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Updated: 08 जनवरी, 2022 10:38 PM
ज्योति गुप्ता
ज्योति गुप्ता
  @jyoti.gupta.01
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गाजियाबाद में रहने वाली रंजना कहती हैं कि मुझे 3 दिन से बुखार और खांसी है और कोई दवा भी काम नहीं कर रही है, समझ नहीं आ रहा है कि यह सर्दी-जुकाम वाला बुखार है या कहीं मुझे कोरोना (Corona) तो नहीं हो गया? रोज अलग-अलग तरह की खबरें सामने आ रही हैं. कोई कहता है कि ओमीक्रोन (Omicron) खतरनाक नहीं है तो कोई कह रहा है कि इसे हल्के में लेने की भूल न करें.

ऐसे में क्या हमें डॉक्टर के पास जाना चाहिए या इसे साधारण सर्दी-जुकाम की दवा से काम चलाना चाहिए. मैं तो कभी सर्दी की दवा ही नहीं खाती, वो तो अपने आप 5-7 दिन में ठीक हो जोती है. अंदर ही अंदर इस बात का डर भी लग रहा है कि अगर ये सर्दी ना होकर कोरोना हुआ तो? अब सब लोग तो यही बोल रहे हैं कि ओमीक्रोन का लक्षण सर्दी जैसे ही है. खांसी तो दोनों में ही आती है और नाक बंद भी हो जाता है.

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जो समस्या रंजना की है वही परेशानी आजकल कई लोगों को है. असल में इन दिनों ठंड जमकर पड़ रही है. नए साल के मौकों पर ज्यादातर लोग बाहर घूमने-फिरने भी गए थे. ऐसे में कोई लोगों को सर्दी-जुकाम की दिक्कत हो रही है. इस बीच कोरोना मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी देखी जा रही है. ऐसे में कई लोग इस बात को लेकर असमंसज में हैं कि उन्हें नॉर्मल सर्दी-बुखार है या फिर कोरोना या फिर ओमीक्रोन. WHO एक्सपर्ट की माने तो ओमीक्रोन के लक्षण इस बार ज्यादा खतरनाक नहीं हैं और सर्दी-जुकाम के लक्षणों से काफी मिलते जुलते हैं.

तो जिन लोगों को कंफ्यूजन है वे जान लें कि ओमीक्रोन और नॉर्मल सर्दी-खांसी में कितना अंतर है?

सबसे पहली बात तो यह कि आपको कभी भी कोविड-19 वेरिएंट ओमीक्रोन को आम सर्दी-जुकाम समझने की गलती नहीं करनी चाहिए. कुछ एक्सपर्ट ने भले ही पहले यह बताया था कि यह डेल्टा की तुलना में कम खतरनाक है लेकिन कोविड में लगे डॉक्टर्स का कहना है कि ओमीक्रोन इतना हल्का भी नही हैं जितना बताया जा रहा है. आप इतना तो समझ गए होंगे कि देश में तीसरी लहर दस्तक दे चुकी है. फायनेंशियल सर्विसिज फर्म नोमूरा ने एक नोट में भारत में ओमीक्रोन के चलते तीसरी लहर से जुड़े अनुमान जारी कर दिए.

जिसके अनुसार, अगर भारत में ओमीक्रोन अमेरिका की तरह फैलता है तो फरवरी में पीक के समय रोजोना डेली 30 लाख केस सामने आ सकते हैं. एक बात और जरा भी अगर डाउट हो तो कोरोना की जांच तुरंत करा लें क्योंकि आपकी शुरुआती लापरवाही पूरे जीवन पर भारी पड़ सकती है. ओमिक्रोन केस की स्टडी के आधार पर हेल्थ एक्पर्ट्स ने जो कुछ भी बताया है उसके हिसाब से ओमिक्रोन पॉजिटिव होने पर आपके शरीर में ये लक्षण देखने को मिलेंगे. चलिए बताते हैं.

इन लक्षणों को देखकर आसानी से पता ओमीक्रोन है-

थकान

जोड़ों में दर्द

जुकाम

लगातार सिर दर्द रहना

गले में खराश या जलन की समस्या

ये सर्दी-जुकाम वाले लक्षण हैं-

सर्दी-जुकाम में सिर दर्द रहता है और नाक बहती है

सर्दी में छींके आती हैं और सिर भारी रहता है

सर्दी, दर्द सिर के अलावा शरीर के दूसरे अंगों को प्रभावित नहीं करता है

सर्दी में खले में खराश नहीं महसूस होती

सर्दी में नाक के अंदर सूखापन आ जाता है

सर्दी में थकान महसूस नहीं होती बल्कि चिड़चिड़ाहट महसूस होती है

कोविड-19 और ओमीक्रोन में क्या अंतर है?

ओमीक्रोन का वायरस गले में पनपता है जबकि कोविड-19 का वायरस गले या नाक के रास्ते जाकर सीधे फेफड़ों पर हमला बोलता है.ओमीक्रोन में फेफड़े सही रहते हैं और सांस लेने में परेशानी नहीं होती है जबकि कोविड-19 में फेफड़े क्षतिग्रस्त हो जाते हैं और सांस लेने में परेशानी होती है. ओमीक्रोन में ऑक्सीजन लेवल कम नहीं होता जबकि कोविड-19 में ऑक्सीजन की कमी की वजह से कई लोगों ने अपनी जान गवां दी.

ओमीक्रोन की वजह से जिन लोगों को अधिक परेशानी हो रही है वे अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं और जिन लोगों में हल्के लक्षण वे घर में ही ठीक हो जा रहे हैं. कई लोगों ने ओमीक्रोन को सामान्य सर्दी-जुकाम ही समझ लिया है. उन्हें लगता है कि गले में खराश, नाक बहने की दिक्कत और सिरदर्द है मतलब हमें ठंड लग गई है लेकिन विशेषज्ञों ने इसे हल्के में लेने से मना किया है. लोगों को लगता था कि सूंघने की शक्ति या स्वाद चला जाए, खांसी के साथ तेज बुखार हो मतलब कोरोना है. हालांकि अब ओमीक्रोन के लक्षण ने इस सोच को बदल दी है क्योंकि यह डेल्टा की तुलना में काफी तेजी से फैल रहा है.

कोरोना वायरस से बचने के उपाय-

दो गज दूरी और मास्क है जरूरी समय-समय पर हाथ धोते रहेंहाथ न धो पाएं तो सैनेटाइजर का उपयोग करेंहाथ से फेस को बार-बार टर न करेंकिसी से भी डायरेक्ट कान्टैक्ट न करें लक्षण दिखने पर डॉक्टर को दिखाएं

वैसे ओमिक्रोन के हल्के लक्षण होने की वजह यह हो सकता है कि अधिकतर लोगों को वैक्सीन लग चुका है या फिर कोरोना होकर ठीक हो गया है तो उनकी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ गई है. हालांकि अब घर पर भी रैपिड टेस्ट किया जा सकता है. इसलिए शरीर में लक्षण दिखने पर लापरवाही न करें और जांच जरूर कराएं. याद रखिए सावधानी ही सुरक्षा है.

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लेखक

ज्योति गुप्ता ज्योति गुप्ता @jyoti.gupta.01

लेखक इंडिया टुडे डि़जिटल में पत्रकार हैं. जिन्हें महिला और सामाजिक मुद्दों पर लिखने का शौक है.

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