मिरेकल बेबी: विज्ञान हारा, बिना खोपड़ी के हेल्दी लाइफ जी रहा यह बच्चा
हमारे देश में जो बेटियों को गर्भ में मारने का काम करते हैं, उनसे पूछा जाना चाहिए कि क्या उनमें ऐसी बीमारी से ग्रस्त बेटे को अपनाने की हिम्मत है...
-
Total Shares
हमारे देश में जो लोग गर्भ में ही लड़कियों को मार डालने का घिनौना काम करते हैं, उन्हें अमेरिकी दंपत्ति ब्रिटनी और ब्रैंडन से सीख लेनी चाहिए. मां ब्रिटनी और पिता ब्रैंडन का बेटा जैक्सन इमेट ब्यूएल एक साल का हो चुका है. आप कहेंगे कि इसमें खास बात क्या है. दरअसल, जैक्सन का जब जन्म हुआ तो डॉक्टरों ने मान लिया था कि वह ज्यादा दिनों तक जिंदा नहीं रह पाएगा. यहां तक कि डॉक्टरों ने पहले ही जैक्सन की हालत देख उसके मां-बाप को गर्भपात कराने तक की सलाह दे दी थी. कारण यह है कि जैक्सन की खोपड़ी का ज्यादातर हिस्सा विकसित ही नहीं हो सका. इस कारण वह आम बच्चों से अलग दिखता है.
लेकिन कहते हैं न... 'जाको राखे साईया, मार सके न कोए.' फिर क्या डॉक्टर, क्या उनका लंबा अनुभव और क्या विज्ञान की थ्योरी... सब हार गए. जैक्सन देखते-देखते एक साल का हो चला है और पूरी तरह से स्वस्थ है.
सोशल मीडिया पर जैक्सन के फैनफेसबुक पर जैक्सन कितना लोकप्रिय हो चुका है, इसका अंदाजा इसी बात से लग जाता है कि उसके पेज को 90 हजार लोगों ने लाइक किया है. जबकि उसकी कहानी को दुनिया भर के 18,000 लोग शेयर कर चुके हैं. सोशल मीडिया ने जैक्सन का नया नाम 'जैक्स स्ट्रॉन्ग' रखा है.
जैक्सन के माता-पिता को सलामजिस मुश्किल हालात में जैक्सन आज अपनी जिंदगी आगे बढ़ा रहा है, उसका एक बड़ा श्रेय उसके माता-पिता को भी जाता है. जैक्सन के जन्म से पहले ही उन्हें अपने बेटे की हालत का पता चल चुका था. डॉक्टरों ने गर्भ के 23वें हफ्ते में ही गर्भपात कराने की सलाह दी. लेकिन मां ब्रिटनी और पिता ब्रैंडन ने इंकार कर दिया. उनका मत था कि किसी को मारने या नहीं मारने के बारे में फैसला लेने वाले वे कौन होते हैं. भगवान ने उन्हें एक बच्चा दिया और उनका काम उसकी हिफाजत और परवरिश करना है.
हमारे देश में जो बेटियों को गर्भ में मारने का काम करते हैं, उनसे पूछा जाना चाहिए कि क्या उनमें ऐसी बीमारी से ग्रस्त बेटे को अपनाने की हिम्मत है. शायद नहीं, वे वहां भी मारने का ही काम करेंगे क्योंकि ऐसे हालात का सामना करने के लिए हिम्मत की जरूरत होती है.
जैक्सन की बीमारीजैक्सन एनेनसेफली नाम की बीमारी से ग्रस्त है. एक आंकड़े के अनुसार अमेरिका में 4,859 बच्चों में केवल एक इस बीमारी के साथ पैदा होता है और आम तौर पर जन्म के कुछ देर बाद ही उसकी मौत हो जाती है.
ऐसे में जैक्सन का जिंदा रहना किसी जादू से कम नहीं है. शायद, मां ब्रिटनी और पिता ब्रैंडन का ही जज्बा है, जिसने जैक्सन की जिंदा रहने की राह आसान कर दी.
(साभार-पिता ब्रैंडन के फेसबुक वाल से) |
आपकी राय