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Updated: 02 अगस्त, 2016 04:15 PM
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अमेरिका के केंटकी राज्य में दुकान से सामान चुराने के आरोप में गिरफ्तार एक महिला को बिना पैंट के कोर्ट रूम में पेश कर दिया गया. इस आरोपी को देखते ही कोर्ट की महिला जज एंबर वुल्फ अवाक रह गई. आरोपी के वकील से पूछे जाने पर जज को बताया गया कि आरोपी महिला बीते तीन दिनों से जेल अधिकारियों से कैदियों की वर्दी मांग रही थी लेकिन जेल प्रशासन ने उसकी मांग को पूरा नहीं किया.

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आरोपी महिला ने जज के सामने यह भी बताया कि उसे जेल में महिलाओं के स्वास्‍थ्‍य संबंधी अन्य सामग्री भी नहीं उपलब्ध कराई गई.

इस वीडियो में आप देख सकते हैं किस तरह कोर्ट का अधिकारी सिर्फ लॉग शर्ट पहने एक आरोपी महिला को जज के सामने ला रहा है. कोर्ट में जज के सामने रखी मेज के पीछे महिला को खड़ा कर दिया गया. बिना पैंट के इस महिला को देखते ही जज साहिबा के होश उड़ गए. पहले तो उन्हें यकीन नहीं हुआ कि जेल अधिकारियों ने किसी महिला कैदी को ऐसी स्थिति में कोर्ट में पेश किया है.

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 गिरफ्तारी के बाद फोटो खिचवाती आरोपी महिला

जब आरोपी के वकील और वहां मौजूद कोर्ट के अधिकारियों की दलील जज साहिबा को पर्याप्त नहीं लगी तो उन्होंने कोर्ट में बैठे-बैठे जेल के इंचार्ज को फोन लगा दिया. जेल अधिकारियों ने जज साहिबा से कहा कि महिला को इसी अवस्था में गिरफ्तार किया गया था. लिहाजा उसे कोर्ट में पेश करने में किसी नियम की अनदेखी नहीं की गई है.

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अब केंटकी समेत अमेरिका के ज्यादातर राज्यों की जेल मैन्युअल के मुताबिक गिरफ्तार हो जेल पहुंचे किसी भी आरोपी को पहले 72 घंटों तक उसी कपड़े में रखा जाता है जिसमें पुलिस उसे गिरफ्तार करती है. इन 72 घंटों के दौरान उसे कोर्ट में पेश किया जाता है और जब वह गुनहगार पाए जाते हैं और उन्हें सजा में जेल टर्म सुना दिया जाता है तब जाकर उन्हें कैदियों के लिए बना जम्पसूट दिया जाता है.

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कानून के इस पक्ष को साक्षात देखकर अवाक रही जज एंबर वुल्फ कुछ नहीं कह सकीं. लिहाजा उन्होंने जेल अधिकारियों से मांग की कि आरोपी महिला को कोर्ट रूम में तुरंत जेल की ड्रेस उपलब्ध कराई जाए, नहीं तो वह उस महिला को जेल नहीं जाने देंगी. जज के इस फरमान को जेल अधिकारियों ने मानने से इकार कर दिया क्योंकि कानूनन उनपर ऐसी कोई बाध्यता नहीं थी. हालांकि इस बीच कोर्ट के अधिकारियों ने महिला को पहनने के लिए ड्रेस उपलब्ध करा दी जिसके बाद जज ने महिला को महज 100 डॉलर जुर्माना लेते हुए बरी कर दिया. खास बात यह है कि जज ने आरोपी महिला से जेल अधिकारियों के इस बर्ताव पर मांफी मांगी. अब महिला तो बरी हो गई लेकिन कोर्ट ने राज्य के जेल प्रशाषन के खिलाफ महिला कैदियों को जरूरी सामान न उपलब्ध कराने का मामला दर्ज करते हुए मुकदमा शुरू कर दिया है.

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