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Updated: 24 फरवरी, 2021 12:57 PM
साहिल जोशी
साहिल जोशी
  @sahil.joshi.58
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सितंबर 2020 में जब महाराष्ट्र प्रतिदिन 35,000 और मुंबई प्रतिदिन 2500 कोरोना के मामलों के साथ शीर्ष पर पहुंच गए थे. महाराष्ट्र के सबसे दूर के एक जिले अमरावती में शायद 100 मामले प्रतिदिन सामने आ रहे थे. वहीं, आज जब महाराष्ट्र कोरोना की दूसरी लहर देख रहा है, तो मुंबई और अमरावती में रोजाना दर्ज होने वाले मामलों की गिनती लगभग एक है. अमरावती 5406 एक्टिव मामलों के साथ महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा एक्टिव कोविड-19 मामलों वाले जिलों की सूची में दूसरे स्थान पर है. मुंबई 6850 एक्टिव मामलों के साथ सबसे आगे है.

महामारी की शुरुआत

बीते साल जब भारत में कोरोना महामारी शुरू हुई थी, तो यह स्पष्ट था कि मुंबई देश के सबसे अधिक प्रभावित शहरों में से एक होगा. यह सिर्फ रोज दर्ज किए गए मामलों की संख्या के बारे में नहीं था, बल्कि कुल एक्टिव मामलों के बारे में भी था. महाराष्ट्र सरकार और मुंबई प्रशासन ने तर्क दिया था कि भारत में मार्च 2020 में पूरी तरह से लॉकडाउन की घोषणा होने से पहले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों, उनमें भी खासकर मिडिल ईस्ट (खाड़ी देशों) से आने वाले यात्रियों की वजह से ऐसा हुआ. मुंबई को मार्च 2020 के पहले कुछ हफ्तों में इन अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के रूप में कोविड-19 के अज्ञात कैरियर्स से बड़े स्तर पर संक्रमण का सामना करना पड़ा था. इसे शहर में बड़े पैमाने पर सामने आए मामलों के लिए एक वाजिब जवाब के तौर पर माना गया.

अमरावती का चौंकाने वाला मामला

वहीं, अब दूर-दराज के जिले अमरावती में मामले बढ़ रहे हैं. मुंबई की तरह, यहां कोई अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट नहीं है, यहां जनसंख्या घनत्व भी ज्यादा नहीं है, यहां कम भीड़-भाड़ वाला पब्लिक ट्रांसपोर्ट है और बाहरी लोगों की आवाजाही भी सीमित है. इन सबके बावजूद अमरावती में कोरोना के पॉजिटिव केस की दर 50 फीसदी तक पहुंच गई है. दूसरे शब्दों में कहें, तो करीब 50 फीसदी लोग जो कोवि़ड-19 के लिए टेस्ट करा रहे हैं, वे कोरोना पॉजिटिव निकल रहे हैं. कोरोना मामलों के चरम पर होने के बावजूद मुंबई में कोरोना पॉजिटिव रेट शायद ही 20 फीसदी के पार गया था.

कोरोना मामलों में अचानक बढ़ोत्तरी की वजह से अमरावती को 1 मार्च तक सख्त लॉकडाउन में रखा गया है.कोरोना मामलों में अचानक बढ़ोत्तरी की वजह से अमरावती को 1 मार्च तक सख्त लॉकडाउन में रखा गया है.

सख्त लॉकडाउन

कोरोना मामलों में अचानक हुई बढ़ोत्तरी की वजह से अमरावती को 1 मार्च तक सख्त लॉकडाउन में रखा गया है. अमरावती जिले के लिए राहत की बात ये है कि कोरोना से मृत्यु दर 0.57 प्रतिशत है. कोरोना के मामले बढ़ने के बावजूद मौतें अब तक कम हैं.

अमरावती में क्या हुआ था?

अमरावती के ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में शहरी क्षेत्रों में ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं. हालांकि, प्रशासन को अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि अचानक से ऐसा किस वजह से हुआ है. अमरावती के नगर आयुक्त पीयूष सिंह का कहना है कि फिलहाल हम केवल सामान्य वजहों की ओर ही देख रहे हैं, जो हर जगह दिख सकता है. जैसे भीड़-भाड़ वाले बाजारों में मास्क का इस्तेमाल न करने वाले और कोरोना को लेकर जारी प्रोटोकॉल को मानने में कोताही बरतने वालों आदि के तौर पर ही इसे देखा जा सकता है.

जब मामले बढ़ने लगे, तो शुरू में अधिकारियों ने सोचा कि यह कोरोना वायरस के नए म्यूटेटेड स्ट्रेन की वजह से हो रहा है. प्रशासन ने इस बात की पुष्टि के लिए कुछ नमूने पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी को भेजे हैं. पीयूष सिंह ने कहा कि जो अंतर हम अब देख रहे हैं, वह यह है कि मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. साथ ही अगर परिवार का कोई व्यक्ति कोरोना संक्रमित है, तो परिवार के अन्य लोग भी पॉजिटिव निकल रहे हैं. ऐसा पहले नहीं था.

बदलता मौसम

अमरावती में फरवरी के पहले हफ्ते में अचानक मौसम में बदलाव आया. इसकी वजह से अमरावती शहर के सरकारी और प्रइवेट अस्पतालों में मौसम बदलने से होने वाले फ्लू के रोगियों की बढ़ने लगी. इनमें से कई रोगियों को कोरोना टेस्ट कराने के लिए कहा गया था और उनमें से ज्यादातर पॉजिटिव निकले थे. प्रोटोकॉल के अनुसार, इन संक्रमितों के परिवार के सदस्यों का भी टेस्ट किया गया और उनमें से कई कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे. स्थानीय प्रशासन ने अमरावती शहर में कॉन्ट्रैक्ट ट्रेसिंग बढ़ा दी है. संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने वाले कम से कम 30 लोगों के टेस्ट किए जा रहे हैं.

इस बीच विशेषज्ञ अमरावती और विदर्भ इलाके के पड़ोसी जिलों में इस चलन को गौर से देख रहे हैं. हालांकि, अभी तक मामलों में अचानक से आए उछाल को समझाने वाला कोई ठोस निष्कर्ष नहीं मिला है. महाराष्ट्र के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक डॉ. सुभाष सालुंके ने कहा कि यहां कोरोना का तेजी से प्रसार हो रहा है, लेकिन मृत्यु दर नहीं बदली है. हम साप तौर पर देख सकते हैं कि वायरस में म्यूटेशन हुआ है, जो कोरोना के मामलों को बढ़ा रहा है. हालांकि, हमें नतीजों और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी से इसकी पुष्टि का इंतजार करना होगा. फिलहाल, अमरावती में कोरोना मामलों की अचानक बढ़ोत्तरी क्यों हुई है, इसका कोई जवाब नहीं है.

लेखक

साहिल जोशी साहिल जोशी @sahil.joshi.58

लेखक इंडिया टुडे टीवी में सीनियर एडिटर हैं

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