पाकिस्तान में आ गए योग के 'अच्छे दिन'
पडौसी मुल्क पाकिस्तान में बड़े पैमाने पर योग की अलख जगाने का काम किया जा रहा है. इस्लामाबाद और लाहौर में कई लोग रोजाना योगा कर रहे हैं. इनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं.
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21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाएगा. लेकिन उससे पहले ही पडौसी मुल्क पाकिस्तान में बड़े पैमाने पर योग की अलख जगाने का काम किया जा रहा है. पाकिस्तान के इस्लामाबाद में कई लोग रोजाना योगा कर रहे हैं. उन्हें योग की वजह से काफी हद तक फायदा हो रहा है. यही वजह है कि लोग वहां योग की तरफ आकर्षित हो रहे हैं.
भारत में रहकर योग का प्रशिक्षण हासिल करने वाले शमशाद हैदर पाकिस्तान में लोगों को योग सीखा रहे हैं. वे नमाज के साथ-साथ योग भी कर रहे हैं. शमशाद योग को विज्ञान के तौर पर देखते हैं. उनका कहना है कि योग को किसी मजहब से जोड़ कर नहीं देखा जाना चाहिए. शमशाद के साथ उनके कई और साथी पाकिस्तान के मुखतलिफ शहरों में योग सिखाने लगे हैं. योग करने वाले कई पाकिस्तानी नागिरकों का मानना है कि उन्हें योग की वजह से कई गंभीर बीमारियों से राहत मिल रही है. खासकर अस्थमा और सांस के रोगियों को योग से फायदा पहुंचा है.
इस्लामाबाद के अलावा कई शहरों में योग की कक्षाएं चल रही हैं |
पहले केवल इस्लामाबाद के एक बड़े पार्क में हर सुबह लोगों को योगा करते देखा जा सकता था. लेकिन अब कराची और लाहौर में भी योग कराया जा रहा है. सबसे अहम बात है कि योग करने वालों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं. यहां तक कि एक जगह पर तो एक महिला ही योग प्रशिक्षक के तौर पर काम कर रही है. पाकिस्तान में योग का बढ़ता क्रेज कई लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर भी पैदा कर रहा है. कई पाकिस्तानी युवा योग सीखकर दूसरे देशों में इसका प्रचार-प्रसार करने की तैयारी में हैं.
हालांकि भारत में योग को अनिवार्य किए जाने को लेकर विवाद है. मगर अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को लेकर दिल्ली में खासी तैयारी है. प्रधानमंत्री मोदी इस मौके पर नया वर्ल्ड रिकार्ड बनाना चाहते हैं. वे राजपथ पर 35 हजार से ज्यादा लोगों के साथ 35 मिनट तक योगा करेंगे. बीजेपी के लोगों को इस कार्यक्रम के लिए खास फरमान जारी किया गया है. बहरहाल, अब कहा जा सकता है कि भारत में ही नहीं, पाकिस्तान में भी योग के 'अच्छे दिन' आ गए हैं.
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