एक बेशर्म बयान- चार साल की बच्ची ने उकसाया
अब तक रेप के लिए महिलाओं को जिम्मेदार ठहराया जाता था, पर अब तो बच्चियों को भी उकसाने के लिए जिम्मेदार बताया जाने लगा है. रेपिस्ट रेप को अपराध नहीं सिर्फ मामूली सी गलती मानते हैं.
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एक 46 साल के आदमी का एक 4 साल की बच्ची के साथ यौन शोषण करना बेहद अमानवीय है. पर वही आदमी जब ये कहे कि ऐसा करने के लिए खुद बच्ची ने उकसाया, तो उसे आप क्या कहेंगे?
ये घटना न सिर्फ हैरान करने वाली है, बल्कि ये भी दिखाती है कि खुद को सही साबित करने के लिए एक इंसान किस तरह नीचता की हद पार कर लेता है. हालांकि ऐसे लोगों को इंसान कहना गलत होगा.
हैदराबाद में रहने वाला ये शख्स अकरम खान अपने किरायेदार की 4 साल की बच्ची का पिछले 6 महीने से यौन शोषण कर रहा था. उसकी ये हरकत सीसीटीवी फुटेज में कैद थी, सीसीटीवी का बैकअप लेने आए टैक्नीशियन ने जब ये करतूत देखी तो उसने तुरंत पुलिस में इस बात की रिपोर्ट की.
इनसे गलती हो गई |
पुलिस के सामने अकरम ने कहा कि लड़की ने खुद उसे ऐसा करने के लिए उकसाया था. वो खुद अपनी मर्जी से आई. इनकी मानें तो ये बेचारे हैं और इतने सीधे कि कोई महिला नहीं बल्कि एक 4 साल की बच्ची भी इन्हें उकसा सकती है. और उस बच्ची के उकसाने पर ये बहक भी जाते हैं. ये भी गनीमत है कि इस आदमी ने ये नहीं बताया कि उस बच्ची ने किस तरीके से इन्हें उकसाया होगा. बाद में इस इंसान ने माना कि उससे गलती हो गई.
अब तक ऐसी घटनाओं के लिए महिलाओं को जिम्मेदार ठहराया जाता था, पर अब तो बच्चियों को भी उकसाने के लिए जिम्मेदार बताया जाने लगा है. और उम्मीद भी क्या की जा सकती है, रेपिस्ट रेप को अपराध नहीं सिर्फ मामूली सी गलती मानते हैं और इस बात का समर्थन करते हैं हमारे देश के नेता कि 'लड़कों से ऐसी गलतियां हो जाती हैं.' ऐसे देश में न्याय व्यवस्था से क्या उम्मीद की जा सकती है जो खुद ये मानती है कि निर्भया कांड के आरोपी ने जो किया वो महज एक गलती थी, जिसमें सुधार हो सकता था और बलात्कारी को सुधार गृह भेजा गया.
ये घटना भले ही निर्भया कांड की तरह क्रूरतम न लगे और दिसंबर के शुरू में आई उस खबर से ज्यादा भयावह भी न हो जिसमें 25 साल के एक लड़के ने 28 दिन की एक बच्ची के साथ बलात्कार किया था, पर ये घटना इतनी घृणित तो है ही जो ये साबित करती है कि रेप को लेकर अगर देश में कड़े कानून बनाने की मांग की जा रही है तो वो गलत नहीं है. ऐसे ही लोग रेप के लिए फांसी और अरब जैसे कड़े कानून को जायज करार देते हैं. ये लोग ऐसी ही सजा के हकदार हैं.
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