New

होम -> समाज

 |  4-मिनट में पढ़ें  |  
Updated: 20 मार्च, 2017 07:04 PM
आईचौक
आईचौक
  @iChowk
  • Total Shares

सेक्स अब लोगों के जीवन मे दबाने-छिपाने की बात नहीं रही. न बेवफाई कोई खास बेचैन करने वाली बात रही. और रिश्तों का टूटना तो सुखद आजादी का एहसास बन गया. लब्बोलुबाब यह कि सेक्स को लेकर खुलापन अब आम हो गया है. इंडिया टुडे के सेक्स सर्वे में पता चला कि कैसे पिछले 12 साल के दौरान लोगों ने सेक्स को लेकर तरह-तरह की बातें की हैं.

2007 में जहां महिलाओं ने माना कि जीवन साथी ने जबरन सेक्स के लिए मजबूर किया तो वहीं 2016 में लोगों ने बताया कि उन्हें अधीनता और कामोत्तेजक भूमिकाएं पसंद है. शहरों में भी सेक्स को लेकर नई-नई बातें सामने आई हैं जो चौंकाने वाली है, आइए जानते हैं...

2_032017060154.jpg

2005

इंटरनेट और मोबाइल फोन के युग में रतिक्रिया के दृश्यों की भरमार थी. 20 प्रतिशत मर्दों और औरतों ने दूसरों की सहवास क्रिया देखने की बात कबूली.

2006

13 प्रतिशत पुरुषों और 4 प्रतिशत महिलाओं का कहना है कि उन्होंने पहली बार सेक्स का अनुभव पड़ोसी के साथ लिया. व्यभिचार के मामले में भी पड़ोसी सबसे ऊपर हैं.

2007

*क्या आपके जीवन साथी ने कभी सेक्स के लिए दबाव डाला?

-42 प्रतिशत पुरुषों और महिलाओं ने स्वीकार किया कि उनके जीवन साथी ने अक्सर जबरन सेक्स के लिए मजबूर किया.

2008

15 प्रतिशत पुरुषों और महिलाओं ने शरीर बांधकर जबरन सहवास (बीडीएसएम) का सुख लिया. 19 प्रतिशत पुरुष, 17 प्रतिशत स्त्रियों ने किन्नरों से सेक्स किया.

3_032017060203.jpg

2009

14 प्रतिशत महिलाओं को अजनबी के साथ सेक्स करने की हसरत. 53 प्रतिशत पुरुषों की भी यही हसरत. 30 प्रतिशत पुरुष जबकि सिर्फ 6 प्रतिशत महिलाओं में किसी बड़ी हस्ती के साथ सेक्स की इच्छा.

2011

10 प्रतिशत पुरुषों और 5 प्रतिशत महिलाओं ने सगे-संबंधियों से सेक्स किया, 4 में से 1 का कहना है कि यह जबरन हुआ. आधे का कहना है कि यह सेक्स का पहला अनुभव.

2014

36 प्रतिशत ने कहा कि आधुनिक स्त्रियां जैसे ''देह उघाड़ू कपड़े" पहनती हैं, उसी से बलात्कार की वारदातें बढ़ रही हैं.

2016

42 प्रतिशत को अधीनता और कामोत्तेजक भूमिकाएं पसंद. 19 प्रतिशत फिल्म बनाना, 12 प्रतिशत अजनबी, 10 प्रतिशत सरेआम सेक्स, 9 प्रतिशत दूसरे का सहवास देखना.

5_032017060216.jpg

बदलते वक्त के साथ-साथ लोगों की सेक्स करने की और देखने की पसंद भी बदलती गई.

(2005)

8% ने बांडेज पोर्न देखा और बांडेज गियर पसंदीदा चीज

(2008)

34% ने कई रूप धारण कर फंतासियां आजमाईं.

(2009)

21% मर्दों ने बीडीएसएम सेक्स को आजमाया वहीं 12% ने हैंडकफ या दूसरी चीजों का इस्तेमाल किया.

(2016)

42% ने किसी न किसी तरह के आसनों को आजमाया.

4_032017060226.jpg

शहरों में भी सेक्स को लेकर सोच बदली. प्यार-मुहब्बत के मायने बदले... देश के 12 बड़े शहरों में देखिए लोगों की इच्छाएं और क्या कर रहे हैं पसंद...

गुवाहाटी

''महीने में कितनी दफा सेक्स करते हैं?"

गुवाहाटी 63% के महीने में 5 बार से ज्यादा सेक्स के दावे के साथ सबसे ऊपर (2017).

लुधियाना

97% पुरुषों ने शरीर बांधकर जबरन सहवास का दावा किया (2007), सिर्फ 30% महिलाओं ने बीडीएमएस आजमाने की बात मानी. मगर लुधियाना में 3 में से 1 महिला भारी दर्द महसूस करती थी (2007)

हैदराबाद

अनजान लोगों के साथ मौज-मस्ती करने वालों में सबसे आगे, 67% ने ऐसा किया और 4% गृहिणियों ने सेक्स के लिए पैसे देने का वादा किया

1_032017060326.jpg

दिल्ली

71% महिलाओं ने कहा कि उन्होंने संतुष्टि का शायद ही कभी बहाना बनाया, जबकि राष्ट्रीय औसत 41% है (2011)

जयपुर

67% महिलाएं नहीं जानतीं कि क्यों गर्भपात कराया (2011)

कोलकाता

72% को शादी के पहले अपने साथी की सेक्स सक्रियता से खास फर्क नहीं (2016)

बेंगलुरु

उन्मुक्त प्राणियों की हसरत का ठिकाना, 25% रोजाना सेक्स करते हैं जबकि राष्ट्रीय औसत 10%, 41% वाइफ स्वैपिंग में लिप्त, 52% रात भर की मौज के लिए गए, 30% सहमति से सेक्स किया, 20% एक ही पार्टनर से बोर हो गए हैं, 68% विवाहित जोड़े विस्तर पर सिरदर्द का बहाना बना लेते हैं (2016)

4_032017060412.jpg

चंडीगढ़

55% के साथ ''किसी भी वक्त" सेक्स के मामले में सबसे ऊपर (2017)

अहमदाबाद

छोटे शहरों में परिवार में बाल यौन उत्पीडऩ पर चुप रहना सही माना जाता है, अहमदाबाद में 52% इसकी रिपोर्ट नहीं करते (2011)

मुंबई

समलैंगिकों के लिए आदर्श ठिकाना बन सकता है क्योंकि 28% महिलाओं ने समलैंगिक सेक्स को सही बताया (2010)

पुणे

47% ने कहा कि उनमें सेक्स की भारी उत्तजना उठती है, यह आंकड़ा शहरों में सबसे अधिक, रांची में तो ऐसे महज 9% हैं (2017)

लखनऊ

47% ने कहा कि विवाह में प्रेम से ज्यादा जरूरी सेक्स सुख है (2016)

7_032017060419.jpg

पूरा सेक्‍स सर्वे विस्तार से पढ़ने के लिए इंडिया टुडे का ताजा अंक खरीदें और घर बैठे ऑनलाइन मंगाने के लिए यहां क्लिक करें...

ये भी पढ़ें- 

औरत और मर्द की ख्वाहिश का सच लेकर आया है 2017 का सेक्स सर्वे

क्या पोर्न देखने से खराब हो जाता है दिमाग ?

इंटरनेट पर पोर्न ढूंढते-ढूंढते भारतीय 'रिश्‍ते' घोलकर पी गए

लेखक

आईचौक आईचौक @ichowk

इंडिया टुडे ग्रुप का ऑनलाइन ओपिनियन प्लेटफॉर्म.

iChowk का खास कंटेंट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक करें.

आपकी राय