New

होम -> समाज

 |  3-मिनट में पढ़ें  |  
Updated: 14 जनवरी, 2017 04:10 PM
ऑनलाइन एडिक्ट
ऑनलाइन एडिक्ट
 
  • Total Shares

ऐसी कई बातें हैं जो विदेशों में तो मान्य हैं, लेकिन भारत में नहीं. जैसे पब्लिक में किस करना, वेस्टर्न कपड़े पहनना, लड़कियों का शराब पीना या फिर लड़कियों का शारीरिक संबंध बनाने से मना करना. इनमें से कुछ भी भारत में आसानी से माना नहीं जाता है. पिंक फिल्म में तो अमिताभ बच्चन ने बड़ी ही आसानी से कह दिया कि 'नो मीन्स नो' (ना का मतलब सिर्फ ना), लेकिन ऐसा असलियत में कितनी महिलाएं और लड़कियां कर पाती हैं. और जो करती भी हैं उनकी मानी कहां जाती है?

अब देखिए ना. हाल ही का मामला है जिसमें एक 35 साल के पति ने अपनी 16 साल की पत्नी के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई है कि पत्नी उसके साथ संबंध बनाने में आनाकानी करती है. पति के हिसाब से तो ये उसकी वैवाहिक जिम्मेदारियों में से एक है. हैदराबाद में रहने वाली, स्कूल जाने वाली लड़की ने अपने पति से तंग आकर घर छोड़ दिया था. इसके बाद ही 35 साल के पति ने लीगल नोटिस भेज दिया.

marital-rape_650_011417040432.jpg
 ना बोलना इतना भारी पड़ता है कि लड़कियों को उसका खामियाजा अपनी जान देकर तक चुकाना पड़ता है

अब जरा इस मामले पर गौर करते हैं-

- लड़की नाबालिग थी.- पति उसके साथ जबरन संबंध बनाता था.- पति से तंग आकर उसने घर छोड़ तो दिया, लेकिन पत्नी की ना पति को बर्दाश्त नहीं हुई.

इस पूरे मामले में पुलिस का कहना है कि वो पति के खिलाफ कोई एक्शन नहीं ले सकती क्योंकि शादी हो चुकी है और जब तक शिकायत दर्ज नहीं कराई जाएगी ऐसा नहीं किया जा सकता. अब देखिए कि बाल विवाह पर हमारे देश में कानून तो है, लेकिन शादी हो ही गई तो उसके लिए कोई कानून नहीं. मैरिटल रेप को लेकर बहुत सी बातें की जाती हैं, लेकिन जिनके साथ ये असलियत में हो रहा है वो क्या कर रही हैं इसपर कोई ध्यान नहीं देता. 18 साल से कम उम्र की लड़की अगर कुंवारी है तो वो रेप हुआ, लेकिन शादीशुदा है तो वो पति का हक. लड़की शादी तब तोड़ सकती है जब वो 20 साल की हो जाए, लेकिन उसके पहले सालों तक उसके साथ क्या हुआ और उसके लिए क्या दंड मिलना चाहिए दोषी को इसका कानून की किसी भी किताब में कोई जिक्र नहीं है.

ये भी पढ़ें- आखिर ये कैसा प्यार है जो जान ही ले ले !

अभी कुछ दिन पहले की ही बात है. यूपी की एक लड़की ने गैंगरेप के लिए मना किया और लड़ी तो उसका रेप करने आए दरिंदों ने उसका कान काट दिया. लड़की भागपत जिले की रहने वाली थी और उसकी उम्र केवल 20 साल थी. इसी तरह की एक घटना तेलांगना की भी है जहां रेप के लिए मना कर रही लड़की का गला काट दिया गया. इन दोनों लड़कियों की गलती सिर्फ इतनी थी कि इन्होंने अपने साथ हो रहे अत्याचार के लिए मना किया था. नो मीन्स नो का भारत में एक अलग मतलब है. फिल्म जोश के एक गाने के शब्द भी कुछ ऐसे थे कि 'ऊपर से ना दिल में हां होगा'.

क्या इतना बुरा होता है ना सुनना की हैवानियत की हद ही पार कर दी जाए. एसिड अटैक, रेप, अपहरण और कत्ल जैसी वारदातें सिर्फ लड़की के ना कहने पर कर दी जाती हैं. तो फिर कहां है ये 'नो मीन्स नो'. घर के बाहर, घर के अंदर कहीं भी तो इस ना का जिक्र नहीं किया जाता. ये ना कोई मतलब का नहीं. क्योंकि होता वही है जिसके लिए ना कहा गया हो.

लेखक

ऑनलाइन एडिक्ट ऑनलाइन एडिक्ट

इंटरनेट पर होने वाली हर गतिविधि पर पैनी नजर.

iChowk का खास कंटेंट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक करें.

आपकी राय