुलकर जी नहीं पाएंगे. जिंदगी में खुश रहने के लिए आपको किसी के इजाजत लेने की जरूरत नहीं है. वैसे भी जिस घर में बहू-बेटी खुश रहती हैं वहां एक अलग की उर्जा बनी रहती है. उम्मीद है कि इन दोनों खबरों से समाज के उन लोगों को सीख मिलेगी जो बहू-बेटियों का सम्मान नहीं करते हैं...समाज में यह बदलाव बहुत अच्छा है, क्यों?
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