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Updated: 01 जून, 2021 11:03 PM
अनु रॉय
अनु रॉय
  @anu.roy.31
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आज दोपहर से ही मेरे इन्बॉक्स बेस्ट पति, पर्फ़ेक्ट मर्द, सती-सावित्री स्त्रियाँ सब आ कर करन की वाइफ़ यानि निशा रावल (Nisha Rawal) को पानी पी-पी कर कोसने में लगे हैं. सोशल मीडिया पर देखिए, कैसे करन को क्लीन-चीट दिया है इस पेट्रीआर्कल समाज ने. कैसे उन्होंने बिना निशा की साइड जाने लोगों ने करन (Karan Mehra) के कहने पर ये मान लिया कि निशा ने खुद से अपना सिर दीवार पर दे मारा. ओह, बेचारा करन उसे फंसा दिया उसकी 'कुलटा बीवी' ने.

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मैंने चुप रहना इसलिए ज़रूरी समझा तब क्योंकि मुझे निशा का साइड जानना था. अभी निशा ने प्रेस-कॉन्फ़्रेस किया और उन्होंने बताया कि कैसे करन का अफ़ेयर चल रहा है किसी दिल्ली की लड़की से. जब निशा ने करन को समझाने या बात करने की कोशिश की तो उल्टे करन भड़क गए. उनको गालियाँ दीं और कहने लगे कि तुम्हारी शक़्ल नहीं देखना चाहता हूँ. तुम घटिया औरत हो और जाने क्या-क्या. निशा का इंटरव्यू भी यूट्यूब पर देख लीजिये.

मैं यहाँ ये नहीं कह रही हूँ कि करन ग़लत है या निशा सही. मैं यहाँ दिमाग़ में भूसा भरे लोगों से ये कहना चाह रही हूँ कि सिर्फ़ मर्द का साइड सुन कर औरत को नीचा दिखाना, उसको गाली देना, उसको गुनहगार बताना ही पेट्रीआर्क़ल सोच है आपकी. इसमें ख़ाली मर्द नहीं औरतें दोनों शामिल हैं. हद तो ये है कि निशा के खिलाफ जहर उगलने वाली पोस्ट में महिलाओं को भी टैग किया जा रहा है, और कुछ महिलाएं निशा की कहानी सुने बग़ैर निशा को ही दोषी साबित कर रही हैं.

इसलिए मैं फिर से कह रही हूँ पेट्रीआर्की ख़ाली मर्दों के बदलौत नहीं टिक सकती. स्त्रियाँ, दूसरी स्त्रियों का दुःख समझे बिना पुरुषों के साथ मिल कर जब उस स्त्री के दुःख का मज़ाक़ उड़ाती है तो मन पीड़ा से भर उठता है. ख़ैर, मैं जानती हूँ कि ये सब पढ़ कर भी आप करन के साथ खड़े मिलेंगे यही सबूत है कि पेट्रीआर्की की जड़ें और आपकी कंडिशनिंग कितनी मज़बूत है. आप किसी औरत का पक्ष सुने बग़ैर पुरुषों के साथ जा खड़े होते हैं!

 
 
 
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अनु रॉय अनु रॉय @anu.roy.31

लेखक स्वतंत्र टिप्‍पणीकार हैं, और महिला-बाल अधिकारों के लिए काम करती हैं.

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