एम्बर हर्ड हारी हैं, कथित फेमिनिस्ट जॉनी डेप को कोसकर बाकी महिलाओं का केस बिगाड़ रही हैं
फैसले के बाद भले ही एम्बर हर्ड विक्टिम कार्ड खेल रही हों, लेकिन उन्हें इस बात को समझना होगा कि लड़ाई उनकी अपनी थी. इसका फेमिनिज्म से कोई लेना देना नहीं है. वहीं भारत के सो कॉल्ड फेमिनिस्ट जो कोर्ट के फैसले पर भावुक हो रहे हैं सबसे पहले तो उन्हें मामला समझना चाहिए.
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डियर एम्बर,
मानती हूं कि जॉनी डेप ने ग़लत किया आपके साथ. ये भी मानती हूं कि शायद वो हिंसक भी हुए होंगे आपके साथ लेकिन ये मैं बिलकुल नहीं मानती हूं कि आप सही हैं, आप सच कह रही हैं. आज आपकी हार सिर और सिर्फ़ आपकी हार है दुनिया की सभी औरतों की हार नहीं. सुनिए, हर बात में फ़ेमिनिज़म नहीं घुसाया जा सकता. अपनी निजी दुश्मनी के लिए फ़ेमिनिज़म का इस्तेमाल करना कितना ग़लत है इसका आइडिया आप जैसी रसूखदार स्त्रियों को कभी मिल ही नहीं सकता. आपने जॉनी से शादी की, शादी के बाद चीज़ें सही नहीं रहीं. दोनों ने एक-दूसरे के साथ बुरा बर्ताव किया. आपने उन्हें मारा-पीटा, बदले में उधर से भी गाली-गलौज हुई. अब उस वक्त में आप दो लोग ही साथ थे हक़ीक़त आप दोनों को ही पता होगी, लेकिन कोर्ट के सामने जो सबूत पेश हुए जज ने फ़ैसला उसे देख कर सुनाया. ठीक न.
अब ये कहना की ज्यूरी में तीन मर्द और दो ही औरतें थीं इसलिए फ़ैसला आपके ख़िलाफ़ गया पूरे सिस्टम पर सवालिया निशान लगाना हुआ. देखिए आपके केस की पूरी live-स्ट्रीमिंग हुई. दुनिया ने देखा कहां कब आपने झूठ बोला, आप अपनी ही कही बात से मुकरी, बदला अपने ही स्टेटमेंट को, केट मॉस को बीच में घसीट लायीं जिन्होंने आ कर जॉनी के समर्थन में कहा कि जॉनी उनके साथ कभी हिंसक नहीं हुए. आपका हर दांव आप पर उल्टा पड़ा. आपका झूठ, आपका ईगो, आपका सेल्फ़-सेंटर्ड होना जॉनी की जीत को बर्दाश्त नहीं कर पाया. अब आप विक्टिम कार्ड प्ले करने पर उतारू हो गयी हैं.
जो लोग फैसले की आलोचना कर रहे हैं जान लें एम्बर के साथ कोर्ट ने कोई नाइंसाफी नहीं की है
आपकी वकील कह रही हैं कि आपके पास पैसे नहीं हैं जॉनी को देने के लिए. आपने कभी सोचा था कि आपके झूठे इल्ज़ामों की वजह से उस इंसान का करियर तबाह हो गया. वो लगभग बर्बाद हो गया. तब बिना सच जाने पूरी दुनिया आपके साथ खड़ी हो गयी क्योंकि जॉनी डेप पुरुष थे और हम अक्सर मान लेते हैं कि औरतों के साथ ही हिंसा हुई होगी, मर्द ने किया होगा. वैसे ये होता है और बहुत होता है इसमें कुछ भी ग़लत नहीं.
पता है एम्बर ग़लत क्या है?
ग़लत है आप जैसी शक्तिशाली, कामयाब स्त्रियों का अपने मतलब के लिए विक्टिम कॉर्ड खेलना, स्त्री होने को भुनाना. जबकि ये आपको भी पता होगा कि आप जैसी चंद स्त्रियों के झूठ बोलने की वजह से दुनिया की करोड़ों घरेलू हिंसा की शिकार स्त्रियों का केस कमज़ोर हो जाता है. लोग उन्हें भी शक की नज़र से देखते हैं. लोगों को लगता है कि ये भी अपने मतलब के लिए झूठ बोल रही है.
भारत में जैसे दहेज उत्पीड़न के मामले सच में होते हैं लेकिन झूठ में भी कई बार लड़के परिवार को जेल की हवा खिला दी जाती है. फिर सच में दहेज उत्पीड़न का केस फ़ाइल करने जब पीड़िता जाती है तो उसकी बातें झूठ मान ली जाती हैं.
एम्बर आप क्या बात कर रही हैं कि आपको अमेरिका की न्याय व्यवस्था से इस हार की उम्मीद नहीं थी. आपकी हार के बाद अब कोई घरेलू हिंसा की शिकार स्त्री अपने लिए आवाज़ नहीं उठा पाएगी क्योंकि आप हार गयी हैं. तो सुनिए ऐसा बिलकुल भी नहीं होगा. आपकी हार आपके झूठे ईगो की हार है. इसे दुनिया की हर स्त्री के हार से जोड़ कर देखना बंद करिए.
आप फ़ेमिनिज़म के लिए नहीं लड़ रही थीं. आप अपने मतलब के लिए और पैसों के लिए कोर्ट में गयी थीं. आपकी हार सिर्फ़ और सिर्फ़ आपकी हार है. आख़िर में एक और चीज़, लड़ाई में दोनों पक्ष ग़लत होता है कोई थोड़ा ज़्यादा कोई थोड़ा कम. एक पक्ष उकसावा देता है और दूसरा बचाव में कुछ करता है. आपने केस में आप उकसावा करने का काम करती पायीं गयीं हैं एम्बर इसलिए आप हारी हैं.
अपनी हार को मानिए, ज़िंदगी में आगे बढ़िए न कि फ़ेमिनिज़म के नाम पर ज़हर उगलिए. और हां भारत की सो-कॉल्ड फ़ेमिनिस्ट आप लोग पहले पूरा केस सुनिए, डिटेलिंग समझिए फिर कुछ भी राय ज़ाहिर करिए. ये पति-पत्नी के बीच का मसला था इसमें क्रांति खोजने नहीं निकलिए. एम्बर नहीं हैं फ़ेमिनिज़म का चेहरा. वैसे आप ये नहीं समझेंगी क्योंकि ज़्यादातर केस में आप अपने निजी अनुभव को ही फ़ेमनिजम मान कर सोचतीं हैं. आपके प्रेमी या पति ने आपके साथ कुछ ग़लत किया इसका ये अर्थ क़तई नहीं होता कि दुनिया का हर मर्द ग़लत है. हर मर्द को जेल मिले और बाहर नफ़रत. समझीं.
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