FACT CHECK: मेंडेरिन को बनाया गया पाकिस्तान की आधिकारिक भाषा? जानिए इसका सच
एक मीडिया ने ये गलती की और बाकी सभी भेड़ चाल की तरह उसके पीछे चल दिए. यहां तक कि सोशल मीडिया और डिजिटल मीडिया पर भी यही सब चलने लगा. किसी ने भी इस खबर का सच जानने की जहमत नहीं उठाई.
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इन दिनों में मीडिया में सबसे पहले और तेजी से खबर दिखाने की ऐसी होड़ लगी है कि किसी के बयान को सही से पढ़े बिना ही उसकी खबर बना दी जाती है. ऐसा ही हुआ है चीनी भाषा को पाकिस्तान में पढ़ाए जाने के बयान को लेकर. पाकिस्तान की सीनेट खालिदा परवीन के बयान को मीडिया ने सही से पढ़े बिना ही यह खबर दिखाना शुरू कर दिया कि पाकिस्तान में चीनी भाषा को आधिकारिक भाषा का दर्जा देने की सहमति बन गई है. एक मीडिया ने ये गलती की और बाकी सभी भेड़ चाल की तरह उसके पीछे चल दिए. यहां तक कि सोशल मीडिया पर भी यही सब चलने लगा.
क्या कहा खालिदा परवीन ने
पाकिस्तान की सीनेट खालिदा परवीन ने भारत और चीन के बीच सीपीईसी (China Pakistan Economic Corridor) के जरिए बढ़ते कोलेबोरेशन को देखते हुए आधिकारिक चीनी भाषा मेंडेरिन (Mandarin) का कोर्स लॉन्च करने की बात कही, ताकि कम्युनिकेशन बैरियर को खत्म किया जा सके. लेकिन मीडिया ने उनका मतलब ये निकाला कि चीनी भाषा को पाकिस्तान की आधिकारिक भाषा बनाया जा रहा है. खबर सिर्फ टीवी चैनलों पर ही नहीं दिखाई जा रही थी, बल्कि डिजिटल मीडिया और यहां तक कि सोशल मीडिया पर भी गलत खबर ही फैल रही थी.
In a short span of 70 years, #Pakistan has flirted with promoting four languages that were not the mother tongue of many people in the country — English, Urdu, Arabic, & now Chinese —ignoring native languages. https://t.co/6y0zKvK20m
— Husain Haqqani (@husainhaqqani) February 19, 2018
Unreal. The extent of #China takeover of #Pakistan is evident in Mandarin being declared as an official language of the country. More than Punjabi and Pashto.
— TANUJ GARG (@tanuj_garg) February 20, 2018
Pak Senate approves motion to declare Chinese/Mandarin as official language.Mubarak ho, Pakistan is ready to become a Chinese colony. .
— LCA TEJAS (@Leopard212) February 19, 2018
44% Pakistanis speak Punjabi & rest speak Sindhi, Pashto, Balochi & host of other languages. Ignoring all these languages, Pak just declared Chinese (Mandarin) to be an official language of the nation. And no one in Pak speaks Chinese. Pakistan totally respects hard cash.
— Major Gaurav Arya (@majorgauravarya) February 19, 2018
कहां से हुई इस गलती की शुरुआत?
इस गलती की शुरुआत पाकिस्तान के ही एक मीडिया चैनल ने की. पाकिस्तानी मीडिया चैनल 'अब तक' ने सबसे पहले इस खबर को दिखाया. बस फिर क्या था. इस मीडिया चैनल के खबर दिखाए जाने के बाद एक के बाद एक अधिकतर मीडिया चैनलों ने इसे दिखाना शुरू कर दिया. भारत भी इससे अछूता नहीं रहा. यहां के भी अधिकतर टीवी चैनलों ने उसी खबर को दिखाया और पाकिस्तान पर निशाना भी साधा कि उसने भारत के दुश्मन चीन की भाषा को अपनी आधिकारिक भाषा बनाने को मंजूरी दे दी है.
Pakistani Senate approves motion to declare Chinese as 'Official Language'. Not to forget that regional languages of Pakistan face extinction and Senate wants to impose Chinese because of #CPEC? pic.twitter.com/vQsWj5Julf
— Naila Inayat (@nailainayat) February 19, 2018
आखिर सोशल मीडिया ही आया काम
जहां एक ओर पूरा मीडिया पाकिस्तान में चीनी भाषा को आधिकारिक करने की खबर दिखाने में लगा हुआ था, वहीं सोशल मीडिया पर एक ट्विटर यूजर ने इस गलती को पकड़ लिया. उसने खालिदा परवीन के बयान को दिखाते हुए यह साफ किया कि उन्होंने इसे पाकिस्तान की आधिकारिक भाषा बनाने की बात नहीं कही है, बल्कि इस आधिकारिक भाषा को पाकिस्तान में पढ़ाए जाने की बात कही है.
@AbbTakk misreported this recommendation in Senate to teach Official Chinese language courses so that Pakistanis get CPEC jobs.Chinese has not been made the 3rd official language !This was the Abb Takk tweet https://t.co/Pc42UjHum4 pic.twitter.com/NezpH08Y5b
— Sabena Siddiqi (@sabena_siddiqi) February 19, 2018
अभी भी कई मीडिया चैनल और डिजिटल मीडिया पर भी गलत खबरें ही चलाई जा रही हैं. इस गलत खबर का इस तरह से वायरल हो जाना सभी के लिए एक सबक होना चाहिए कि बिना किसी खबर को क्रॉस चेक किए न चलाया जाए. हालांकि, सबसे आगे रहने के चक्कर में इस तरह की गलतियां होना लाजमी है, लेकिन अगर थोड़ा समय खबर को क्रॉस चेक करने में लगा दिया जाए तो गलत खबर दिखाकर शर्मिंदा होने से बचा जा सकता है.
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