ग्रैमी अवार्ड में तहलका मचाने वाली लिज़्ज़ो सिर्फ संगीत-प्रेमियों की ही प्रेरणा नहीं हैं
भारी भरकम शरीर के बावजूद मिशिगन में जन्मीं और ग्रैमी अवार्ड्स की आठ अलग अलग कैटेगरी में नॉमिनेट लिज़्ज़ो ने दुनिया की तमाम महिलाओं को बताया है कि कैसे अपनी कमियों को अपनी ताकत बनाकर व्यक्ति सफल हो सकता है.
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'I was crying in my room all day. I said, ‘If I stop making music now, nobody would fucking care' एल्ले मैगज़ीन को दिए अपने एक इंटरव्यू में पॉप-स्टार Lizzo ने ये बातें कुछ महीने पहले कहीं थी. और आज देखिए लिज़्ज़ो संगीत के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार ‘62 वें ग्रैमी अवॉर्ड’ (Grammy Awards) की कुल आठ श्रेणियों में नॉमिनेट की गयीं हैं. जिनमें ‘एल्बम ऑफ़ द ईयर’,‘रेकर्ड ऑफ़ द ईयर’,‘ सॉन्ग ऑफ़ द ईयर’, ‘बेस्ट न्यू आर्टिस्ट’ जैसे कई पुरस्कार शामिल है. ये लिज़्ज़ो की कभी हार न मानने और अपनी कमी को ही अपनी ताक़त बना कर मैदान में टिके रहने के जज़्बे का ईनाम है. अमेरिका मिशिगन के डेट्रॉइट में जन्मी मलिसा जेफ़र्सोन यानि लिज़्ज़ो के लिए ये राह इतनी भी आसान नहीं रही है.
अश्वेत लिज्जो ने अपनी कमी को अपनी ताकत बनाकर दुनिया की महिलाओं को बड़ा सन्देश दिया है
अश्वेत लिज़्ज़ो अपने वजन और अपने फ़िगर को लेकर बेहद असुरक्षित महसूस करती थी. उन्होंने अपने एक इंटरव्यू में इसके बारे में खुल कर कहा भी था कि, 'I had an insecurity about what a star looks like, or what a front-person looks like. I felt like I was inadequate; I felt like I wasn’t enough; I felt like people didn’t want to look at me and listen to what I had to say.”
लेकिन जैसे-जैसे उनका संगीत से जुड़ाव बढ़ता गया वो खुद को लेकर भी कॉन्फ़िडेंस महसूस करने लगी. पहले वो सिर्फ़ चर्च के गॉस्पल समूह में गाती थी. लेकिन इन्हें सिर्फ़ एक अश्वेत लड़की जिसकी आवाज़ तो जादुई थी, मगर उससे ज़्यादा वो कुछ नहीं है. ख़ुद के लिए लिज़्ज़ो को ये टैग मंज़ूर नहीं था.
लिज़्ज़ो जब थोड़ी बड़ी हुई फ़्लूयेट बजाना और ट्वर्क करना सीखने लगी. साथ ही साथ रैप और पॉप गानों की भी प्रैक्टिस करती रही. फिर 2014 में उन्हें एक बड़ा ब्रेक पॉप स्टार प्रिंस ने दिया. लिज़्ज़ो के लिए ये ब्रेक तो बड़ा था मगर हॉलीवुड का रास्ता अब भी मीलों दूर था. ऊपर से वो अपने बढ़ते हुए वज़न को भी लेकर काफ़ी परेशान थी. कई बार उन्होंने सोचा कि सब छोड़ कर कहीं दूर चली जाए मगर उनकी मां उन्हें हमेशा हिम्मत देती रही.
फिर 2015 में उन्होंने अपना सोलो एल्बम बिग गर्ल-स्मॉल वर्ल्ड और 2016 में कोकोनट ऑयल रिलीज़ किया. इन दोनों ऐल्बम से लिज़्ज़ो की हॉलीवुड में तो पहचान बन रही थी लेकिन दुनिया अभी भी उनकी मुट्ठी से बाहर थी. तब आया एल्बम ‘Cuz I love you’ और फिर दुनिया के सामने लिज़्ज़ो उभर कर आयी एक बेहतरीन महिला-रैपर के रूप में. इसी ऐल्बम और इसी के गाने ‘Truth Hurts’ के लिए ग्रैमी पुरस्कार की आठ श्रेणियों में लिज़्ज़ो नामित की गयी हैं.
लिज़्ज़ो को Instagram पर 6.4 मिल्यन लोग फ़ॉलो करते हैं. लिज़्ज़ो दुनिया की उन करोड़ों लड़कियों के लिए इन्स्पिरेशन हैं जो अपने लुक्स, अपने रंग और अपनी वजन को लेकर हीन-भावना से ग्रसित हैं. लिज़्ज़ो की कहानी उन तमाम लड़कियों के लिए मिसाल है जो अब भी सोचती हैं कि गोरा-रंग, स्लिम-ट्रीम होना ही ख़ूबसूरत होना है.
लिज़्ज़ो ने एक इंटरव्यू में कहा भी था कि मैं अपने बारे में हर चीज़ बदल देना चाहती थी. मैं, मैं नहीं हो कर कोई और हो जाना चाहती थी. मगर इस सोच के साथ न तो मैं आगे बढ़ रही थी और न ही मैं ख़ुश थी. जिस दिन मैंने पहली बार ख़ुद को स्वीकार किया. अपने वजन को अपनी कमी नहीं बल्कि अपनी ताक़त समझ कर दुनिया के सामने आयी, दुनिया ने भी खुले दिल से मुझे अपनाया.
लिज़्ज़ो आपको ग्रैमी नॉमिनेशन के लिए बधाई और ख़ूब सारा प्रेम. आप का होना और इस तरह से अपने प्यार में होना ख़ूबसूरत है. आपकी कहानी दुनिया की लाखों लड़कियों को सपने देखने और उन्हें साकार करने की हिम्मत देगी. ख़ुश रहिए. सफलता आपके कदमों को चूमें.
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