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Updated: 19 जून, 2018 07:32 PM
रिम्मी कुमारी
रिम्मी कुमारी
  @sharma.rimmi
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चूहों के आतंक से कौन वाकिफ नहीं होगा. कम से कम हमारे देश के हर घर की कहानी में एक न एक किस्सा चूहों के आतंक का तो जरुर होगा. घरों की कितनी भी सफाई कर लो. कितना भी रैट किल का इस्तेमाल कर लो. चूहे ने कभी न कभी, कुछ न कुछ नुकसान तो पहुंचाया ही होगा. वैसे घरों के अलावा अभी तक तो यही सुनने में आता था कि कोल्ड स्टोरेज में रखे अनाज को चूहे खा गए. खेत में खड़ी फसल को चूहों ने नुकसान पहुंचा दिया.

लेकिन समय के साथ चूहों की जरुरतें और स्वाद भी बदले. कुछ दिनों पहले बिहार में 'शराबी चूहों' की घटना सुन ही ली थी. 5 अप्रैल, 2016 से बिहार में शराब पूरी तरह से बंद है. अब ऐसे में अवैध तरीके से बिहार में शराब पीने और बेचने वालों से बड़ी मात्रा में शराब समय समय पर जब्त होती थी. पिछले साल बिहार नगर निगम चुनावों के समय जब विभिन्न थानों के थानेदारों से पूछा गया कि आखिर जब्त किए गए शराब की मात्रा में लगातार कमी क्यों आ रही है तो जवाब मिला था कि चूहे शराब पी गए!

अगर इतने पर ही आप हंस हंस कर लोटपोट हो रहे हैं तो रुकिए. हमारे पास हंसी से आपके पेट में दर्द कराने वाली एक और खबर है. वो भी बिल्कुल ताजा. असम के तिनसुकिया लाईपुली क्षेत्र में एक विचित्र घटना घटी. यहां के एक एटीएम के अंदर से चूहे 12.38 लाख रुपये की नकद खा गए! जी हां ये सच है. एक स्थानीय अखबार के मुताबिक हुआ यूं कि इस एटीएम में 19 मई को 29.48 लाख रुपये डाले गए थे. लेकिन अगले ही दिन यानी 20 मई से तकनीकी खराबी के कारण एटीएम का इस्तेमाल नहीं हो रहा था.

MICE, ATM, Cashचूहों का टेस्ट बदल रहा है!

इसके बाद, 11 जून को, जब इंजीनियर एटीएम बनाने आए तो उन्होंने उसमें पड़े पैसों का ये हाल देखा. अधिकांश नोट 500 और 2000 रुपये के मूल्य में थे. गिनती करने पर पता चला कि चूहों ने लगभग 29.48 लाख की कीमत के रुपए कुतर डाले थे. इस बारे में एफआईआर दर्ज कर ली गई है और मामले की जांच की जा रही है. जनता को भले एटीएम में पैसे नहीं मिल रहे हों पर चूहों ने अपने हिस्से की रकम डकार ली.

वैसे इससे भी हैरान करने वाली एक घटना के बारे में अगर बताएं तो 2013 में ब्रिटेन में चूहों ने एक कार के पुर्जे तक चबा डाले थे! कार मालिक को लगभग एक लाख का नुकसान हुआ था.

तो अब अगर किसी को चूहों की क्षमता और शक्ति पर शक हो तो इन घटनाओं को याद कर ले. समय के साथ चूहों की पसंद भी बदल रही है. वो कहावत सुनी है न, अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता. तो अब ये याद रखिए कि अकेला चूहा लाखों का चूना जरुर लगा सकता है.

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लेखक

रिम्मी कुमारी रिम्मी कुमारी @sharma.rimmi

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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