एक मां को कितनी सैलरी मिलनी चाहिए ?
एक मां कितना काम करती है? क्या इसका अंदाजा लगाया जा सकता है? क्या कभी ये आंकलन किया जा सकता है कि एक मां को कितनी सैलरी मिलनी चाहिए?
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मानुषी छिल्लर मिस वर्ल्ड बन चुकी हैं. ये मुकाम हासिल करने वाली वे छठवीं भारतीय हैं. विश्व सुंदरी स्पर्धा के फाइनल राउंड के जिस फाइनल जवाब ने मानुषी के सिर पर ताज पक्का किया, उसने पूरी दुनिया में एक नए विषय पर चर्चा को जन्म दे दिया है. मानुषी से पूछा गया था कि सबसे ज्यादा सैलरी किस प्रोफेशन को मिलनी चाहिए ?
मानुषी ने जो इसका जवाब दिया, उसकी तारीफ पूरी दुनिया कर रही है. उन्होंने अपनी मां को याद करते हुए कहा कि एक मां की भूमिका का वैसे तो कोई मोल नहीं हो सकता, लेकिन यदि ऐसा हो तो सबसे ज्यादा सैलरी की एक मां की होनी चाहिए. ये सिर्फ कैश में नहीं देखा जा सकता. उसे प्यार और आदर के भाव से भी देखना चाहिए.
अब सवाल ये उठता है कि यदि मां के लिए सैलरी तय की जाए, तो वह क्या हो ? कुछ सर्वे और अध्ययनों में इसकी कोशिश हुई है...
ये था मानुषी से सवाल और फिर उनका जवाब :
वैसे तो एक मां की सैलरी की गणना करना बेहद कठिन है. वह किसी तय शिफ्ट में काम नहीं करती. अपने घर बेहिसाब समय देती है. यदि उसके काम करने के समय का औसत निकाल भी लिया जाए. तो अगली कठिनाई उन कामों की सूची बनाने की होगी, जो एक मां नियमित रूप से घर में करती है. अमेरिकी वेबसाइट Salary.com ने इस मामले में पूरा सर्वे किया है और ये अनुमान लगाया है कि आखिर एक मां को कितनी सैलरी मिलनी चाहिए...
Salary.com के मुताबिक घरेलू मां की सैलेरी :
Salary.com के मुताबिक कामकाजी मां की सैलेरी :
ये दोनों तस्वीरें सैलरी.कॉम के सर्वे के अनुसार हैं. इसके हिसाब से तो एक हाउसवाइफ जो एक मां है उसकी सैलरी वर्किंग महिला की सैलरी से ज्यादा होनी चाहिए.
क्या-क्या काम करती है मां...
मां बहुत से काम ऐसे करती है जिन्हें करवाने के लिए किसी बाहरी व्यक्ति को काफी मोटी रकम चुकानी होगी जैसे...
जैसे एक मां शेफ होती है, टीचर होती है, किसी मैनेजर की तरह काम संभालती है, सोशल मीडिया और नेटवर्क का ध्यान रखती है, साइकोलॉजिस्ट होती है, सफाई कर्मचारी होती है, कपड़े धोने वाली होती है, इवेंट प्लानर होती है, मेंटेनेंस सुपरवाइजर होती है, घर में क्या चीज खत्म है और क्या नहीं यानि लॉजिस्टिक्स का सारा काम करती है, न्यूट्रीशनिस्ट होती है, कभी-कभी प्लंबर भी होती है, आज के जमाने में फोटोग्राफर भी होती है, एकैडमिक एडवाइजर भी होती है, कोच भी होती है, बच्चों के लिए तो अकाउंटेंट भी होती है, समर स्कूल टीचर भी होती है, अपने घर के लिए इंटीरियर डिजाइनर भी होती है और छोटे-मोटो कामों को मिला लिया जाए तो शायद एक मां से ज्यादा काम और कोई नहीं करता.
सैलरी.कॉम के सर्वे के हिसाब से तो एक मां को 143,102 डॉलर सालाना सैलरी मिलनी चाहिए जो लगभग 93 लाख सालाना होती है. खैर, ये आंकड़ा अमेरिका के हिसाब से है, लेकिन अगर भारत को देखें तो? भारत में कॉस्ट ऑफ लिविंग काफी कम है और इस हिसाब से शायद 10 गुना कम लेकिन भारत को देखें तो...
1. चाइल्ड केयर स्पेशलिस्ट...
डेकेयर सेंटर, क्रच, फुल टाइम मेड यानि अपने बच्चे के लिए आया रखना भी 12000 रुपए प्रति माह से कम नहीं होगा. उसमें भी ये 8 घंटे प्रति दिन और महीने में 25 दिन ही होगा. एक मां तो 24*7 काम करती है उस हिसाब से सैलरी कम से कम 18000 रुपए प्रति माह होगी.
2. शेफ..
एक पर्सनल शेफ या हिंदी में कहें तो खाना बनाने वाली बाई की तनख्वाह क्या है? अगर पूरे घर का खाना बनाना है जिसमें 5-6 लोग हैं तो सिर्फ दो टाइम खाना बनाने के 5000 रुपए ... इसमें बर्तन धोना नहीं जुड़ा होता. अब इसमें बर्तन धोना, खाना परोसना, पार्टी की तैयारी करना, नाश्ता बनाना शामिल कर दें तो कम से कम 7000-8000 रुपए प्रति माह तो होगी ही सैलरी...
3. कपड़े और बर्तन धोना...
ये कहना गलत नहीं होगा कि सबसे ज्यादा समय और फिजिकल मेहनत इस काम में ही जाती है. ऐसे में एक फुल टाइम मेड 8000 रुपए से कम तो नहीं लेगी. जो पूरे घर के कपड़े धोए और सफाई भी करे.
4. ड्राइवर..
ये सभी महिलाओं के लिए नहीं है क्योंकि अभी भी कई ऐसी हैं जिन्हें गाड़ी चलाना नहीं आता, लेकिन जिन्हें आता है वो ड्राइवर भी होती हैं वो भी ऐसी ड्राइवर जो बच्चों को स्कूल छोड़ने के साथ बाजार से सामान भी लेकर आए. ऐसे में एक ड्राइवर की सैलरी तो 8000 रुपए से कम नहीं होगी.
5. मैनेजर..
लॉजिस्टिक मैनेजर, सेक्रेटरी, फाइल मैनेजर, इवेंट प्लानर इन सबको अगर एक ही हिस्से में जोड़ दिया जाए तो ये बच्चों की बर्थडे पार्टी, दिन भर सारा सामान जगह पर रखना और बच्चों को दूध से लेकर दवाई तक सब हाथ में लाकर देना, पूरा घर चलाना, अकाउंटेंट की तरह भी काम करना सब कुछ मिलाकर 15000 रुपए प्रति माह तो हो ही जाएगा.
6. पर्सनल नर्स...
बच्चों और बूढ़ों का ध्यान रखने वाली फुल टाइम नर्स. दवा समय पर देना, हाइजीन का ख्याल रखना, चोट लगने पर मरहम पट्टी करना, सर्दी, गर्मी, बरसात हर मौसम के लिए इम्यूनिटी बढ़ाने की दवाएं देना सब कुछ एक नर्स का काम होता है. इसकी सैलरी 3000 रुपए महीना तो हो ही सकती है. अगर घर में कोई स्पेशल चाइल्ड है या फिर कोई बूढ़ा इंसान है जिसे बच्चों की तरह देखभाल चाहिए तो इस सैलरी को तीन गुना कर दीजिए और ये 9000 तो हो ही सकती है.
7. टीचर...
चाहें ट्यूशन टीचर हो या फिर संडे की स्पेशल क्लास, या फिर बच्चों को संस्कार सिखाने की बात हो. एक मां से बेहतर टीचर कोई हो ही नहीं सकती. एक प्राइवेट टीचर की सैलरी 6000 रुपए महीना तो होगी ही.
8. और भी बहुत कुछ...
इसके अलावा भी बहुत कुछ ऐसे काम होते हैं जिन्हें शायद यहां बताना भूल गए हैं, लेकिन 2000 रुपए प्रति माह फुटकर खर्च जोड़ लीजिए.
इस सबको जोड़ दिया जाए तो कुल मिलाकर 73000 रुपए प्रति माह तो होगा ही. यानि कुल 8 लाख 67 हजार प्रति साल सैलरी तो होगी ही. इस सैलरी में कहीं भी मां का प्यार नहीं जुड़ा है. हालांकि, इसमें भारत के अनुसार मैच मेकर भी नहीं जुड़ा है. हर बच्चे के लिए उसकी पर्सनल मेट्रिमोनियल साइट मां ही होती है जिसकी प्रीमियम मेंबरशिप पूरी जिंदगी के लिए है.
ये सिर्फ उन कामों की सैलरी है जो एक मां अपने बच्चे के लिए किसी न किसी तरह से करती है. तो खुद ही सोच लीजिए जिन बच्चों को ये लगता है कि उनकी मां तो सिर्फ हाउस वाइफ है, वो असल में कितने रोल निभा चुकी है और कितने लगातार निभा रही है. यहां हम एक बार फिर हमारी विश्व सुंदरी मानुषी छिल्लर के जवाब को दोहरा लेते हैं, कि हम अपनी मां को कैश नहीं दे सकते हैं तो कम से कम प्यार और सम्मान की दौलत तो उस पर लुटा ही सकते हैं.
पुनश्च : दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनी एपल के सॉफ्टवेयर इंजीनियर की औसत सालाना सैलेरी 1,21,674 डॉलर है. जबकि सैलरी डॉट कॉम की गणना के मुताबिक एक घर में रहने वाली मां सालभर में जितना काम करती है, यदि वही काम किसी प्रोफेशनल से दिया जाए तो उसके बदले सालाना 1,43,102 डॉलर चुकाने होंगे. यानी एक मां की सैलेरी एपल के लिए काम करने वाले एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर से 15 फीसदी ज्यादा होनी चाहिए.
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