फ्लाईओवर के साथ तीन-माह में दूसरी बार सरकार की साख भी ढही
फुटहिया फ्लाइओवर का निर्माण लगभग 60 फीसदी से ज्यादा पूरा हो गया था और इसके अचानक से गिरने की घटना ने कंस्ट्रक्शन में लापरवाही और काम में लगे मजदूरों के सुरक्षा मापदंडो पर सवाल उठाया है.
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उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले के नजदीक फुटहिया में शनिवार को एनएच 28 पर निर्माणाधीन फ्लाइओवर गिरने की घटना में चार लोग घायल हो गए हैं, जिनका अस्पताल में इलाज कराया जा रहा है. हालांकि राहत की बात ये है कि इसमें किसी की जान नहीं गई है. बता दें कि अभी वाराणसी में फ्लाईओवर की बीम गिरने का मामला पुराना नहीं हुआ था कि इस घटना ने एक बार फिर सरकार को सवालों के घेरों में खड़ा कर दिया है.
तीन महीने में दूसरा फ्लाईओवर गिरा
खबरों की मानें तो फुटहिया फ्लाइओवर का निर्माण लगभग 60 फीसदी से ज्यादा पूरा हो गया था और इसके अचानक से गिरने की घटना ने कंस्ट्रक्शन में लापरवाही और काम में लगे मजदूरों के सुरक्षा मापदंडो पर सवाल उठाया है. इस मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तुरंत कार्रवाई करते हुए राहत कार्य शुरू करने और यातायात सुचारू कराने के निर्देश दिए हैं. बता दें कि सुबह घटी ये घटना बड़ी हो सकती थी लेकिन सरकार के लिए राहत की बात ये है कि उस समय ज्यादा भीड़भाड़ नहीं थी. इस घटना के बाद प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ट्वीट में कहा कि बस्ती ब्रिज दुर्घटना की जानकारी मिलते ही जिलाधिकारी और एसपी को मौके पर भेज दिया गया है साथ ही चिकित्सा के जरुरी प्रबंध के निर्देश दिए गए हैं और प्रदेश सरकार हरसंभव सहयोग करेगी.
बस्ती ब्रिज दुर्घटना की जानकारी मिलते ही DM SP को मौके पर भेज दिया गया है चिकित्सा के समुचित प्रबंध के निर्देश दिए गए हैं राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं यातायात चालू करा दिया गया है प्रदेश सरकार हरसंभव सहयोग करेगी
— Keshav Prasad Maurya (@kpmaurya1) August 11, 2018
लेकिन इस हादसे के बाद विपक्ष के तेवर हमलावर दिखे. प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक ट्वीट के जरिये सरकार पर हमला बोलते हुए इसे “ना-काम सरकार” कहा और ये भी कहा कि सरकार को अपने कार्यों के जांच के लिए एक आयोग बना देना चाहिए.
बस्ती में बन रहे नेशनल हाईवे के फ्लाईओवर गिरने से हताहत लोगों को सरकार तुरंत राहत पहुँचाए. इस ‘ना-काम सरकार’ में कोई काम नहीं हो रहा है और जो एकआध हो भी रहा है, तो उसकी ये दुर्दशा है. अब तो सरकार को अपने कामों की कमी व भ्रष्टाचार की जाँच के लिए कोई स्थायी आयोग ही बना देना चाहिए. pic.twitter.com/hX6fPQV2bD
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) August 11, 2018
तो वहीं कांग्रेस के नेता राज बब्बर ने इस घटना के लिए मोदी- योगी को आड़े हाथों लेते हुए गवर्नेन्स पर सवाल उठाया और कहा कि लोगों की हिफाजत सरकार की प्राथमिकता नहीं है.
लखनऊ-गोरखपुर मार्ग पर #बस्ती में बन रहा पुल गिरा पड़ा है। कई लोगों के दबे होने की ख़बर है। वाराणसी में भी ब्रिज गिर पड़ा था। ईश्वर लोगों की रक्षा करें।
कैसी गवर्नेंस है ये। जनता की हिफाज़त मोदी-योगी की प्राथमिकता है ही नहींhttps://t.co/bfD6xRjJvZ
— Raj Babbar (@RajBabbarMP) August 11, 2018
बता दें कि इसी साल 15 मई को वाराणसी में फ्लाइओवर हादसे में 18 लोगों की मौत हो गई थी जिसको लेकर लोगों में भारी गुस्सा देखने को मिला था. प्रदेश सरकार ने इसकी जांच के लिए ना सिर्फ विशेष कमिटी का गठन किया था बल्कि कई अधिकारियों पर कार्रवाई भी की गई थी. कह सकते हैं कि निर्माण के समय ही इस तरह के हादसों से सरकार की छवि धूमिल होती है और विपक्ष को हमला करने का मौका मिल जाता है.
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