दिल की बीमारी का शक है तो पहले कान का आकार देख लें
कान को देखकर क्या कोई ये पता लगा सकता है कि दिल की बीमारी है या नहीं? ये सुनने में भले ही अजीब हो, लेकिन कान देखकर दिल का हाल बताना कई लोगों की जान बचा सकता है.
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क्या हमारा शरीर हमें दिल की बीमारी होने के पहले कोई संकेत देता है? इसका जवाब है हां. ऐसे कई तरीके होते हैं जिससे हमारा शरीर हमें बताता है कि दिल की बीमारी होने वाली है. इसमें से एक है कान देखकर बताना कि कहीं दिल की बीमारी तो नहीं? जी हां, ये सही है. सिर्फ कान देखकर ये पता लगाया जा सकता है. इस पुराने तरीके को वापस अमल में लाना चाहते हैं महाराष्ट्र के डॉक्टर हिम्मतराव बावस्कर जो मुंबई से 160 किलोमीटर दूर महाड में अपनी प्रैक्टिस करते हैं.
डॉक्टर हिम्मतराव को इंटरनेशनली अपने सांप और बिच्छू के दंश के इलाज के लिए जाना जाता है और भारत में जहां हर साल 17 लाख लोग दिल की बीमारी से मरते हैं वहां डॉक्टर हिम्मतराव इस तरीके से लाखों लोगों की जान बचाना चाहते हैं.
इस तरीके के बारे में न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में 1973 में Dr. Sanders T. Frank बात की थी. इसका नाम diagonal earlobe crease (DELC) रखा गया था. इसे बाद में “Frank’s sign” भी कहा गया.
कैसे कान से पता चलेगा कि दिल की बीमारी है?
आम इयरलोब या कान का नीचे वाला हिस्सा (जहां इयरिंग पहनते हैं) अगर दिल की बीमारी नहीं है तो नॉर्मल और चिकनी रहती है, लेकिन अगर दिल की बीमारी हो रही है तो कान का ये हिस्सा कटा हुआ सा महसूस होता है. ये पहले हल्की लाइन से शुरू होता है और बाद में बढ़ भी सकता है.
कुछ इस तरह के कान कटा हुआ सा दिखता है
ये आर्टरी यानी धमनी के ब्लॉकेज या इससे जुड़ी किसी बीमारी का संकेत होता है.
क्या वाकई कान पर एक छोटी सी लकीर दे सकती है दिल की बीमारी का संकेत?
वैज्ञानिक अभी भी इस बारे में किसी एक नतीजे पर नहीं पहुंच पाए हैं कि आखिर एक लकीर कैसे दिल की बीमारी से जुड़ सकती है, लेकिन इसको लेकर कई थ्योरी निकाली गई है.
शरीर की छोटी-छोटी रक्त कोशिकाओं के पास अगर कोई खराब टिशू बन जाता है तो हो सकता है कि वो कोशिकाएं कान तक खून के संचारण के दौरान ये टिशू वहां पहुंचा देती हों. ये उसी तरह का बदलाव है जैसा coronary artery disease (CAD) (धमनियों की बीमारी) के वक्त रक्त कोशिकाओं में होता है. अगर आसान भाषा में इसे समझें तो छोटी रक्त कोशिकाएं शरीर में हो रहे उस बदलाव की बात बताती हैं जो दिल के करीब आसानी नहीं दिख पातीं.
हालांकि, ये पूरी तरह से दिल की बीमारी से जोड़कर नहीं देखा जा सकता. कुछ जिनेटिक खामियां जैसे Beckwith-Wiedemann syndrome (इस बीमारी में शरीर में कुछ हिस्से बढ़ने लगते हैं.) ये बच्चों को ज्यादातर होता है और यही कारण है कि कान कटे हुए से लगने लगते हैं.
तो कितना परेशान होना चाहिए?
कई वैज्ञानिकों ने शरीर में होने वाले इन दोनों तरह के बदलावों के बारे में कई रिसर्च की है. कुछ स्टडी समानता दिखाती है और कुछ नहीं.
1982 में पब्लिश हुई एक स्टडी जो 340 मरीजों पर की गई थी उसके अनुसार कान में क्रीज बनना CAD को दर्शाता है. क्रीज का मतलब इससे निकाला गया कि जिन लोगों के शरीर में पहले ही दिल की बीमारी के लक्षण दिख रहे थे वो और ज्यादा गंभीर है.
एक दूसरी स्टडी जो 1989 में पब्लिश की गई थी जिसमें 300 मरीजों के शरीर को टेस्ट किया गया था जिनकी किसी अन्य कारण से मौत हो गई थी. उस स्टडी में भी ये बात सामने आई थी कि जिनके कान में क्रीज थी उन्हें कार्डियोवस्कुलर समस्याएं थीं.
1991 में की गई एक और स्टडी में इसी तरह के रिजल्ट सामने आए थे. साथ ही, 2006 में की गई एक और स्टडी में पाया गया कि 40 से कम उम्र वाले मरीज जिनके कान में क्रीज थी उनमें से 80 प्रतिशत को दिल से संबंधित कोई न कोई समस्या है. 2012 में की गई सबसे ताज़ा स्टडी भी यही बताती है. उस स्टडी में ऐसे मरीजों को लिया गया था जिन्हें पहले किसी तरह की कोई दिल की बीमारी नहीं थी और क्रीज बनने के बाद उनका CAD के लिए सिटी स्कैन किया गया और यही समस्याएं सामने आईं.
पर क्या ये वाकई भरोसेमंद लक्षण है?
ऊपर दी गई रिसर्च के अलावा भी कई ऐसी रिसर्च की गईं जिनमें नतीजे कुछ अलग थे. 1980 की एक स्टडी कहती है कि कान और दिल की बीमारी में कोई संबंध नहीं है. हालांकि, ये स्टडी सिर्फ अमेरिका में रह रहे भारतीयों पर की गई थी.
दूसरी स्टडी जो अमेरिका में रह रहे जापानियों पर की गई थी. वो भी किसी तरह के कनेक्शन के बारे में नहीं बताती है. हालांकि, जिन लोगों के कानों में भी क्रीज बनी है उन्हें कुछ अन्य तरह की शारीरिक समस्याएं और गंभीर बीमारियां हुई हैं.
कुछ रिसर्च बताती हैं कि जैसे-जैसे इंसान की उम्र बढ़ती है वैसे-वैसे इयरलोब क्रीज और दिल की बीमारी की गुंजाइश वैसे भी बढ़ जाती है. इसका ये मतलब नहीं कि दोनों जुड़ी हुई हैं.
कान का ये लक्षण कई अन्य बीमारियों के संकेत भी दे सकता है
University of Massachusetts मेडिकल स्कूल की एक स्टडी कहती है कि क्रीज सिर्फ बढ़ती उम्र को दर्शाता है और कुछ नहीं.
पर आपके लिए इसका क्या मतलब है?
अधिकतर स्टडी यही बताती हैं कि इयरलोब क्रीज और दिल की बीमारी का कोई न कोई कनेक्शन जरूर है. 2011 में न्यूयॉर्क स्कूल ऑफ मेडिसिन की स्टडी के अनुसार इयरलोब क्रीज किसी अन्य लक्षण की तुलना में CAD के बारे में ज्यादा आसानी से बता देती है.
अगर ऐसा कोई भी लक्षण दिख रहा है तो अपने डॉक्टर से बात करें. इससे आपका ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और अन्य तरह के शारीरिक बदलावों की जांच हो पाएगी.
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