'गंदी बात' एक्ट्रेस गहना वशिष्ठ के बहाने जानिए क्या है पोर्नोग्राफी का कानूनी-गैरकानूनी पक्ष
मॉडल-एक्ट्रेस गहना वशिष्ठ (Gehana Vasisth news) की गिरफ्तारी के साथ ही ये बहस शुरू हो गई है कि क्या अश्लील फिल्म शूट करना या इसमें काम करना गुनाह है? कोई व्यक्ति अपने मोबाइल, लैपटॉप, कंप्यूटर पर यानी व्यक्तिगत स्तर पर पोर्न देख रहा है, तो क्या क्राइम माना जाएगा?
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मुंबई पुलिस ने एक हाई प्रोफाइल अश्लील रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए मॉडल और एक्ट्रेस गहना वशिष्ठ (Gehana Vasisth) को गिरफ्तार किया है. गहना वशिष्ठ वेब सीरीज 'गंदी बात' (Gandi Baat) और रियलिटी शो Bigg Boss सहित करीब 19 फिल्मों में काम कर चुकी है. इसमें हिन्दी, तमिल और एक स्पैनिश फिल्म भी शामिल हैं. गहना ने लॉकडाउन में अश्लील फिल्मों की शूटिंग शुरू की थी. वह इसे वेबसाइट और ऐप पर अपलोड किया करती थी. एक्ट्रेस की अश्लील फिल्मों को देखने के लिए लोगों को सब्सक्रिप्शन लेना पड़ता था, जिसके लिए 2000 रुपये तक फीस चुकानी पड़ती थी. गहना की गिरफ्तारी के बाद से मायानगरी यानि बॉलीवुड के पीछे छुपी अंधेरी दुनिया और भारत में पोर्नोग्राफी (Pornography) पर नए सिरे से बहस शुरु हो गई है.
दूसरों तक न्यूड या अश्लील वीडियो पहुंचाना कानूनन अपराध है. अधिकतर लोगों के दिमाग में सवाल आ रहे हैं कि क्या भारत में पोर्न देखना अपराध है? क्या अश्लील फिल्म शूट करना या इसमें काम करना गुनाह है? यदि कोई व्यक्ति अपने मोबाइल, लैपटॉप, कंप्यूटर पर व्यक्तिगत स्तर पर पोर्न देख रहा है, तो क्या इसे क्राइम माना जाएगा? इन सभी सवालों के जवाब जानने से पहले यह जान लीजिए कि पोर्नोग्राफी क्या होती है? ऐसी फोटो, वीडियो, टेक्स्ट, ऑडियो या अन्य कंटेंट जिसकी प्रकृति यौन हो और जो यौन कृत्यों और नग्नता पर आधारित हो, पोर्नोग्राफी (Pornography in India) के दायरे में आती है. ऐसे किसी भी कंटेंट को इलेक्ट्रॉनिक ढंग से पब्लिश करने, किसी को भेजने या किसी और के माध्यम से पब्लिश करवाने पर पोर्नोग्राफी निरोधक कानून लागू होता है. अश्लील वीडियो तैयार करने और उसे सर्कुलेट करने वाले भी इस दायरे में आते हैं.
आपने आजकल खूब देखा होगा कि व्हाट्सऐप ग्रुप में पोर्न वीडियो लोग सहजता से शेयर करते हैं, लेकिन ये गुनाह है. यदि आप पोर्न को कहीं पब्लिश कर रहे हैं या सर्कुलेट कर रहे हैं, तो ऐसा करना अपराध माना जाएगा. क्योंकि दूसरों तक न्यूड या अश्लील वीडियो पहुंचाना कानूनन अपराध है. वहीं, साइबर लॉ एक्सपर्ट की माने तो पोर्नोग्राफी प्रकाशित करना और इलेक्ट्रॉनिक जरियों से दूसरों तक पहुंचाना अवैध है, लेकिन उसे देखना, पढ़ना या सुनना अवैध नहीं है. हां, चाइल्ड पोर्नोग्राफी पर भारत में सख्त प्रतिबंध है. इससे जुड़े अपराध भारत में पॉक्सो एक्ट के तहत आते हैं. इस पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने कानून में संशोधन किया था. इसके तहत किसी भी बच्चे के यौन उत्पीड़न संबंधित तस्वीर, वीडियो, या कंप्यूटर से बनाई गई फोटो का इस्तेमाल हो, को चाइल्ड पोर्नोग्राफी (Child Pornography) माना है.
आइए अब यह जानते हैं कि पोर्नोग्राफी किसी कानून के तहत अपराध है और इसकी सजा क्या होती है. आपको बताते चलें कि पोर्न से जुड़े अपराधों पर आईटी ऐक्ट लागू होता है. आईटी ऐक्ट 67, 67 ए और 67 बी के तहत इन अपराधों के लिए सजा दी जाती है. यदि कोई पोर्न कंटेंट रेप या शारीरिक शोषण का है, तो इस मामले में आईटी ऐक्ट की धारा 67 ए के तहत केस दर्ज किया जाता है. चाइल्ड पोर्न सर्कुलेट करने वाले के खिलाफ धारा 67बी के तहत केस दर्ज करके कार्रवाई सुनिश्चित की जाती है. यदि कोई किसी के सेक्स करने या सेक्शुअल एक्टिविटी का वीडियो बनाता है तो यह क्राइम है. इसमें आईटी ऐक्ट की धारा 66-ई के तहत कार्रवाई किए जाने का प्रावधान है. आइए अब जानते हैं कि केस दर्ज होने और पुलिस चार्जशीट के बाद किस धारा में कौन सी सजा हो सकती है?
आईटी ऐक्ट की धारा 67ए के तहत अपराध की गंभीरता को देखते हुए पहले अपराध पर 5 साल तक जेल की सज़ा या/और दस लाख तक का जुर्माना हो सकता है. दूसरी बार यही अपराध करने पर जेल की सजा की अवधि बढ़कर 7 साल हो जाती है. जुर्माना 10 लाख ही रहता है. चाइल्ड पर्नोग्राफी के मामले में 67बी के तहत पहले अपराध पर 5 साल तक जेल की सजा या/और दस लाख तक का जुर्माना हो सकता है. वहीं दूसरी बार यही अपराध करने पर जेल की अवधि 7 साल हो जाती है. जुर्माने की राशि 10 लाख तक ही रहती है. आईटी ऐक्ट की धारा 67ए और 67 बी गैरज़मानती हैं. जैसा कि हमने पहले भी बताया कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी से जुड़े मामले में पॉक्सो कानून के तहत भी कार्रवाई होती है. इन मामलों में अपराध और सजा इसी कानून के तहत तय होता है.
जिस तरह से एक्ट्रेस गहना वशिष्ठ ने लॉकडाउन में अपनी पोर्न फिल्म शूट करके वेबसाइट और ऐप पर अपलोड करना शुरू किया था, उसी तरह इस दौरान पोर्न देखने वालों की संख्या भी तेजी से बढ़ी थी. आंकड़े इस बात के गवाह हैं कि लॉकडाउन के दौरान पोर्न फिल्मों की खपत तेजी से बढ़ गई थी. भारत तो दुनिया भर के देशों में लीड कर रहा था. यहां एडल्ट साइट्स पर जाने वालों के ट्रैफिक में 95 फीसदी उछाल आया था.
दुनिया की सबसे बड़ी पोर्न साइट पॉर्नहब ने ट्रैफिक से जुड़े आंकड़े जारी किए थे. इन आंकड़ों से कोरोना वायरस महामारी के खतरे से निपटने के लिए दुनिया भर में लॉकडाउन और क्वारनटीन जैसे उपाय किए जाने के बाद खपत पैटर्न का पता चला था. इस समयावधि में पोर्न फिल्म शूट करने वालों और इसे कंज्यूम करने वालों, दोनों की संख्या में इजाफा हुआ था.
भारत में पोर्न वेबसाइटों को प्रतिबंधित करने के बावजूद इस पर लगाम कसना आसान नहीं है. डिजिटलाइजेशन के इस युग में स्मार्ट गैजेट की मदद से युवा आसानी से युवा आसानी से पोर्न वेबसाइटों तक पहुंच रहे हैं. साल 2019 में इंडिया टुडे ने एक सेक्स सर्वे किया था, जिसमें कई चौंका देने वाले आंकड़े सामने आए थे. इस सर्वे में 79 फीदसी भारतीयों ने नियमित रूप से या कभी-कभार पोर्न देखने की बात कबूली थी.
इंडिया टुडे के इस रिसर्च का हिस्सा न सिर्फ पुरुष बल्कि महिलाएं भी समान रूप से शामिल थीं. 85.5 फीसदी पुरुषों ने यह माना था कि वह नियमित रूप से या कभी-कभार पोर्न देखते हैं. इस मामले में महिलाएं भी पुरुषों से बहुत ज्यादा पीछे नहीं थी. 71 फीसदी महिलाओं ने पोर्न देखने की बात पर सहमति जताई थी. जाहिर सी बात है कि महिलाओं के पोर्न देखने का कारण भी पुरुषों जैसा ही हो सकता है.
बताते चलें कि सोशल नेटवर्किंग साइट्स, डेटिंग पोर्टल और स्मार्टफोन एप बड़े पैमाने पर सेक्सटॉर्शन और साइबर स्टॉकिंग जैसे अपराधों में योगदान करते हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि पोर्न की लत से अपराध में वृद्धि तो होती ही है. इसके साथ ही यौन असुरक्षा भी पैदा हो रही है. पोर्न कंटेंट रिश्तों में कड़वाहट घोलने का भी काम कर रहे हैं. ऐसे में अपने देश में अश्लील कंटेंट या वीडियो के लिए कोई ठोस कानून भले ही न हो, लेकिन इस पर सेल्फरेगुलेशन करना बहुत जरूरी है. वैसे सरकार को भी चाहिए पोर्न कंटेंट के डिस्ट्रीब्यूशन पर नजर रखने के लिए एक जिम्मेदार संस्था का निर्माण करे.
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