लाइगर का 'आफत' गाना, एक रोमांटिक गाने में 'रेप फैंटासी' क्यों?
लाइगर फिल्म का गाना 'आफत' बलात्कार संस्कृति को ऐसे सजा कर पेश कर रहा है, जैसे यह कितनी सामान्य सी बात है... इस गाने की एक लाइन ऐसी है जो बॉलीवुड के उस दौर में ले जाती है, जब फिल्मों में मजबूर महिला खुद को बचाने के लिए रेपिस्ट के सामने हांथ जोड़कर गुहार लगाती है कि 'भगवान के लिए मुझे छोड़ दो..'
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करण जौहर (Karan Johar) के धर्मा प्रोडक्शन और विजय देवरकोंडा (Vijay Deverakonda) अनन्या पांडे (Ananya Pandey) स्टारर फिल्म लाइगर का गाना आफत सच में 'आफत' ही है. इस गाने का म्यूजिक भले ही आपको झूमने के लिए मजबूर कर सकता है, लेकिन इस गाने की लिरिक्स सुनकर मन भन्ना जाता है. गाने के मूव्स को देखकर आपको करण जौहर के गानों की याद आ जाती है.
ऐसा लग रहा है कि इस गाने को बनाते समय निर्माता अपना दिमाग घर पर ही छोड़कर आ गया था. पता नहीं, क्या सोचकर इस गाने की लीरिक्स लिखी गई है, इसमें एक लाइन तो ऐसी है जो बॉलीवुड के उस दौर में ले जाती है, जब फिल्मों में मजबूर महिला खुद को बचाने के लिए रेपिस्ट के आगे हांथ जोड़कर गुहार लगाती है कि 'भगवान के लिए मुझे छोड़ दो..' उस समय यह लाइन संवेदना के लिए इस्तेमाल किया गया था मगर आफत गाने में इसे एक मजाक की तरह पेश किया गया है. इसी लाइन को अनन्या ने हाथ जोड़कर रिक्रिएट किया है...
इस लाइन को 'आफत' गाने में रोमांटिक अंदाज में परोसा गया है जिसे पचा पाना तमाम उन महिलाओं के लिए संभव नहीं है जिनके साथ कुछ गलत हुआ है. यही सब देखकर लगता है कि लाइगर का आफत गाना बलात्कार को सामान्य बता रहा है. अगर कोई रेप पाीड़िता गलती से भी यह गाना सुन या देख ले तो उसे अपना पुराना जख्म याद आ सकता है.
पता नहीं क्या सोचकर गाने में ऐसे लिरिक्स और मूव्स का इस्तेमाल किया गया है. "जवानी तेरी आह आफत..." जब गाना शुरु हो रहा है तो लगता है कि नॉर्मल बॉलीवुड का गाना बज रहा है. मगर धीरे-धीरे गाना जैसे आगे चलता है इसकी लाइनें बदलती जाती हैं. विजय देवरकोंडा और अनन्या की केमिस्ट्री गाने में रेप सीन की तब याद दिलाता है जब अचानक से जब बीच में पुराने जमाने के फिल्म का डायलॉग गूंजता है कि "भगवान के लिए मुझे छोड़ दो..."
करण जौहर के धर्मा प्रोडक्शन और विजय देवरकोंडा-अनन्या पांडे स्टारर फिल्म लाइगर का गाना आफत सच में 'आफत' ही है
बड़ा ही अजीब लगता है कि ये क्या है? कई लोगों को यह गाना डिस्टर्बिंग लग सकता है. इस गाने को सुनकर मन में यह सवाल उठाता है कि क्या रेप आज के जमाने में इतनी सामान्य सी बात है? वैसे बॉलीवुड में ऐसे गाने बनाना बड़ी नॉर्मल सी बात है. अक्सर इस तरह की लिरिक्स सुनने को मिलती है. हालांकि इस गाने के खिलाफ कई लोगों ने सोशल मीडिया पर लिखा है. इशिता कहता हैं कि, यह गाना कितना बकवास है. जब महिला आआआफत...कहती है तो सुनकर दिमाग खराब हो जाता है. मैं तो अपना एफ चैनल बदल देती हूं...
Finally someone said it! WTF is this song! So irritating & horrific song of our times! I literally changed my FM channel whenever it starts playing! The female voice, the lyrics they say blabbers aaaaaaaafat everything is shitty! #Aafat #Liger pic.twitter.com/zPMa71gDsB
— ?????? ????? ?? (@IshitaJoshi) August 27, 2022
कुछ भी सोचने से पहले एक बार गाने की लाइनें पढ़ लीजिए-
तूने आंखों से पिलायी दारू पी जाउंगी
कैसे घर जाउंगी, कहीं गिर जाउंगी
मैं तो कली हूँ, तू छुएगा तो खिल जाउंगी
तेरी बन जाउंगी, तुझे मिल जाउंगी
जवानी तेरी आह आफत...
भगवान के लिए मुझे छोड़ दो...
ना तो चल पाऊंगी, ना संभल पाऊंगी
तेरी बाहो में ना आयी तो किधर जाउंगी
तू ना बच पायेगा मैं ना बच पाऊंगी
तूने हाथ जो लगाया मैं तो जल जाउंगी
जवानी तेरी, आह आफत...
भगवान के लिए मुझे छोड़ दो...
#Liger is part of the problem, its time Bollywood learns how to respect women#LigerMovie #AnanyaPandey #VijayDevarakonda #PuriJagannadh https://t.co/QOLwParO8E
— Mashable India (@MashableIndia) August 25, 2022
तनिका कहता हैं कि एक बार आफत गाना और सुन लिया तो ऐसा लगात है कि कहीं आगजनी कर दूं...
if i hear that aafat song one more time i am going to commit arson
— tanika (taylor's version) (@purps_tan) August 24, 2022
आदेश घोयल नामक यूजर ने लिखा है कि...घृणित, बीमार, विकृत... मुझे हैरानी है कि गाना बनाने वाले को महिला ने जन्म दिया था. आफत गाना इनकी गंदी मानसिकता को दर्शाता है. यह रेप को सामान्यीकरण कर रहा है. यकीन नहीं होता कि देवरकोंडा भी गंदगी का हिस्सा हैं, हमें इन पर शर्म आती है...पीजे से लिखा है कि लाइगर की गलती है कि यह धर्मा प्रोडक्शन में फिट होने की कोशिश कर रहा था. आफत जैसा गाना इसी का नतीजा है.
Puri's songs have always been eccentric and memorable. The problem with Liger was it was trying to fit the 'Dharma' aesthetic of not being too edgy. A song like Aafat is more watered down than a Chandramukhi which he shot 17 years ago https://t.co/zjRwqcPacs
— PJ (@filmisconstant) August 26, 2022
चार्म ने लिखा है कि शीला की जवानी, फेविकोल से, चिकनी चमेली और अब आफत...इन सभी गानों में लोगों का ध्यान आकर्षित करने के लिए महिलाओं को कामुक तरीके से पेश किया गया है. क्या फिल्म उद्योग इस तरह से काम करता है? ऊपर से लोग इस गाने को सामान्य समझकर पागल हो रहे हैं.
वहीं सेवर्ड नामक यूजर ने लिखा है कि 'मैं आप लोगों के बारे में नहीं जानता, लेकिन मुझे लगता है कि आफत गाना बलात्कार संस्कृति की अपील कर रहा है, इसे प्रतिबंधित क्यों नहीं किया जाना चाहिए?"
जिस तरह महिलाओं पर जोक बोलकर लोग ठहाके लगाते हैं, जिस तरह पत्नियों पर जोक मारकर लोग हंसते हैं उसी तरह से अब आफत जैसे गाने गानों के लोग महिलाओं के नाम पर चटकारे ले रहे हैं. कुल मिलाकर इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि आफत गाना सच में घिनास्टिक है...
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