कोरोना के बाद टिड्डियों ने भी पीएम मोदी को आंखें दिखा ही दीं!
कोरोना वायरस (Coronavirus) और लॉक डाउन (Lockdown) से देश पहले ही नहीं उभर पाया था अब इसके बाद जिस तरह टिड्डियों ने हमला (Locusts Attack) किया है देश और अर्थव्यवस्था की कमर पूरी तरह टूट गयी है.
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जब मुसिबत आती है तो चौतरफा आती है. ये वो कहावत है जो हमनें बुजुर्गों से सुनी. बड़े बूढ़ों की बातें भले ही इरिटेटिंग हों मगर उनमें अनुभव होता है. जो भी कहते हैं उनमें कोई न कोई लॉजिक होता है. देश को ही देख लीजिए. पूरा देश अदृश्य कोरोना वायरस (Coronavirus) की चपेट में है. लॉकडाउन (Lockdown) है तो प्रभावित देश की अर्थव्यवस्था (Economy) हुई है. अभी देश महंगाई, बेरोजगारी, जॉब लॉस, प्रवासी मजदूरों इत्यादि पर चर्चा कर ही रहा था कि हिंदुस्तान पर टिड्डियों के रूप में नई मुसीबत आ गयी है. समस्या कितनी बड़ी है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि साल 2020 में होने वाला टिड्डियों का ये हमला (Locusts Attack) गुजरे 26 सालों में सबसे बड़ा हमला है. बताया जा रहा है कि साल 2020 के इस हमले में टिड्डियों ने सिर्फ राजस्थान में 5 लाख हेक्टेयर फसल को बर्बाद कर दिया है. साथ ही महाराष्ट्र स्थित विदर्भ के भी 4 से 5 जिले इन खूंखार टिड्डियों के निशाने पर हैं.
खड़ी फसलों पर टिड्डियों को इस तरह हमला करते देख पूरा देश सकते में आ गया है
जी हां कारोना वायरस और लॉक डाउन के इस दौर में टिड्डियों का ये हमला सुनने में नार्मल लगे मगर जिन्होंने भी इनके झुंडों को इनके रास्ते मे आने वाली फसलों को तबाह करते देखा है वो जानते हैं कि इनको देखना कहीं से भी सुखद नहीं है.
बता दें कि भारत के पांच राज्य जिनमें राजस्थान, मध्य प्रदेश , हरियाणा, गुजरात, पंजाब बुरी तरह से इनकी चपेट में हैं साथ ही विदर्भ, उत्तर प्रदेश का मथुरा और दिल्ली को भी इन्होंने प्रभावित किया हुआ है. बात टिड्डियों की हुई है तो बता दें कि फिलहाल टिड्डियों ने सबसे ज्यादा प्रभावित केन्या को किया है जहां गुजरे 70 सालों में टिड्डियों ने अपना सबसे बड़ा हमला किया है. वहीं इथियोपिया और सोमालिया ने अपना 25 साल में सबसे बड़ा हमला देखा है.
क्या है टिड्डियां कैसे करती हैं ये हमला
टिड्डे कैसे इतने खतरनाक हैं? इसे समझने के लिए हमें इन कीड़ों के स्वाभाव के बारे में समझना होगा. रेगिस्तानी टिड्डों के बारे में माना जाता है कि ये अपने रास्ते में आने वाली हर चीज को खाकर 150 किमी तक की यात्रा कर सकते हैं. ये तब खतरनाक होते हैं जब इनकी आबादी बढ़ती है. बढ़ी हुई आबादी के कारण इनकी मानव सभ्यताओं के साथ निकटता बढ़ जाती है.
इनके बारे में ये भी कहा जाता है कि टिड्डियां केवल दिन के समय और हवा की दिशा के अनुसार उड़ती हैं और सभी प्रकार के पौधों और खड़ी फसलों में दावत के लिए जानी जाती हैं.
ध्यान रहे कि रबी की फसल काटी जा चुकी है जबकि खरीफ की फसल की बोआई शुरू होनी है. बात हमले की हो तो अब तक इन्होने राजस्थान में 5 लाख हेक्टेयर फसल को ख़राब कर दिया है.
This is Scary #LocustsattackHow we can get rid of it?? pic.twitter.com/2Bmsh4WYtM
— Arihant Sancheti (@sanchetiari) May 27, 2020
गुजरात के 52 में से 16 जिले और उत्तर प्रदेश के 17 जिले इनकी गिरफ्त में हैं. वहीं संयुक्त राष्ट्र ने भी इस बात को स्वीकार किया है कि टिड्डियों का ये हमला भारत के पूरे कृषि सेक्टर को प्रभावित करेगा जिसके चलते आने वाले वक़्त में मुसीबत बढ़ेगी.
This is not the scene of any Movie. #LocustsAttack in India ???????? pic.twitter.com/jPeBCqDmR6
— .。.:* ☆Huma☆*.:。. (@Miss_huma_) May 27, 2020
इस वर्ष टिड्डी का ये हमला सामान्य से काफी पहले हुआ है. प्रायः इनके हमले जुलाई से अक्टूबर की अवधि में होते थे मगर मौसम में परिवर्तन, पर्यावरण में असंतुलन इन हमलों की एक बड़ी वजह के रूप में देखा जा सकता है.
क्या है टिड्डियों को लेकर मौजूदा सूरत
हालात बहुत ख़राब हैं. कोरोना को लेकर देश वैसे ही पहले से बहुत परेशान है और अब टिड्डियों के इन हमलों ने आम लोगों के अलावा देश की सरकार तक को सकते में डाल दिया है. फ़िलहाल टिड्डियों के रडार पर महाराष्ट्र हैं जिन्होंने विदर्भ को अपनी चपेट में ले लिया है.
वहीं बात अगर उत्तर प्रदेश की हो तो इनसे निपटने के लिए टास्क फाॅर्स का गठन किया गया है. राजस्थान और गुजरात भी इसी कोशिश में हैं कि कैसे इन्हें मुंह तोड़ जवाब देकर परास्त किया जाए.
बहरहाल अब जबकि टिड्डियों के हमले की ये तस्वीर हमारे सामने है. केवल यही दुआ की जा सकती है कि हालात और ज्यादा खराब न हों. कोरोना के कारण यूं ही देश का बहुत नुकसान हुआ है ऐसे में अभी देश के पास इतनी शक्ति नहीं है कि वो टिड्डियों और उनका ये हमला बर्दाश्त कर ले.
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