2 मिनट में मैगी से जुड़े रोचक तथ्य
नेस्ले का मैगी नूडल एशियाई देशों खासकर भारत में सबसे ज्यादा लोकप्रिय हुआ. फिर सवाल उठता है यूरोप और अमेरिका में क्यों नहीं?
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नेस्ले का मैगी नूडल एशियाई देशों खासकर भारत में सबसे ज्यादा लोकप्रिय हुआ. फिर सवाल उठता है यूरोप और अमेरिका में क्यों नहीं? दरअसल, नेस्ले ने मैगी को लेकर भारत में जमकर झूठ बोला, जो कि यूरोप और अमेरिका के कड़े एडवरटाइजिंग कानूनों के चलते संभव नहीं था. जानिए, उन तथ्यों को जो भारत में तो जमकर कारगर हो गए, जबकि ब्रिटेन और अमेरिका जैसे देशों में नहीं.
1. नेस्ले ने दावा किया था कि मैगी 'मांसपेशी, हड्डी और बालों को मजबूत बनाती है'. लेकिन ब्रिटिश एडवरटाइजिंग स्टैंडर्ड अथॉरिटी ने तुरंत आपत्तिम लेते हुए कहा कि यह दावा यूरोपियन यूनियन के कंज्यूमर प्रोटेक्शन कानून के खिलाफ है. कंपनियों को ऐसा दावा करने से पहले हेल्थ क्लेम का प्रूफ देना होता है.
2. यह खुलासा तीन साल पहले भी हुआ था कि भारत में बिकने वाले मैगी में स्वाद बढ़ाने वाला MSG (मोनो सोडियम ग्लूकामेट) होता है. यह सोया प्रोटीन में पोरसीन एंजाइम (सुअर की आंतों से निकालकर) मिलाकर बनता है. नेस्ले ने अपने पैक पर लिखा- 'NO MSG ADDED'. अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने इस दावे को गुमराह करने वाला बताया. क्योंकि हाइड्रोलाइज्ड प्रोटीन पकने के बाद MSG में बदल जाता है. यह जानकारी भारत में भी थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.
3. MSG पर इतना हल्ला क्यों? क्योंकि यह सबसे अनावश्यक एमीनो एसिड में से एक है. हमारा शरीर भी यह कैमिकल बनाता है, लेकिन मैगी जैसे खाद्य पदार्थों से मिलने वाले MSG के कारण स्किन रिएक्शन, घबराहट, उल्टी, माइग्रेन, अस्थमा, डिप्रेशन और दौरा पड़ने जैसे विकार सामने आते हैं.
क्या नूडल्स पकाने का कोई सही तरीका भी है?आमतौर पर हम एक बर्तन में पानी लेते हैं और उसमें नूडल्स और मसाला डालकर पकने के लिए रख देते हैं. 3 या 3.5 मिनट में उबल जाने के बाद हम उसे खाने लगते हैं. नहीं, ये नूडल्स पकाने का सही तरीका नहीं है.इस तरह से हम मसाले में मौजूद कैमिकल को MSG के रूप में बदलने का मौका देते हैं. जो कि खतरनाक है.एक बात और है, जो शायद कम ही लोगों ने गौर की है कि नूडल्स पर वैक्स की परत चढ़ी होती है. नूडल्स खा लेने के बाद हमें उस वैक्स को शरीर से बाहर निकालने में 4 से 5 दिन लग जाते हैं.
मैगी हमारे लिए एक परफेक्ट नाश्ता रहा है. जब चाहा, जहां चाहा बना लिया. हॉस्टल हो या कैंप, कहीं भी. यहां तक कि छोटे-छोटे बच्चे मैगी बनाते रहे हैं. और ऐसा क्यों न हो... बचपन से ही एड में सुनते आए हैं 'टेस्ट भी, हेल्थ भी'. यह तो अब बताया जा रहा है कि सिर्फ टेस्ट है, हेल्थ तो बिलकुल नहीं है.
बच्चों के लिए तो यह बिलकुल सही नहीं था. खासतौर पर उनके बढ़ते दिमाग के लिए. बच्चों का पेट भी छोटा ही होता है. ऐसे में एक पैकेट मैगी उनके लिए दिनभर के खाने का आधा कोटा पूरा कर देती है. यदि आप बच्चों को नूडल्स खिलाना भी चाहें तो ख्याल रहे, महीने में एक-आध बार. और हां, उसमें ढेर सारी सब्जी मिलाना न भूलें.
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