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Updated: 29 अगस्त, 2015 10:23 AM
शम्‍स ताहिर खान
शम्‍स ताहिर खान
  @ShamsTahirK
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बात जून के पहले हफ्ते की है. मुंबई पुलिस कमिश्नर राकेश मारिया को एक गुमनाम फोन आता है. फोन करने वाली एक लड़की थी. ये लड़की शायद शीना की दोस्त थी. वो फोन पर राकेश मारिया को बताती है कि शीना वोरा नाम की एक लड़की का तीन साल पहले कत्ल हो चुका है और उसे शक नहीं बल्कि यकीन है कि कत्ल उसी की मां इंद्राणी मुखर्जी ने किया है. वो ये भी बताती है कि इंद्राणी मुखर्जी के पति का नाम पीटर मुखर्जी है, जो एक बड़े आदमी हैं. इतना ही नहीं वो इंद्राणी मुखर्जी के घर का पता भी बताती है. इसके बाद वो फोन काट देती है.

राकेश मारिया इस खबर को सुनने के बाद सबसे पहले खार पुलिस स्टेशन से शीना नाम की किसी लड़की के बारे में जानकारी मांगते हैं. पर थाने में तीन साल पहले हुई ऐसी किसी वारदात की कोई खबर नहीं थी, लेकिन राकेश मारिया को अब तक यकीन हो चला था कि फोन करने वाली सच कह रही है. इसी के बाद उन्होने अपने सबसे भरोसेमंद इंस्पेक्टर दिनेश कदम को मामले की जांच करने की जिम्मेदारी सौंपी. लेकिन इस हिदायत के साथ कि ऐसी किसी जांच की भनक किसी को न लगे.

दिनेश कदम ने सबसे पहले गुपचुप तरीके से इंद्राणी मुखर्जी और पीटर मुखर्जी के बारे में जानकारी इकट्ठी करनी शुरू की. इंद्राणी के वर्ली के घर, घर के सदस्यों के बारे में पूरी छानबीन की तो पहली बार उन्हें पता चला कि हां शीना नाम की एक लड़की जो इंद्राणी की बहन है घर में अक्सर आती जाती रहती थी पर पिछले तीन सालों से उसका कोई अतापता नहीं है.

दिनेश कदम और उनकी टीम इस तरीके से मामले की तफ्तीश कर रही थी कि मुखर्जी परिवार को जरा भी शक न हो. लेकिन परिवार या परिवार के जानने वालों से बात किए बिना सच्चाई पता लगाना मुश्किल था. इसी के बाद जांच के दौरान पता चला कि कुछ साल पहले तक श्यामवर राय नाम का एक ड्राइवर इंद्राणी की गाड़ी चलाता था. पुलिस ने किसी तरह श्यामवर को ढूंढ निकाला. उसके बाद उसका लगातार पीछा किया जाने लगा, साथ ही उसके मोबाइल को भी सर्विलांस पर लगा दिया. लेकिन इन दोनों चीजों से ही केस आगे नहीं बढ़ रहा था. आखिर में पुलिस ने फैसला किया कि श्यामवर को गिरफ्तार किया जाए, लेकिन खतरा एक था. जिस वक्त श्यामवर की निगरानी की जा रही थी तब इंद्राणी मुखर्जी देश के बाहर थीं. पुलिस को शक था कि राय की गिरफ्तारी की खबर मिलने पर शायद वो देश ही न लौटें. इसीलिए पुलिस ने इंद्राणी के देश लौटने का इंतजार करने का फैसला किया.

मामला हाई प्रोफाइल था लिहाजा मारिया कोई रिस्क लेना नहीं चाहते थे. सो इस दौरान मारिया ने अपने सबसे भरोसेमंद इंस्पेक्टर दिनेश कदम का तबादला खार पुलिस थाने में कर दिया. साथ ही दूसरे भरोसेमंद सीनियर इंस्पेक्टर दताते भारगुड़े को भी खार पुलिस स्टेशन भेज दिया. इसके अलावा अपने भरोसेमंद एसीपी संजय कदम को भी खार थाने से जोड़ दिया. ये तीनों अफसर शुरुआती दौर से ही राकेश के मारिया के साथ रहे हैं और यहां तक कि 26/11 की जांच में भी शामिल रहे हैं.

उधर एक रोज खबर मिलती है कि इंद्राणी मुंबई लौट आईं. खबर मिलते ही अब पुलिस श्यामवर राय को उठा लेती है. गिरफ्तारी आर्म्‍स एक्ट के तहत दिखाई जाती है. इसके बाद उससे पूछताछ होती है. उसे डराया जाता है कि आर्म्स एक्ट में संजय दत्त भी जेल जाने से नहीं बचे. इसलिए शीना के कत्ल का सच बता दो. पुलिस की सख्ती के आगे राय जल्द ही टूट जाता है और फिर वो 24 अप्रैल 2012 की सारी कहानी उगल देता है. पर पुलिस को उसके बयान पर अब भी यकीन नहीं था. राकेश मारिया सिर्फ ड्राइवर के बयान पर इंद्राणी मुखर्जी को गिरफ्तार करने का रिस्क नहीं लेना चाहते थे. लिहाजा सबसे पहले राय के बयान की तस्दीक करने का फैसला लिया.

श्यामवर राय को रायगढ़ के उस जंगल में ले जाया गया जहां उसने शीना की लाश को जलाने और दफनाने की बात कही थी. राय की बताई जगह से पुलिस को कुछ इंसानी हड्डियां मिलती हैं. इसके बाद रायगढ़ पुलिस से ये भी पता चल जाता है कि 23 मई 2012 को ठीक उसी जगह से एक महिला की जली हुई और बुरी हालत में लाश मिली थी.

इंसानी हड्डियां, रायगढ़ पुलिस के बयान और राय के कबूलनामे के बावजूद पुलिस अब भी इंद्राणी मुखर्जी पर हाथ नहीं डालना चाहती थी. उसे कुछ और सबूतों की तलाश थी. आखिरकार ये सबूत मिले श्यामवर राय, इंद्राणी मुखर्जी और संजीव खन्ना के 24 अप्रैल 2012 के फोन लोकेशन से. सारी कडि़यां जुड़ चुकी थीं. सबूत अब सॉलिड थे. इसी के बाद मारिया ने अपनी टीम को इंद्राणी मुखर्जी को गिरफ्तार करने की हरी झंडी दे दी और आखिरकार 25 अगस्त को इंद्राणी मुखर्जी को गिरफ्तार कर लिया गया.

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लेखक

शम्‍स ताहिर खान शम्‍स ताहिर खान @shamstahirk

लेखक आजतक न्‍यूज चैनल में एक्‍जीक्‍यूट‍िव एड‍िटर हैं

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