‘मन की बात’ में पीएम ने क्यों की नूरजहां की तारीफ?
पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में कानपुर के एक गांव की 70 वर्षीय नूरजहां के काम की तारीफ करके उन्हें पूरे देश में चर्चित कर दिया, नूरजहां पांच गांवों के लोगों के जीवन को रोशन करने का काम कर रही हैं.
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अचानक से उनके कच्चे घर पर वीआईपी लोगों का तांता लग गया है, लोग उनसे मिलने और उनके काम की सराहना करने के लिए बेचैन हैं. अचानक से ही कानपुर के शहर के एक छोटे से गांव की 70 वर्षीय महिला मीडिया की सुर्खियों में आ गई है.
ऐसा होने की वजह भी है, जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में उनके काम की तारीफ खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की है. पीएम ने रविवार को 'मन की बात' कार्यक्रम के दौरान कानपुर की 70 वर्षीय नरजहां की तारीफ की और फिर देखते ही देखते नूरजहां का नाम पूरे देश में छा गया. आइए जानें कौन हैं नूरजहां और पीएम ने क्यों की उनके काम की तारीफ.
पांच गांवों को रोशन करने का काम कियाः
कानपुर जिले के बैरी शोभन गांव में खपड़े के घर में 70 वर्षीय नूरजहां 17 लोगों के अपने परिवार के साथ रहती हैं. नूरजहां के जिस विचार ने पीएम मोदी को भी उनकी तारीफ के लिए मजबूर किया वह है सोलर पैनल. दरअसल नूरजहां कानपुर के उन पांच गांवों को सोलर लालटेन की मदद से रोशन करने काम कर रही हैं, जो या तो बिजली की सुविधा से वंचित हैं या उन्हें न के बराबर बिजली मुहैया है. नूरजहां के पास 50 सोलर लालटेन हैं, जिन्हें वह आसपास के पांच गांववालों को 100 रुपये प्रति महीने या 3.3 रुपये प्रति दिन के हिसाब से किराए पर देती हैं. नूरजहां से औसतन हरदिन 40 लोग सोलर लालटेन किराए पर ले जाते हैं और अगले दिन सुबह उसे फिर से चार्ज करने के लिए वापस दे जाते हैं.
नूरजहां के जीवन का सफर गरीबी की मार और मुश्किलों से भरा रहा है. इसी वजह से वह पढ़-लिख नहीं पाई और अपने छह बच्चों को भी पढ़ा-लिखा नहीं पाईं. उनके चार बेटे मजदूरी करके जीवन यापन करते हैं, जबकि पांचवा बेटा इशाक सैलून चलाता है और बेटी की शादी हो चुकी है. नूरजहां अपने पांच बेटों, चार बहुओं और आठ पोत-पोतियों के साथ रहती हैं.
मुश्किलों भरा रहा है जीवनः
वह बताती हैं कि 25 साल पहले अपने पति की मौत के बाद उन्हें 10 रुपये प्रति दिन की मजदूरी पर खुद का और बच्चों का जीवन यापन करना पड़ा. ऐसी हालत में अपने बच्चों को वह सूखी रोटी और चटनी ही खिला पाती थीं. लेकिन तीन साल पहले उनकी जिंदगी तब बदली जब एक सामाजिक संस्था से उन्हें सोलर पैनल और रिजार्चिंग मशीन मिली. इसके बाद उन्होंने अपने घर पर सोलर लालटेनों को रिचार्ज करना और उन्हें किराए पर देना शुरू कर दिया. वह कहती हैं आसपास के गांववाले उनसे सोलर लाइटें ले जाते हैं जोकि उनके बच्चों को पढ़ाई करने में मददगार होती है. नूरजहां पीएम मोदी द्वारा उनके और उनके गांव को लोकप्रियता दिलाने के लिए उनकी शुक्रगुजार हैं और साथ ही मोदी सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं से भी संतुष्ट हैं. वैसे तो वह सरकार से कोई आर्थिक सहायता नहीं मांगना चाहती हैं लेकिन अगर सरकार खुद आगे आकर उनकी मदद करती है तो उनकी योजना और सोलर पैनल लगाकर गांववालों को भी इसके बारे में शिक्षित करने की है.
पीएम मोदी ने नूरजहां के काम की तारीफ करके न सिर्फ उन्हें लोकप्रिय बनाया है बल्कि इससे उनकी आर्थिक स्थिति भी बेहतर करने की राह खोल दी है. बीजेपी के कई नेता उनके घर का दौरा कर चुके हैं और उन्हें आर्थिक मदद का वादा किया है. नूरजहां के बेटे इशाक कहते हैं, पीएम के मन की बात कार्यक्रम के बाद ही उनके गांव के प्रधान सिया राम पहली बार उनके घर आए.
लोगों के घरों में रोशनी फैलाने वाली नूरजहां के जीवन से गरीबी के अंधेरे के दूर होने की शुरुआत हो गई है?
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