क्या तलाक को रोकने के लिए ‘KISS' प्रतियोगिता सही है !
चुम्बन करवाकर ये जताने की कोशिश करना कि आदिवासी लोगों में इसलिए तलाक हो रहे हैं क्योंकि ये लोग एक दूसरे के करीब नहीं हैं, गलत है. विधायक जी अगर ये सोचते हैं आदिवासी समुदाय के लोगों के बीच तलाक रुकना चाहिए तो ये तो अच्छी सोच है, मगर वो शायद तलाक होने की वजहों से वाकिफ नहीं हैं.
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हमारे देश में अगर तलाक की बात करें, तो ट्रिपल तलाक का ही मुद्दा टीवी चैनलों पर दिखाई देता है. इसके विपरीत देश में रोज़ाना हज़ारों लोगों का तलाक होता है. मगर ये तलाक क्यों होता है? क्या इसका कारण पति पत्नी के बीच सेक्स नहीं होना है? शायद झारखण्ड में कुछ लोगों को ऐसा ही लगता है कि झारखण्ड में जो तलाक हो रहे हैं उनका कारण यही है. इसीलिए झारखंड के पाकुड़ जिले में झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायकों ने आदिवासी दंपतियों के लिए चुंबन प्रतियोगिता आयोजित कराई.
Jharkhand: Kissing contest organized for married couples at a Mela in Dumaria village of Pakur on 10th December. Jharkhand Mukti Morcha legislator Simon Marandi was also present at the event. pic.twitter.com/sCS8PeMoDw
— ANI (@ANI) December 12, 2017
झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायकों का कहना है कि उन्होंने आदिवासी समाज में बढ़ते तलाक के मामलों पर लगाम लगाने के लिए यह प्रतियोगिता कराई थी. ये प्रतियोगिता 10 दिसंबर को हुई थी. इस प्रतियोगिता में कहा गया कि जो भी जोड़ा सबसे ज़्यादा देर तक एक दूसरे को चुम्बन करेगा, वही इस प्रतियोगिता को जीतेगा. इसमें आदिवासी समाज के 20 दंपतियों ने हिस्सा लिया था.
इस प्रतियोगिता का वीडियो इंटरनेट पर आते ही कई तरह के विवाद खड़े हो गए. सत्ताधारी बीजेपी ने इस मामले पर कड़ा विरोध जताया. बीजेपी का कहना है कि इस तरह की प्रतियोगिता आयोजित करने वाले दोनों विधायकों को निलंबित किया जाए. क्योंकि उन्होंने स्थानीय संस्कृति का अपमान किया है. वहीं बीजेपी ने तो यह भी कहा है कि वो इस मुद्दे को शीतकालीन सत्र में उठाएंगे. मगर क्या ये प्रतियोगिता वाकई में सही थी? शायद नहीं. क्योंकि झारखण्ड में तो वैसे ही आदिवासी इलाको में जनसंख्या वृद्धि को लेकर अभाव है. कई बार सरकार ने कई तरह की मुहिम ऐसे आदिवासी इलाकों में चलायी है. आदिवासी इलाकों में सरकार ने कंडोम भी मुफ्त में बाटें है और बड़े बड़े पोस्टर लगाकर ये बताया है कि एड्स जैसी बीमारियों से बचने के लिए कंडोम का इस्तेमाल कीजिये.
तलाक का कारण सिर्फ सेक्स नहीं होना नहीं होता
वहीं इसके अलावा बात की जाये तो नसबंदी भी आदिवासी इलाकों में खूब देखने को मिलती है. सरकार ने मुहीम भी चलाई थी 'हम दो और हमारे दो'. नसबंदी करवाइये. शायद झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधयाकों ने गलत सर्वे किया. दरअसल जब भी पति पत्नी के बीच तलाक होता है, तो उसके कई कारण हो सकते हैं. जैसे पति बहुत शराब पिता हो. पति अपनी पत्नी को पीटता हो. पति बेरोजगार हो. पत्नी किसी और शख्स को पसंद करती हो या पति किसी और को. सिर्फ चुम्बन करवाकर ये जताने की कोशिश करना कि आदिवासी लोगों में इसलिए तलाक हो रहे हैं क्योंकि ये लोग एक दूसरे के करीब नहीं हैं, गलत है. झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक अगर ये सोचते हैं आदिवासी समुदाय के लोगों के बीच तलाक रुकना चाहिए तो ये तो अच्छी सोच है, मगर वो शायद तलाक होने की वजहों से वाकिफ नहीं हैं.
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