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Updated: 13 नवम्बर, 2015 02:09 PM
पारुल चंद्रा
पारुल चंद्रा
  @parulchandraa
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मोम की मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध मैडम तुसाद म्यूजियम अब भारत में भी खुलने जा रहा है. लेकिन इस खबर का अगला हिस्‍सा थोड़ा अटपटा है. य‍ह म्‍यूजियम दिल्‍ली में खुलेगा और इसमें सिर्फ बॉलीवुड स्‍टार्स की मूर्तियां होंगी. खैर, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. क्‍योंकि सुना है कि संघ और बीजेपी से जुड़े लोगों ने अभी से दबाव बनाना शुरू कर दिया है कि यहां पहली मूर्ति पंडित दीनदयाल उपाध्‍याय की लगवाई जाए.

दुनिया में एक मान्‍यता है कि कोई सेलिब्रिटी तब तक ग्‍लोबल सेलिब्रिटी नहीं बनता, जब तक कि उसकी मोम प्रतिमा मैडम तुसाद म्‍यूजियम में न हो. सेलिब्रिटी स्‍टेटस दिलाने वाले इस प्‍लेटफार्म का सबसे ज्‍यादा फायदा हॉलीवुड स्‍टार्स को मिला है. बॉलीवुड के भी सभी बड़े सितारे मोम की शक्‍ल में यहां मौजूद हैं. इसके अलावा गांधी जी, इंदिरा गांधी और मदर टेरेसा जैसी शख्सियत को भी यहां जगह दी गई है.

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                                                   'मैडम तुसाद' में बॉलीवुड सितारों के मोम से बने पुतले

अब जब ये खबर आई कि मैडम तुसाद म्‍यूजियम भारत में भी खुलने जा रहा है तो उन लोगों की आंखों में सबसे ज्‍यादा चमक आ गई है, जिन्‍हें अपने आराध्‍य नेताओं की मूर्तियां लगवाने का शौक है. देशभर के प्रमुख चौराहों बगीचों में गांधी, नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, पं. दीनदयाल उपाध्‍याय और राज्‍यवार प्रमुख नेताओं की मूर्तियां मौजूद हैं. अब इन नेताओं के समर्थकों को मूर्ति लगवाने का एक और ठिकाना मिलने जा रहा है.

हालांकि, मैडम तुसाद म्‍यूजियम की दिल्‍ली ब्रांच बॉलीवुड के साथ एक समझौते के तहत खोली जा रही है. तो होना तो यही चाहिए कि उसमें सिर्फ बॉलीवुड को ही जगह मिले. लेकिन सवाल ये उठना लाजमी है कि यदि बॉलीवुड के लिए ही मैडम तुसाद को भारत लाया जा रहा है तो मुंबई लाया जाता. यदि उसे दिल्‍ली में अवतरित किया जा रहा है तो खादीधारियों की ओर से दबाव बनना ही है.

ये अफवाह भी फैलने लगी है कि चूंकि देश में भाजपा के नेतृत्‍व वाली सरकार है तो इस म्‍यूजियम का नाम 'पंडित दीन दयाल उपाध्याय मैडम तुसाद' रखा जाए.

यूं तो भारत में लोनावला, कोलकाता, मसूरी और कन्याकुमारी में भी मोम के पुतलों के संग्रहालय मैडम तुसाद की तर्ज पर ही बनवाए गए हैं, लेकिन all that glitters is not gold.  यही वजह है कि भारत से हर साल लाखों टूरिस्ट लंदन जाकर म्यूजियम देखते हैं. पिछले साल भारत से 4 लाख लोग ये म्यूजियम देखने पहुंचे थे.

मैडम तुसाद के पैरेंट ग्रुप मर्लिन ने घोषणा की है कि 2017 तक इस म्यूजियम को दिल्ली में बनवा लिया जाएगा. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने घोषणा की है कि 2017 के सांस्कृतिक आदान प्रदान के तहत ब्रिटिश संग्रहालय के दुर्लभ खजाने में से कुछ चीजें जैसे शेक्सपीयर की फर्स्‍ट फोलियो और मैग्ना कार्टा की एक प्रति भी भारत में प्रदर्शित करने के लिए भेजी जाएगी. इसी साल ब्रिटेन में भारत महोत्सव भी मनाया जाएगा.

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लेखक

पारुल चंद्रा पारुल चंद्रा @parulchandraa

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं

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