लव जिहाद के बाद अब खतरनाक 'लैंड जिहाद' !
2009 में एक शब्द प्रचलन में आया लव जिहाद. उसके बाद से ही न जाने कितने लोगों को इसकी आग में जलना पड़ा, न जाने कितने मासूम लोग परेशान हुए. अब एक और शब्द सामने आया है लैंड जिहाद....
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कुछ समय पहले जब मुझे मुंबई में एक फ्लैट किराए पर लेना था तो ब्रोकर ने कई घर दिखाए. एक बिल्डिंग में आते ही उसने कहा कि इस बिल्डिंग में मुस्लिम, चमार जैसे कोई गंदे लोग नहीं रहते. यहां सब हमारे भाई हैं और आपको कोई तकलीफ नहीं होगी. एक बार उसकी बात सुनकर मैं चौंक गई थी, वहां से निकलना ही मैंने सही समझा. वो इलाका था मुंबई के दादर स्थित सिद्धीविनायक मंदिर के नजदीक का इलाका.
हमारे देश में मुस्लिम परिवारों का मोहल्ला अलग ही होता है. ज्यादातर लोग मुस्लिम बहुल इलाके में घर नहीं लेना चाहते और अगर कोई मुस्लिम परिवार अपने घर के पास घर ले ले तो मुंह-नाक सिकोड़ने लगते हैं. देश में मुस्लिमों के खिलाफ एक लव जिहाद नाम का शब्द बहुत चर्चित है. इसी के बीच पिछले कुछ दिनों से या यूं कहें महीनों से एक नया शब्द सामने आया है. वो है 'लैंड जिहाद'. जी हां, Land Jihad. यानि जमीन का जिहाद.
कहां से हुई शुरुआत..
जिन लोगों ने ये पहली बार सुना है उन्हें बता दूं कि ये मेरठ के एक इलाके मालिवाड़ा से शुरू हुआ. लैंड जिहाद नहीं उसका जिक्र मालिवाड़ा से शुरू हुआ. दरअसल, एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर नौमन अहमद का परिवार मेरठ में पिछले 30 सालों से एक कमरे के घर में रह रहा था. उसके बाद उन्होंने पास ही के मालिवाड़ा में एक मकान खरीदा. मकान खरीदने के लिए लोन भी लिया गया. जब मकान में शिफ्ट होने का दिन आया तब करीब 100-150 लोग उनके घर के आगे आकर बोले कि एक मुस्लिम परिवार इस इलाके में नहीं रह सकता. जी हां, एक मुस्लिम भारतीय परिवार भारत में ही एक विशेष इलाके में घर के पैसे देने के बाद भी नहीं रह सकता.
यही वो घर है जिसे मुस्लिम परिवार के खरीदने पर आपत्ती जताई गई थी.
जब इस बारे में तफ्तीश हुई तो कई हिंदू संगठनों ने इसके बारे में बात की और कहा कि ये यकीनन लैंड जिहाद के कारण हो रहा है.
क्या होता है लैंड जिहाद?
जब इस बारे में जानकारी ली गई कि लैंड जिहाद क्या होता है तो उनका कहना था कि किसी मोहल्ले में एक मुस्लिम परिवार बसता है. फिर उसके आस-पास कई और मुस्लिम परिवार आ जाते हैं. मुस्लिम परिवार अपनी हरकतों के कारण हिंदुओं का जीना हराम कर देते हैं, फिर मजबूरी में हिंदुओं को अपने घर-बार कम दाम में बेचकर जाना होता है. ऐसे धीरे-धीरे कर पूरा मोहल्ला मुस्लिम बहुल हो जाता है. ये होता है लैंड जिहाद.
विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, भारतीय जनता युवा मोर्चा जैसे हिंदू संगठन इस बात का विरोध कर रहे हैं कि हिंदू मोहल्ले में मुस्लिमों को मकान नहीं खरीदना चाहिए. इस तरह की राजनीति भी हो रही है.
Everyone has the right to buy land wherever they want but I have just one question, can Laxmikant Bajpai buy land in Kashmir?: Laxmikant Bajpai,BJP #Meerut pic.twitter.com/KoXFOUUBEo
— ANI UP (@ANINewsUP) December 20, 2017
तो क्या वाकई समस्या इतनी गहरी है?
हिंदुस्तान में चिंगारी कहीं एक जगह से उठती है और आने वाले समय में वो विकराल रूप ले लेती है. अगर लव जिहाद की ही बात करें तो ये एक छोटे से किस्से से शुरू हुआ था जो अब इतना विकराल रूप ले चुका है कि भारत में उसके कारण कई जानें चली गईं.
लव जिहाद पर इस तरह से राजनीति अभी तक हो रही है और इतने जहरीले बयान दिए जा रहे हैं.
लव जिहाद की समस्या जो इतना विकराल रूप ले सकती है, ज़रा सोचिए उसी समस्या से सामने आया शब्द लैंड जिहाद कितना जहरीला हो सकता है. हिंदू-मुस्लिम विवाह और मॉरल पुलिसिंग से जुड़ी समस्याएं सभी को पता हैं. हमारे देश में एक लड़की सिर्फ इसलिए आत्महत्या कर लेती है क्योंकि उसका I LOVE MUSLIMS का मैसेज वायरल हो जाता है और कट्टर हिंदू संगठनों के कुछ लोग आकर उसे और उसके घर वालों को धमकी देते हैं.
हमारे देश में हिंदू और मुस्लिम के नाम पर शुरुआत से ही कत्लेआम होता रहा है और अगर इस तरह लोग एक-एक कर जिंदगी की आम चीजों को जिहाद से जोड़ते रहे तो यकीनन समस्या और विकराल हो जाएगी.
देश में जहां हिंदू, मुस्लिम, सिख, इसाई हम सब भाई-भाई का नारा गूंजना चाहिए वहां लैंड जिहाद जैसी बकावस गूंज रही है. खुद ही सोचिए कि क्या इस देश के एक नागरिक को अपना खुद का घर खरीदने के लिए भी कास्ट सर्टिफिकेट देखना होगा? किस सदी में रह रहे हैं हम?
एक प्रॉपर्टी ब्रोकर अपने मुस्लिम क्लाइंट के लिए घर नहीं ढूंढ पाता. दिल्ली जैसे शहर में मेरे अपने दोस्तों को ये समस्या हुई. लोग मुस्लिमों को घर नहीं देना चाहते. कोई कहता है कि घर में मीट बनाते हैं इसलिए नहीं देते, कोई कहता है कि गंदगी करते हैं इसलिए नहीं देते, किसी को लगता है कि उनका रहन-सहन हमारे लिए ठीक नहीं, कोई यहां तक कहता है कि मुस्लिम आएंगे और हुड़दंग करेंगे.
क्या वाकई ऐसा होता है? जाने कब तक भारत में हिंदू-मुस्लिम मामले में लोगों को परेशान होना पड़ेगा? न जाने कब देश जाति और धर्म की राजनीति और नफरत से ऊपर उठ पाएगा.
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