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Updated: 06 अगस्त, 2021 07:05 PM
ज्योति गुप्ता
ज्योति गुप्ता
  @jyoti.gupta.01
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बिना गलती के सजा काटना कितना पीड़ादायी होता है ना? समाज के ताने, बदनामी और घुटन भरी जिंदगी क्या होती है इन लड़कों से पूछिए, जिन पर लड़कियों ने झूठे आरोप लगाकर इनका सबकुछ छीन लिया. लड़कियों ने खुद को विक्टिम बताया और इनकी जिंदगी तबाह कर दी. आपने लखनऊ कैब ड्राइवर की कहानी तो सुनी ही होगी. कुछ और कहानियों की दास्तां भी हैरान करने वाली हैं. वैसे इस जमाने में लोग एक पक्ष की बात सुनकर ही फैसला कर लेते हैं.

दो मिनट लगता है किसी को जज करके आरोपी बनाने में आज के जमाने में जो खुद को विक्टिम दिखाता है, वही लोगों की दया का पात्र बनकर लोगों की सहानुभूति लेता है. वह इमोशनल कार्ड खेलता है और सामने वाले को लोगों की नजरों में गिराने का काम करता है. अब लोग जो देखते हैं उसी धारा में बह जाते हैं. लोगों को लगता है कि मर्द जाति औरत पर जुर्म करते हैं लेकिन यह भी सच है कि सभी पुरुष ऐसे नहीं होते. हम कुछ ऐसे लड़कों की कहानी बता रहे हैं जिनकी जिंदगी लड़कियों के झूठ ने बर्बाद कर दी.

प्रसिद्धि कैब ड्राइवर को थप्पड़ मारती लखनऊ की लड़की

1- पहली घटना लखनऊ के कृष्णा नगर अवध चौराहे की है. जिसकी वीडियो आपने शायद देखी भी होगी. इस वीडियो में एक लड़की एक युवक को पीटते हुए देखी जा सकती है. पिटने वाला युवक एक ओला कैब ड्राइवर है. युवती उस ड्राइवर को उछल-उछल कर एक बाद एक थप्पड़ मारते हुए नजर आ रही है. युवती ने पुलिस को बताया कि तेज रफ्तार कैब से उसकी जान जाते-जाते बची. साथ ही अपने को बचाने और सिम्पैथी गेन करने के लिए युवती ने ये भी कहा कि कैब के अंदर जो लोग थे वो भी उसे परेशान कर रहे थे.

सबको लगा शायद गलती कैब ड्राइवर की है लेकिन पोल तब खुल गई जब सीसीटीवी फुटेज सामने आई. इसके बाद युवती के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुआ है. कैब ड्राइवर की इज्जत गई, इसकी गाड़ी फूटी, उसका चालान काटा गया और उसे लॉकअप में रखा गया. समाज में बदनामी हई सो अलग...सोचिए अगर लड़के ने थप्पड़ जड़ दिया होता तो क्या होता…अब कैब ड्राइवर सादत अली ने कहा है कि अगर उस लड़की को गिरफ्तार नहीं किया गया तो मैं आत्महत्या कर लूंगा. सादत ने कहा कि मेरी कोई गलती नहीं थी तो पुलिस ने मुझे 24 घंटे लॉकअप में बंद कर दिया, लेकिन अब लड़की पर एफआईआर हो चुकी है तो पुलिस ने उन्हें अभी तक गिरफ्तार क्यों नहीं किया है. कैब ड्राइवर ने कहना है कि उसने मेरी पूरी जिन्दगी खराब कर दी है. मैं और मेरा परिवार कभी इस घटना को नहीं भूल नहीं पाएंगे.

2- बेंगलुरु जोमैटो डिलीवरी ब्वॉय की सच्ची कहानी भी आपको भूली नहीं होगी. जब एक लड़की ने सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर करते हुए जौमैटो डिलीवरी ब्वॉय पर पर पंच मारने का आरोप लगाया था. लड़की का ने कहा था कि डिलीवरी में देरी होने की वजह से उसने ऑर्डर लेने से मना कर दिया. इस बात पर दोनों में बहस होने लगी. इसी बीच डिलीवरी ब्वॉय ने उसकी नाक पर पंच मारा जिससे खून निकलने लगा और हड्‌डी भी फ्रैक्चर हो गई. हितेशा के पुलिस कम्प्लेन के बाद उस डिलीवरी ब्वॉय को गिरफ्तार भी कर लिया गया. इसके बाद डिलीवरी ब्वॉय कामराज ने अपना पक्ष रखते हुए बताया कि 'बारिश की वजह से डिलीवरी लेट हुई. इसके बाद युवती ने ऑर्डर के बदले पैसे देने से इंकार कर दिए. मैंने खाना वापस करने को कहा, लेकिन लड़की ने खाना वापस नहीं किया और चप्पल से मुझे मारने की कोशिश की. जब मैं खुद को बचा रहा था तभी लड़की के हाथ से उसके मुंह पर रिंग से चोट लग गई.' अब पता चला है कि उस लड़की ने बेंगलुरु छोड़ दिया है.

3- यह मामला 2015 का है, जसलीन नाम की एक लड़की ने रॉयल इनफील्ड पर सवार सर्वजीत सिंह की फोटो को ट्वीट करते हुए लिखा था कि इस शख्स ने शर्मनाक तरीके से मेरे ऊपर भद्दे कमेंट किए. इसके बाद अरविंद केजरीवाल सहित कई हस्तियों ने रीट्वीट किया और जसलीन की बहादुरी की सराहना की गई. जसलीन ने सर्वजीत के खिलाफ FIR करवाने का साथ ही सर्वजीत को विलेन बना दिया. जबकि सच कुछ और था. दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में चार सालों तक यह मामला चला. वहीं 2019 में सर्वजीत निर्दोष साबित हुए. जसलीन तो उन्हें दरिंदा घोषित कर विदेश चली गईं लेकिन जो पीड़ा सर्वजीत और उनके परिवार ने सहा उसका हिसाब कौन देगा...पिता को दिल का दौरा पड़ गया और मां ब्लड प्रेशर की मरीज हो गईं. यानी सर्वजीत की दुनियां ही तबाह हो गई. 

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4- इसी तरह साल 2020 में इंटरनेट पर 'ब्वॉयज लॉकर रूम' एक स्कैंडल की खबर सामने आई. सोशल मीडिया पर देखते ही देखते यह खबर आग की तरह फैल गई. दरअसल, इसमें यह बात सामने आई थी कि सोशल मीडिया ग्रुप बनाकर नाबालिग लड़के रेप की बातें कर रहे थे. इस खबर के बाद गुरुग्राम की एक नाबालिग लड़की ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट डाली. अपनी पोस्ट में उस लड़की ने आरोप लगाया कि मानव सिंह ने दो साल पहले उनका रेप करने की कोशिश की थी. ये पोस्ट इतनी वायरल हुई कि लोग मानव को कॉल और मैसेज करने लगे. वह ट्रोलिंग से परेशान हो गया और 2 घंटे के अंदर 11वीं मंजिल से कूदकर सुसाइड कर लिया. जबकि इंस्टाग्राम पर आरोप लगाने वाली लड़की ने रेप के कोशिश की कोई पुलिस कम्प्लेन नहीं करवाई. वहीं मानव के परिवार वालों ने युवती के खिलाफ सुसाइड के लिए उकसाने का आरोप लगाया. इस मामले में वकील अमिश अग्रवाल का कहना है कि एक झूठ की वजह से मेरे क्लाइंट के इकलौते लड़के ने अपनी जान दे दी. 

ऐसे ही कई मामले सामने आते हैं जिसमें लड़कियां झूठे देहज उत्तपीड़न, घरेलू हिंसा और छेड़छाड़ के आरोप लगाकर लड़कों की जिंदगी खराब करती हैं. एक बार अगर किसी लड़के पर केस दर्ज हो गया तो फिर उसकी नौकरी नहीं लग पाती, वो कहीं विदेश नहीं जा पाता. समाज के लोग उसे नदरों से गिरा देते हैं. रोहतक रोडवेज बस स्टैंड से सोनीपत जाने वाली बस की घटना इसका उदाहरण है. जिसमें दो बहनों ने लड़कों को बेल्ट से पीटा था और छेड़छाड़ का आरोप लगाया था जबकि लड़ाई सीट को लेकर हुई थी. लोगों ने लड़कियों की वाहवाही की थी लेकिन उनके झूठ की वजह से लड़कों की आर्मी की नौकरी हाथ से निकल गई...

महिलाओं के साथ अपराध होने का दोषी हम समाज के हर पुरुष के सिर तो नहीं मढ़ सकते ना..,लड़कियों के इस तरह के झूठे आरोपों से सबसे ज्यादा नुकसान उन महिलाओं को होता है जो सच में पीडि़त होती हैं. समाज के लोग फिर हर पीड़िता को शक की नजरों से देखने लगते हैं. नारीवाद का मतलब महिलाओं के अधिकार से है ना कि निर्दोष पुरुषों को अपराधी बनाने और उन्हें नीचा दिखाकर उनसे आगे निकलने से.

इन पुरुषों की कहानी बताने से पहले बता दूं कि जिन लोगों को यह लगता है कि मर्द को दर्द नहीं होता वे गलत हैं. पुरुष भी रोते हैं, इनके सीने में भी एक पहाड़ सा दिल होता है. इनकी जिंदगी में मां, बहन, प्रेमिका, दोस्त, पत्नी और बेटी होती हैं. ऐसे में जब कोई महिला झूठे आरोप थोपती है तो इसका असर सभी महिलाओं पर पड़ता है…क्या चर्चा में रहने के लिए या वायरल होने के लिए कुछ भी क्यों कर रहे हैं, भले इसके लिए किसी की जिंदगी बर्बाद हो जाए? ऐसी निगोटिव प्रसिद्धि लेकर क्या फायदा…ऐसे कई मामले सामने आए हैं कि पुलिस की शिकायत पर बिना सही से जांच पड़ताल किए ही किसी को दोषी मान लिया गया. यह भी सच है कि महिलाओं के साथ अपराध होते हैं ऐसे में पुलिस को अपना काम कानूनी तौर पर करने की जरूरत है, ताकि कोई दोषी बच ना पाए और निर्दोष को सजा ना हो. 

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लेखक

ज्योति गुप्ता ज्योति गुप्ता @jyoti.gupta.01

लेखक इंडिया टुडे डि़जिटल में पत्रकार हैं. जिन्हें महिला और सामाजिक मुद्दों पर लिखने का शौक है.

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