Miss India 2019: फाइनलिस्ट सुंदरियों के रंग पर हुए विवाद ने आयोजकों को बदरंग किया
फिलहाल मिस इंडिया 2019 की तैयारियां चल रही हैं लेकिन इस साल की 30 फाइनलिस्ट की तस्वीर पर विवाद हो रहा है. तस्वीर में ये तीस की तीस लड़कियां एक ही जैसी नजर आ रही हैं. इनके बालों के रंग से लेकर चेहरे का रंग, हेयर स्टाइल तक सबकुछ एक समान था.
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अगर मैं ये कहूं कि ईश्वर ने हर महिला को सुंदर बनाया है तो क्या आप मान लेंगे? नहीं मानेंगे, कोई भी नहीं मानता. अगर लोग मानते ही तो मिस युनिवर्स, मिस वर्ल्ड, मिस इंडिया जैसे टाइटल का अस्तित्व नहीं होता. लेकिन मानव प्रवृत्ति ही यही है कि उसे अच्छा नहीं सबसे अच्छा चाहिए. इसलिए एक महिला के खूबसूरत होने का आकलन उसके मन की सुंदरता नहीं बल्कि तन की सुंदरता देखकर ही किया जाता है.
फिलहाल मिस इंडिया 2019 की तैयारियां चल रही हैं और ये प्रतियोगिता इस बार कुछ अलग कारणों की वजह से चर्चा में है. हाल ही में टाइम्स ऑफ इंडिया ने मिस इंडिया 2019 पर एक लेख छापा. साथ में इस साल की 30 फाइनलिस्ट की तस्वीरें भी छापीं. इन तस्वीरों में ये तीस की तीस लड़कियां एक ही जैसी नजर आ रही थीं. खास बात ये थी कि भारत की ये सभी सुंदरियां एक ही रंग की थीं, यानी गोरी. जिनके बालों के रंग से लेकर चेहरे का रंग, हेयर स्टाइल तक सबकुछ एक समान था.
मिस इंडिया 2019 की फाइनलिस्ट की इस तस्वीर पर विवाद हो रहा है
और यही बात देखने वालों को चुभी, कि ये सारी लड़कियां एक जैसी क्यों नजर आ रही हैं. सोशल मीडिया पर लोगों ने इस तस्वीर को शेयर करते हुए सवाल उठाए कि भारत जैसे विभिन्नता लिए देश में जहां हर रंग के लोग रहते हैं वहां हर राज्य से चुनकर आने वाली लड़कियों का रंग सिर्फ गोरा कैसे हो सकता है. यहां बता दें कि टाइम्स ऑफ इंडिया और फेमिना ही मिस इंडिया प्रतियोगिता का आयोजन करते हैं. बेनेट, कोलमैन एंड कंपनी उसकी मूल कंपनी है.
सोशल मीडिया पर लोगों ने आयोजकों की कड़ी आलोचना की.
Miss India contestants. They all have the same hair, and the SAME SKIN COLOUR, and I'm going to hazard a guess that their heights and vital stats will also be similar. So much for India being a 'diverse' country. pic.twitter.com/L4yXG0WvRu
— labellagorda (@labellagorda) May 27, 2019
एक महिला ने पिछले साल की पीजेंट की तस्वीर दोबारा शेयर करते हुए कहा कि कुछ भी नहीं बदला. और इन्हें देखखर भविष्य भी दिखाई दे रहा है, आने वाले समय में हम सभी एक दूसरे के क्लोन नजर आएंगे, फोटोकॉपियों की तरह.
My tweet from last year ???????????? nothing changes. - The future is here. We will all be clones and look like photocopies of each other...#clones #photocopies #same pic.twitter.com/8fArH2TOpT
— Ruchira Mittal (@taruche) May 27, 2019
Iv never see a Dark Indian winning any pageant....Such a shame they discriminating each of only they knew they all gorgeous...!!
— Luu (@BabyLuu34) May 31, 2019
जल्दी ही मिस इंडिया से जुड़ा ये विवाद इंटरनेशनल मीडिया में भी जा पहुंचा, जहां इस तस्वीर को लेकर भारत के गोरे रंग के प्रेम पर खूब लिखा पढ़ा जा रहा है. यानी भारत की आलोचना दुनिया भर में की जा रही है.
हालांकि ये भी सच है कि इन 30 लड़कियों का संग सिर्फ अखबार में छपी तस्वीर में ही गोरा नजर आ रहा है. जबकि इन प्रतियोगियों को अगर अलग या वीडियो में देखा जाए तो ये इतनी गोरी नहीं दिखाई देतीं.
इस बात पर विवाद इसलिए भी हो रहा है क्योंकि समय के साथ अब अमेरिका तक ने रंग और सौंदर्य को लेकर अपनी परिभाषा बदल ली है. सदियों से रंगभेद और नस्लभेद का आरोपी रहा अमेरिका अब सौंदर्य प्रतियोगिताओं के जरिए ये बताने में सफल है कि रंग सौंदर्य का पैमाना नहीं है. 2019 में पहली बार ऐसा हुआ है कि मिस अमेरिका, मिस US और मिस टीन US तीनों ही ब्लैक हैं. और ऐसे में भारत का एक अखबार 30 लड़कियों की ऐसी तस्वीर छापता है जहां वो सभी गोरी चिट्टी नजर आ रही हैं. तो ये आलोचना तो उसे झेलनी ही होगी.
रंग पर ये सोच होगी तो आलोचनाएं तो होंगी ही
देखा जाए तो इन प्रतियोगिताओं का कोई औचित्य समझ नहीं आता, हां इतना जरूर है कि इन्होंने एश्वर्या राय और प्रियंका चोपड़ा जैसी सुंदरियों के करियर जरूर बनाए हैं. लेकिन इसे कोई नहीं नकार सकता कि हर साल इन प्रतियोगिताओं के माध्यम से ब्यूटी इंडस्ट्री दुनिया की हर लड़की के सामने खूबसूरती का एक नया उदाहरण पेश कर देती है. और कहती है कि 'इसे ही सबसे खूबसूरत कहा जा सकता है. और आप जो सांवली हैं, दबे हुए रंग की हैं, लंबाई में कम हैं या फिर आपको small नहीं medium साइज के कपड़े फिट होते हैं तो आप सुंदर तो नहीं ही कहलाई जाएंगी.' अफसोस होता है कि भारत में अच्छा दिखने का मतलब गोरा दिखना माना जाता है. ऐसे में जरा उन सांवली सलोनियों के आत्म विश्वास की कल्पना कीजिए जिन्हें सारा समाज ये कहते नहीं थकता कि चेहरे पर कुछ लगा लिया करो नहीं तो लड़का भी नहीं मिलेगा.
समाज की ये सोच, जिसके बाद जन्मी ये सौंदर्य प्रतियोगिताएं और इन प्रतियगिताओं को प्रायोजित करने वाली सौंदर्य प्रसाधन कंपनियां, सब मन की सुंदरता दिखाने का ढोंग करती हैं. सच्चाई यही है कि इनका फोकस सिर्फ तन की सुंदरता पर ही है जिसके जरिए इनकी दुकानें चलती हैं. लड़कियों में अपने रंग-रूप को लेकर हीन भावना पैदा करने का श्रेय इन्हीं को जाता है.
इस विवाद के बाद जब दुनिया भर से Miss India के आयोजकों को खरी खोटी सुननी पड़ रही है तो ये भी उम्मीद की जा रही है कि अब ब्यूटी इंडस्ट्री के लोग सौंदर्य को अपना चश्मा साफ करके देखेंगे.
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