मोदी जी, आनंदी बेन! तीन महीने से पानी में डूबे हैं बनासकांठा के कई गांव
राजस्थान की सीमा से लगा गुजरात का इलाका तीन महीने पहले आई बाढ़ की पीड़ा अब भी भोग रहा है. न राज्य सरकार का ध्यान गया है और न केंद्र का.
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प्राकृतिक आपदाएं आती हैं और कई पोल खोल जाती हैं, पता चल जाता है कि आपदाओं से निपटने में सरकार कितनी सक्ष्म है. सरकारी मदद और वायदों की हकीकत पता चल जाती है. गुजरात के बनासकांठा में तीन महीने पहले बाढ़ आई थी. जो 72 जानें लील गई. करीब 80 हजार जानवार भी मारे गए. इतना सब होने के बाद भी हालात सुधरे नहीं. कई गांव अब भी पानी में हैं.
नागला गांव की तरह दस और गांव भी डूबे हुए हैं |
गुजरात सरकार ने बाढ़ प्रभावित इलाकों के लिए 300 करोड़ की आर्थिक मदद का ऐलान तो कर दिया, लेकिन राहत के लिए काम अभी तक नहीं कर सकी. गुजरात के बनासकांठा जिले का नागला गाँव आज भी बाढ़ के पानी में पूरी तरह से डूबा हुआ है. मौसम के हालात तो अब सामान्य हैं, लेकिन गांव वालों का जीवन अभी भी सामान्य नहीं हो पाया है. गाँव में 3 से 5 फीट तक पानी भरा हुआ है. घरों को छोड़कर लोग गांव से दूर टैंट में रह रहे हैं. गांववालों का दर्द कम करने के लिए सरकार ने मुआवजा देने का वायदा तो किया, लेकिन वह कब तक पूरा होगा यह नहीं बताया. दो से ढ़ाई हजार एकड़ जमीन अब भी पानी में डूबी है. गांव से पानी निकालने के लिए सरकार कोई कदम नहीं उठा रही. लिहाजा ये गांववाले न अपने घर में रह पा रहे हैं और न ही खेती कर पा रहे हैं.
छोटे-मोटे कामों के लिए गांव में इस तरह जाना पड़ता है |
ये हाल सिर्फ एक गांव नागला का नहीं है. आसपास के करीब दस गांव के हालात नागला जैसे ही बदतर हैं. बनासकांठा जिले में बाढ आने पर करीब 800 गांव प्रभावित हुए थे जिसमें 100 से भी ज्यादा गांव को पूरी तरह खाली कराना पड़ा था.
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