आतंकियों के दुश्मन बन गए बांग्लादेश के मौलाना मसूद
गुरुवार को ईद पर बांग्लादेश की किशोरगंज ईदगाह पर जो आतंकी हमला हुआ है, उसके निशाने पर थे एक मौलाना मसूद. जानिए क्यों-
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यदि नाम देखेंगे तो लगभग एक जैसा ही है. मौलाना मसूद. एक पाकिस्तान में तो दूसरा बांग्लादेश के किशोरगंज में. लेकिन, फर्क जमीन आसमान का. फर्क हराम और हलाल का. फर्क धर्म और अधर्म का. एक मौलाना मसूद पाकिस्तान में भारत के खिलाफ जहर उगल रहा है और आतंकियों को पनाह देता रहा है. तो बांग्लादेश वाले मौलाना मसूद ने आतंकियों के खिलाफ जेहाद छेड़ दिया है.
गुरुवार को किशोरगंज के ईदगाह पर आतंकियों ने जो हमला किया, उसका निशाना थे शोलकिया ईदगाह के इमाम मौलाना फरीदउद्दीन मसूद. करीब 65 साल के इस धर्मगुरु ने आतंकियों के खिलाफ लड़ाई छेड़ रखी है. बांग्लादेश में जब हिंदू और ईसाई अल्पसंख्यकों पर इस्लामिक कट्टरपंथियों ने हमले किए, तो मौलाना खुलकर सामने आ गए.
मौलाना ने फतवा दिया, 'इस्लाम के नाम पर आतंकवाद हराम है. यहां तक कि ऐसे आतंकियों के जनाजे में हिस्सा लेना भी हराम है. और इन आतंकियों से लड़ते हुए जो लोग मारे जा रहे हैं वे शहीद हैं.'
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इमाम मौलाना फरीदउद्दीन मसूद |
इस्लामिक स्कॉलर्स के संगठन बांग्लादेश जमीयतुल उलेमा के चेअरमैन मौलाना मसूद ने इस्लामिक आतंकियों के जेहाद को सरासर गलत बताया है. उनके फतवे पर बांग्लादेश के एक लाख से ज्यादा उलेमाओं ने साइन किए हैं.
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गुरुवार को आतंकियों ने किशोरगंज की उसी ईदगाह पर हमला किया, जहां मौलाना मसूद तकरीर कर रहे थे. वे बता रहे थे कि उनके फतवे से देश में आतंकवाद पूरी तरह भले न दूर हो, लेकिन कम जरूर होगा. क्योंकि कट्टरपंथियों ने आतंक फैलाने के लिए कुरान और हदीस का गलत इस्तेमाल किया है.
आतंकियों की फायरिंग में कुछ पुलिस वालों की जान चली जाने की खबर है. जबकि एक आतंकी मौके पर ही मारा गया है. बांग्ला देश सरकार ने देश में संदिग्धों के खिलाफ अभियान चलाते हुए 11 हजार लोगों को गिरफ्तार किया है. लेकिन, देश में हमले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं. आईएसआईएस और अलकायदा से जुड़े संगठनों ने और हमले करने की चेतावनी दी है.
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