फादर्स डेः जानिए इस डे से जुड़ी अनजानी बातें
जून के तीसरे रविवार को अमेरिका, यूके और भारत सहित दुनिया भर के ज्यादातर देशों में फादर्स डे के रूप में मनाया जाता है, कैसे, कब और क्यों हुई फादर्स डे को मनाने की शुरुआत, जानिए.
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वह भले ही मां की तरह आपकी पहली शिक्षिका न हों लेकिन जिंदगी के बहुत से जरूरी सबक आपको सिखाया है. भले ही वह आपसे दूर जाने पर मां की तरह फूट-फूट कर न रोए हों लेकिन दर्द उन्हें भी उतना ही होता है. आपके जन्म से लेकर आपके बड़े होने और फिर सफल इंसान बनने के पीछे मां की कितनी बड़ी भूमिका होती है इसके बारे में तो सब जानते हैं और सब कहते भी हैं. लेकिन उनके योगदानों की कम चर्चा के बावजूद भी आपकी जिंदगी में उनकी भूमिका और योगदान मां से कम नहीं होते हैं.
इसीलिए जब जून के तीसरे रविवार यानी 19 जून को पूरी दुनिया उनके योगदानों को याद करते हुए फादर्स डे मना रही है तो आप भी अपने पिता को अपनी जिंदगी में उनके प्यार, अपनेपन और त्याग के लिए शुक्रिया जरूर कहिए, उन्हें बताइए कि वह आपके लिए कितने महत्पवूर्ण हैं और आपकी जिंदगी का ये सफर उनके बिना कतई आसान नहीं होता. अब आपके मन में फादर्स डे के बारे में कुछ सवाल भी उठ रहे होंगे, मसलन इसे मनाने की शुरुआत कहां से और कब हुई, क्या इसे पूरी दुनिया में आज ही के दिन मनाया जाता है? तो जनाब, आइए जानें आपके सारे सवालों के जवाब.
कब मनाया जाता है फादर्स डेः ऐसा नहीं है कि पूरी दुनिया में फादर्स डे को मनाने का एक ही दिन है. अमेरिका, यूके और भारत, जापान और कोलंबिया जैसे दुनिया के कई देशों में इसे जून के तीसरे रविवार को मनाया जाता है. लेकिन कुछ ऐसे भी देश हैं जहां इसे अलग समय पर मनाया जाता है.
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इटली में फादर्स डे (Festa del Papà) हर साल 19 मार्च को मनाया जाता है. स्पेन में भी फादर्स डे (Día del Padre) 19 मार्च को मनाते हैं. लेकिन यूक्रेन में इसे सितंबर के तीसरे रविवार को जबकि इंडोनेशिया में 12 नवंबर को मनाया जाता है. यही वजह है कि इस बार का फादर्स डे पर बनाया गया गूगल का डूडल सिर्फ अमेरिका, यूके, भारत, जापान जैसे उन देशों में ही दिखेगा जहां यह जून के तीसरे रविवार को मनाया जाता है.
क्यों और कैसे हुई फादर्स डे को मनाने की शुरुआत? फादर्स डे मनाए जाने की शुरुआत के पीछे दो कहानियां प्रचलित हैं. लेकिन इतना तय है कि इसे मनाने की शुरुआत अमेरिका से ही हुई है. पहली कहानी के मुताबिक इसकी शुरुआत का श्रेय वेस्ट वर्जिनिया के फेयरमाइंट की रहने वाली ग्रेस गोल्डन क्लेटन नामक महिला की वजह से हुई.
अमेरिका, यूके और भारत सहित दुनिया भर के ज्यादातर देशों में फादर्स डे जून के तीसरे रविवार को मनाया जाता है |
दरअसल 1907 में वेस्ट वर्जिनिया स्थित मोनोनगा खदान में हुई दुर्घटना में 362 पुरुष मारे गए थे, जिसकी वजह से 250 महिलाएं विधवा हो गई थीं जबकि 1000 से ज्यादा बच्चे अनाथ हो गए थे. ग्रेस गोल्डेन क्लेटन, जोकि खुद भी एक अनाथ थी, ने स्थानीय मंत्री को 1908 में पिताओं के सम्मान में चर्च में एक कार्यक्रम आयोजित करने के लिए मनाया. ऐसा करने के पीछे क्लेटन का मकसद खदान दुर्घटना में मारे गए पिताओं के साथ-साथ अपने पिता को भी श्रद्धांजलि देना था.
दूसरी कहानी के मुताबिक इसकी शुरुआत अरकांस की रहने वाली सोनोरा स्मार्ट डॉड ने अपने पिता को सम्मानित करने के लिए की थी. डॉड के पिता ने उनकी मां की बच्चे को जन्म देने के दौरान मौत के बाद छह बच्चों को पाला था. डॉड जब 16 साल की थीं तभी उनके पिता की मौत हो गई थी.
1905 में शुरू हुए मदर्स डे के दौरान आयोजित कार्यक्रम के दौरान उन्हें लगा कि पिता की भूमिका के सम्मान में भी ऐसा ही डे मनाए जाने की जरूरत है. उन्होंने भी क्लेटन की ही तरह धार्मिक नेताओं को पिता के सम्मान में एक विशेष सेवा कार्यक्रम आयोजित करने के लिए मनाया.
1910 में पहले फादर्स डे के सेलिब्रेशन का आयोजन वॉशिंगटन के स्पोकेन स्थित वाईएमसीए में किया गया था. हालांकि इसे लोकप्रिया होने में कई साल लगे क्योंकि कई लोगों को डर था कि इसका प्रयोग सिर्फ कॉर्मशियल टूल की तरह किया जाएगा.
जून 1913 में यूएस कांग्रेस ने आधिकारिक तौर पर जून के तीसरे रविवार को फादर्स डे की तारीख तय की, तब से फादर्स डे इसी अमेरिका सहित ज्यादातर देशों में इसी दिन मनाया जाता है. 1966 में सबसे पहले राष्ट्रपति लिंडन जॉनसन ने फादर्स डे को मनाने के लिए पहली राष्ट्रपतीय उद्घोषणा की लेकिन इस कानून पर हस्ताक्षर 1972 में राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन ने किए.
गूगल ने भी अपने डूडल के जरिए फादर्स डे को अपने ही अंदाज में सेलिब्रेट किया है. देखिए फादर्स डे पर बनाया गया गूगल का डूडल
तो अब जब आपने फादर्स डे के बारे में सब जान लिया तो चलिए इस मौके पर अपने पापा को गिफ्ट देकर थैंक्यू बोलिए!
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