क्या खुद को आर्टिफीशियल दिखाने की भी कोई हद होती है?
खूबसूरती का कोई पैमाना नहीं होता और इसी तरह सनक का भी कोई पैमाना नहीं होता. आर्टिफीशियल दिखने की चाहत आखिर कब तक लोगों के दिल-दिमाग में हावी रहेगी?
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कोई इंसान कितना फेक हो सकता है? (गौर कीजिए फेक सकता है नहीं अंग्रेजी वाला Fake यानी नकली हो सकता है). शायद आप सोच रहे होंगे कि यहां बात उन लोगों की हो रही है जो मुंह पर कुछ और पीठ पीछे कुछ और होते हैं, लेकिन यहां मैं बात कर रही हूं उन लोगों की जो खुद को फेक कैरेक्टर बनाने पर जुटे हुए हैं. ऐसा न जाने कितनी ही बार कितनी ही खबरों में सुना होगा कि फलाने ने सर्जरी करवा कर अपने होठ बड़े करवा लिए या किसी ने अपना रूप बदलने के लिए गोरे होने के लिए सर्जरी करवाई या दुनिया में तो ऐसे भी लोग मौजूद हैं जो अपने शरीर को किसी जानवर जैसा दिखाना चाहते हैं और इसलिए वो अजीबोगरीब सर्जरी करवाते हैं, लेकिन कुछ ऐसे भी हैं जो एकदम काल्पनिक खूबसूरती के पीछे पड़े हुए हैं. वो लोग हैं ह्यूमन डॉल्स.
इनमें कई नाम शामिल हैं इन्हीं में से एक है ह्यूमन केन डॉल (Human ken doll) रॉड्रिगो एल्व. रॉड्रिगो 60 प्लास्टिक सर्जरी करवा चुके हैं और 100 से भी ज्यादा कॉस्मैटिक प्रोसीजर करवा चुके हैं.
रॉड्रिगो ने 60 प्लास्टिक सर्जरी करवाई है
रॉड्रिगो इन दिनों एक और बात को लेकर चर्चा में हैं. वो ये है कि उन्हें अब शादी करनी है और शादी के लिए अपनी ही तरह की कोई लड़की ढूंढ रहे हैं, यानी ह्यूमन बार्बी. वो कहते हैं कि वो अब प्लास्टिक सर्जरी से ऊपर उठ चुके हैं और अब वो पिता बनना चाहते हैं. वो कहते हैं कि उनके बच्चे उनकी तरह तो नहीं दिखेंगे क्योंकि उन्होंने तो 60 सर्जरी करवाई है, लेकिन उन्हें अब शादी ह्यूमन बार्बी से ही करनी है.
रॉड्रिगो कहते हैं कि अगर उनके बच्चों को सर्जरी करवानी होगी तो वो 18 साल की उम्र के बाद ही करवा सकेंगे और वो अपने बच्चों का उसी तरह से समर्थन करेंगे जैसे उनके परिवार ने किया था.
पहले का चेहरा और अब में जमीन आसमान का फर्क है
रॉड्रिगो के मन में ये ख्याल एक रियल लाइफ बार्बी तात्याना तुज़ोवा से मिलने के बाद आया. ब्राजील के रॉड्रिगो उन महिलाओं से जुड़ाव महसूस कर सकते हैं जो प्लास्टिक सर्जरी करवाती हैं और अपने लुक्स पर ध्यान देती हैं, फैशन सेंस को समझती हैं.
सबसे ताजा आंतों का ऑपरेशन...
एक टीवी शो में रॉड्रिगो ने बताया कि ये उनका 60वां ऑपरेशन है जिसमें उन्होंने कुछ आंतों को निकलवाया है और अपनी कमर 29 इंच की करवा ली है. रॉड्रिगो खुद कहते हैं कि इससे उबरने में उन्हें इतना दर्द हुआ जैसे कोई कार उनके ऊपर चढ़ गई हो. इसके बाद भी वो हमेशा कॉर्सेट पहने रहते हैं ताकि उनकी कमर पतली दिख सके. ये 24 घंटे करते हैं. 24 घंटे उतने दर्द से गुजरते हैं सिर्फ परफेक्ट दिखने की सनक के कारण.
टीवी शो में अपने 60वें ऑपरेशन के बाद फिगर दिखाते रॉड्रिगो
जरा खुद सोचिए कि ऐसे में वो बाप बनना चाहते हैं. यकीनन सभी को अपना परिवार प्लान करने का, अपना साथी चुनने का हक है, लेकिन इतनी सनक क्या बच्चों पर नहीं बीतेगी? मां और बाप दोनों ही अगर प्लास्टिक सर्जरी के दीवाने होंगे तो क्या हाल होगा बच्चों का?
ये तो सिर्फ मेरी चिंता है और यकीनन अगर वो पिता बनते हैं तो अपने बच्चे के लिए बेहतर सोचेंगे, लेकिन आर्टिफीशियल दिखने की ये चाहत लोगों को कहां ले जाएगी ये नहीं पता. न जाने कितने लोग इस तरह से आर्टिफीशियल दिखने की चाहत में अपनी जिंदगी बर्बाद कर ली है. प्लास्टिक सर्जरी के कारण हाल ही में क्रिस्टिएना मार्टेली नाम की एक मॉडल की मौत हो गई थी. वो अपनी 100वीं प्लास्टिक सर्जरी करवाते हुए 23 साल की क्रिस्टिएना ऑपरेशन टेबल पर ही मर गई थीं.
मॉडल क्रिस्टिएना जिसकी मौत हो गई.
इसी तरह पहले भी मेल बार्बी (ह्यूमन केन डॉल) कहलाए जाने वाले ब्राजील के ही मॉडल केल्सो सेंटेब्नीज की कैंसर से मौत हो गई थी. 16 साल की उम्र से ही उन्होंने अपनी बॉडी को बदलना शुरू कर दिया था. 20 साल की उम्र में अत्यधिक प्लास्टिक सर्जरी के कारण उन्हें कैंसर हो गया और उनकी मृत्यु हो गई. ऐसे में आर्टिफीशियल दिखने की चाहत आखिर कहां तक सही है?
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