शाहरुख, आमिर जैसों के लिए अब नहीं रहेगी सरोगेसी !
केंद्र सरकार ने सरोगेसी ड्राफ्ट बिल को मंजूरी दे दी है, जिससे सरोगेट मदर्स के अधिकारों की रक्षा होगी और सरोगेट बच्चे के पैरेंट्स को कानूनी मान्यता मिलेगी, जानिए सरोगेसी बिल से जुड़ी जरूरी बातें.
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केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को सरोगेसी कानून के ड्राफ्ट बिल को मंजूरी दे दी है. सरोगेसी बिल को पास करने का उद्देश्य उधार की कोख वाली मां के अधिकारों की रक्षा करना और सरोगेसी से होने वाले बच्चे के माता-पिता को कानूनी मान्यता प्रदान करना है. लेकिन सरकार ने विदेशियों द्वारा सरोगेसी सेवाएं लिए जाने पर रोक लगा दी है और सिर्फ भारतीयों को ही इसकी अनुमति दी है. साथ ही कमर्शियल सरोगेसी पर भी पूरी तरह से रोक लगा दी गई है, ताकि सरोगेसी के नाम पर किसी महिला का शोषण न हो सके. आइए जानें क्या है सरोगेसी बिल की प्रमुख बातें.
क्या हैं सरोगेसी बिल की प्रमुख बातें:
केंद्र सरकार के मंत्रियों के एक समूह जिनमें स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा, वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण और साद्य प्रस्संकरण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर शामिल थे, ने इस विधेयक को अपनी मंजूदी दे दी थी. इसके बाद इसे अंतिम मंजूरी के लिए केंद्रीय मंत्रीमंडल के पास भेजा गया था जिसने संसद में पेश किए जाने के लिए सरोगेसी बिल 2016 को मंजूरी दे दी.
हाल ही में सरकार ने स्वीकार किया था कि देश में सरोगेसी के लिए किसी वैधानिक तंत्र के अभाव में ग्रामीण और आदिवासी इलाकों में सरोगेसी के जरिए प्रेग्नेंसी के मामले हुए, जिनमें शरारती तत्वों द्वारा महिलाओं के शोषण की आशंका रहती है.
इस बिल को केंद्रीय कैबिनेट द्वारा 27 अप्रैल को ही पास किया जाना था लेकिन अंतिम समय में इसे एजेंडे से हटा दिया गया था. सरकार ने कहा है कि विशेषकर ग्रामीण और आदिवासी महिलाओं के शोषण को रोकने के लिए विदेशियों द्वारा देश में सरोगेसी सुविधाएं लेने पर रोक लगा दी गई है.
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आइए जानें इस बिल की खास बातें क्या हैं.
1.सरोगेसी बिल 2016 को कैबिनेट की मंजूरीः केंद्रीय कैबिनेट ने सरोगेसी बिल 2016 के ड्राफ्ट बिल को संसद में पेश करने के लिए मंजूरी दे दी है.
2.सरोगेट माता के अधिकारो की रक्षाः सरोगेसी के लिए देश में उचित वैधानिक तंत्र के अभाव में सरोगेट माताओं के अधिकारों की सुरक्षा के लिए अब तक कोई प्रावधान नहीं था. ऐसे में उनके शोषण की आशंका बनी रहती थी. इस बिल के पास हो जाने पर सरोगेट माताओं के शोषण की आशंका खत्म की जा सकेगी.
3.सरोगेट बच्चे के पैरेंट्स को मान्यताः सरोगेसी से पैदा होने वाले बच्चे के पैरेंट्स को इस बिल के पास होने के बाद कानूनी मान्यता मिल जाएगी.
सरोगेसी बिल के पास होने से सरोगेट मदर्स के अधिकारो की रक्षा हो सकेगी |
4.कमर्शियल सरोगेसी पर प्रतिबंधः पिछले कुछ सालों के दौरान कोख को किराए पर लेने का एक नया बिजनेस शुरू हो गया था. इसमें किसी गरीब महिला (सरोगेट माता) की कोख का इस्तेमाल बच्चे पैदा करने के लिए होता था और बच्चे के जन्म के बाद महिला को गरीबी में ही जीने के लिए छोड़ दिया जाता था. इसी को देखते हुए सरकार ने सरोगेसी बिल में कमर्शियल सरोगेसी पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक देश भर में सरोगेसी के 2000 से ज्यादा गैरकानूनी क्लिनिक चल रहे हैं.
5.विदेशियों द्वारा सरोगेसी सेवाएं लेने पर रोकः सरकार ने महिलाओं, खासकर ग्रामीण और आदिवासी महिलाओं के शोषण को रोकने के लिए विदेशियों द्वारा सरोगेसी की सुविधाएं लेने पर रोक लगाने का प्रस्ताव इस बिल में किया है. नए बिल के तहत सिर्फ देश के लोगों को ही सरोगेसी की सुविधाएं लेने की इजाजत होगी. विदेशियों और एनआरआई को इसकी अनुमति नहीं होगी.
6. सिर्फ शादीशुदा लोगों को सरोगेसी की इजाजतः नए बिल के मुताबिक सिर्फ शादीशुदा लोगों को ही सरोगेसी की इजाजत होगी. सिंगल्स, लिव-इन जोड़ों और गे जोड़ों को सरोगेसी की सुविधाएं लेने की इजाजत नहीं होगी. सरोगेसी लेने के लिए कम से कम पांच साल से विवाहित होना जरूरी होगा और इसके लिए महिला की उम्र 25-50 और पुरुष की 26-55 साल की होना जरूरी है. ऐसा करने वाले शादीशुदा जोड़ों को ये मेडिकल सर्टिफिकेट देना होगा कि वे अपना बच्चा नहीं पैदा कर सकते हैं.
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7.जिन लोगों के पास पहले से ही संतान हैं या जिन्होंने बच्चे गोद ले रखे हैं, उन्हें सरोगेसी की सुविधा लेने की इजाजत नहीं होगी. साथ ही कोई भी महिला सिर्फ एक बार ही सरोगेट मां बन सकती है.
8. सरोगेट बच्चे को बायोलॉजिकल बच्चे की तरह ही प्रॉपर्टी जैसे सभी अधिकार मिलेंगे.
9. सरोगेसी क्लिनिकों के लिए सरोगेट बच्चे का 25 साल तक रिकॉर्ड रखना जरूरी होगा. कानून का उल्लंघन करने वाले क्लिनिकों के मालिकों को 10 साल की सजा दिए जाने का प्रावधान होगा
10. स्वास्थ्य मंत्री की अध्यक्षता में नेशनल सरोगेसी बोर्ड का गठन होगा. तीन महिला सांसद इस बोर्ड की सदस्य होंगी, जिनमें से दो लोकसभास से होंगी.
सुषमा ने सरोगेसी के दुरुपयोग के लिए सेलेब्रिटी कपल्स को लताड़ाः
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने सरोगेसी के दुरुपयोग करने वालों की तीखी आलोचना की. आमतौर पर बच्चे पैदा करने में अक्षम कपल्स द्वारा अपनाई जाने वाली सरोगेसी का हाल के वर्षों में ऐक्टर्स और सेलेब्रिटी कपल्स ने अपने स्वार्थ के तौर पर प्रयोग किया है.
सुषमा ने ऐसे स्टार ऐक्टर्स और सेलेब्रिटीज की आलोचना करते हुए कहा, ‘बड़े सेलेब्रिटीज जिनके एक ही नहीं दो-दो बच्चे हैं. एक बेटा और एक बेटी, उन्होंने भी सेरोगेसी का सहारा लिया है सिर्फ इसलिए क्योंकि उनकी पत्नियां दर्द नहीं सहना चाहती हैं, आप ऐसा नहीं कर सकते हैं.’
विदेश मत्री सुषमा स्वराज ने सरोगेसी का दुरुपयोग करने वाले सेलेब्रिटीज को जमकर लताड़ा |
दरअसल सुषमा उस परोपकारी सरोगेसी पर टिप्पणी कर रही थी जिसमें बच्चा पैदा करने में अक्षम दंपतियों के रिश्तेदारों द्वारा सरोगेसी के लिए उनकी मदद की जाती है. लेकिन हाल के वर्षों में कई सेलेब्रिटीज ने अपने बच्चे होने के बावजूद परोपकारी सरोगेसी का सहारा लिया है, जिसकी सुषमा ने तीखी आलोचना की है.
...तो इन सिलेब्रिटी के नहीं होते सरोगेट बच्चे
यदि ये बिल पहले आया होता तो हमारे देश में कई सेलिब्रिटी ने सरोगेसी के जरिए अपना परिवार नहीं बढ़ा पाते, क्योंकि उनके पहले से ही बच्चे थे. ये हैं वे सेलिब्रिटी-
- शाहरुख खान : बेटा आर्यन और बेटी सुहाना के होने के बावजूद दूसरे बेटे अबराम के जन्म के लिए सरोगेसी का सहारा लिया था.
- आमिर खान : पहली पत्नी से बेटा जुनैद और बेटी इरा हैं, सरोगेसी के जरिए बेटे आजाद का जन्म हुआ.
- सोहैल खान : वर्ष 2000 में बेटे निर्वाण का जन्म हुआ, 2011 में उन्होंने सरोगेसी के जरिए परिवार को बढ़ाया.
- तुषार कपूर: विवाहित न होते हुए भी इन्होंने हाल ही में सरोगेसी के जरिए एक बच्चे को अपने परिवार में लाया है. यदि ये कानून बन जाता है तो अब ये संभव नहीं है.
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