दाऊद को पकड़ने का मोदी का सपना क्या पूरा होगा ?
विजय माल्या को लंदन में थोड़े समय के लिए ही सही, गिरफ्तार किया गया. लेकिन देश का असली दुश्मन दाऊद इब्राहिम पाकिस्तान में महफूज बैठा है. कब तक?
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भारत ने ब्रिटेन सरकार के साथ मिलकर माल्या को तो गिरफ्तार करा लिया, लेकिन उसका क्या जिसके लिए भारत की करोड़ों आखें इंतजार कर रही हैं. जी हां, वो है भारत का मोस्ट वॉन्टिड दाऊद इब्राहिम. लेकिन पहले बात करते हैं विजय माल्या की... स्कॉटलैंड यार्ड पुलिस ने आज तक को बताया कि माल्या को भारत सरकार के अनुरोध पर गिरफ्तार किया गया है.
अब बताते हैं कैसे, माल्या को भारत-इंग्लैंड की बीच हुई संधि के तहत गिरफ्तार किया गया था. लेकिन बाद में उन्हें जमानत मिल गई. यानी भारत का ब्रिटेन के साथ मिलकर काम करना तो आसान है. लेकिन, जब पाकिस्तान की बारी आती है तो पड़ोसी मुल्क का कानून हलका पड़ जाता है.
लिकर किंग विजय माल्या को लंदन में गिरफ्तार किया गया, हालांकि बाद में उन्हें जमानत मिल गई. स्कॉटलैंड यार्ड पुलिस ने माल्या को भारत सरकार के अनुरोध पर गिरफ्तार किया गया है.
दुनिया में ऐसे कई कानून हैं जिससे किसी के देश के अपराधी को पकड़ा जा सकता है लेकिन जब पाकिस्तान की बात आती है तो वो बेबस हो जाता है. क्योंकि वहां आतंकवाद का जाल फैला हुआ है और जिससे वो खुद ही कानूनी व्यवस्ताओं को उलझ चुका है. भारत कई बार दाऊद को पकड़ने के लिए पाकिस्तान से सहारा लेने की कोशिश कर चुका है. लेकिन, हर बार नाकामयाबी ही हाथ लगी.
पाकिस्तान में आतंकवादी
पाकिस्तान में मानिए मोस्ट वॉन्टिड आतंकवादियों की फौज है. बात हो ओसामा बिन लादेन की, जिसे पाकिस्तान में घुसकर अमेरिका ने मार गिराया था. यही नहीं, मुंबई 26/11 का मास्टरमाइंड हाफिज सईद का अड्डा भी पाकिस्तान में ही है. जहां वो भारत विरोधी नारे देकर लोगों को उकसाता है. भारत का सबसे बड़ा दुश्मन यानी दाऊद इब्राहिम भी पाकिस्तान में छिपकर बैठा है. यही नहीं कई ऐसे संगठन भी हैं जो पाकिस्तान में पैर पसार के बैठे हुए हैं. जैसे तहरीक-ए-तालिबान, लश्कर-ए-झंगवी, सिपाह-ए-सहाबा, लश्कर-ए-तैयबा और भी कई.
दाऊद की गिरफ्तारी एक चुनौती
पिछले 22 सालों से भारत की सभी सरकारें दाऊद को भारत लाने की बात करती रही है. पर आज तक कोई भी सरकार दाऊद इब्राहिम को भारत लाने में कामयाबी हासिल नहीं कर पाया है. जानकारों के मुताबिक, पिछले 22 वर्षों में भारत की जांच एजेंसियों को दाऊद की बदले हुलिए तक का भी पता नहीं चल पाया है.
तीन सालों में कोई कामयाबी नहीं
नरेंद्र मोदी की सरकार आए भी लगभग तीन साल हो गए हैं. मोदी सरकार भी दाऊद को लाने की बात करती आ रही है. गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने 11 मई 2015 को लोकसभा में बयान दिया था जिसमें कहा था कि भारत सरकार दाऊद को हर कीमत पर वापस लाएगी. राजनाथ सिंह ने लोकसभा में दिए बयान में कहा था कि दाऊद से जुड़ी हर जानकारी पाकिस्तान को दी जा चुकी है.
पाकिस्तान को अब कार्रवाई करनी ही होगी. जरूरत पड़ी तो पाकिस्तान से इस मामले में बात भी की जाएगी. लेकिन पाकिस्तान ने जो रवैया दिखाया उसे देखकर लगता है कि वो भारत की किसी भी तरह से मदद नहीं करना चाहता है और दाऊद को महमान की तरह रखना चाहता है.
मारा जा सकता है लेकिन पकड़ना मुश्किल
भारत अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद को चाहकर भी नहीं पकड़ सकती क्योंकि पाकिस्तान इस मुद्दे में दखल नहीं देना चाह रहा है. उसे पता है अगर उसने किया तो दाऊद भारत को मिल जाएगा और उसकी पुरानी कही बात झूठी हो जाएगी जहां उसने कहा है कि दाऊद पाकिस्तान में नहीं है. ऐसे में भारत के पास एक ही चारा है वो है दाऊद का खात्मा... बिलकुल वैसे ही जैसे अमेरिका ने पाकिस्तान में घुसकर ओसामा को ढेर किया था. लेकिन वहां भी पाकिस्तानी सेना ने उसकी मदद की थी. अब ये देखने वाली बात होगी कि भारत दाऊद को पकड़ने के लिए कैसी प्लानिंग करता है.
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