मुसलमानों के सबसे बड़े दुश्मन हैं खुद मुसलमान
कराची में आतंकवादियों ने एक बस पर अंधाधुंध फायरिंग करके 40 से ज्यादा लोगों को मार दिया. ये कोई पहला मौका नहीं था कि जब आतंकियों ने बेकसूर मुसलमानों को अपनी बंदूक का शिकार बनाया.
-
Total Shares
इसी महीने की 13 तारीख को पाकिस्तान के कराची में आतंकवादियों ने एक बस में सवार लोगों पर अंधाधुंध फायरिंग की. इस हमले में 40 से ज्यादा लोग मारे गए. ये कोई पहला मौका नहीं था कि जब आतंकियों ने बेकसूर मुसलमानों को अपनी बंदूक का शिकार बनाया. जानिए कुछ ऐसे देशों के बारे में जहां मुसलमान ही एक-दूसरे के खून के प्यासे हैं-
भाई का खून बहाया
2009 में प्रकाशित हुई कॉम्बेटिंग टेरररिज़्म सेंटर की रिपोर्ट में सामने आया कि 2004 से 2008 के बीच आतंकी संगठन अलकायदा के हमलों में शिकार बने पीड़ितों में केवल 12% पश्चिमी देशों के लोग थे, जबकि बाकी सभी मुसलमान थे.
खुद से लड़ता पाकिस्तान
12 मई को कराची में हुए हमले में 47 लोगों की मौत हुई. बस में घुसकर छह आतंकियों ने इस्माइली मुसलमानों को निशाना बनाया. यहां बीते दो सालों में 1000 शियाओं को मौत के घाट उतारा गया है. इन घटनाओं को अंजाम देने वाले ज़्यादातर सुन्नी संगठन लश्कर-ए-जांघवी के सदस्य थे. जो गैर-सुन्नियों को गैर-धर्मी मानते हैं. बीते साल पेशावर के आर्मी पब्लिक स्कूल में आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान ने स्कूली बच्चों को निशाना बनाया था.
सऊदी अरब बनाम ईरान
बीते कुछ महीनों से यमन में उथल-पुथल का माहौल है. वहां सऊदी अरब ने हाउथी विद्रोहियों को कुचलने के लिए बमबारी शुरु की है. इन हमलों में 19 मार्च से आज तक 1400 लोग मारे गए और लाखों प्रभावित हुए हैं. ज़्यादातर विश्लेषकों का मानना है कि ये हालात सऊदी के सुन्नियों और ईरान के शियाओं के बीच चल रहे छद्म युद्ध का परिणाम है.
सबसे ख़ूंखार विद्रोही
इन संगठनों में सबसे ख़तरनाक है आईएसआईएस, जिसको इस्लामिक स्टेट के नाम से भी जाना जाता है. इस संगठन ने ईरान और इराक के बड़े हिस्से पर कब्ज़ा जमाया हुआ है. इस संगठन ने 2013 में अपने गठन से लेकर आज तक हज़ारों शिया मुसलमानों और यजीदियों को मौत के घाट उतारा है. आए दिन आईएस सिर, धड़ से अलग करने वाले वीडियो दुनिया के सामने लाता है.
युद्ध क्षेत्र अफगानिस्तान
अफगानिस्तान में आधुनिक दौर के सबसे पहले जिहादी संगठन तालिबान और बाद में अलकायदा का कब्ज़ा रहा है. 1978 से लेकर आज तक ये संगठन 20 लाख से ज़्यादा लोगों को अपना शिकार बना चुका है. जिनमें ज़्यादातर मुसलमान थे. 2014 में 7 से 9 हज़ार अफगान लड़ाके मारे गए थे.
नाइजीरिया में बोको हरम
नाइजीरिया में मौजूद आतंकी संगठन बोको हरम का मानना है कि "जो भी अल्लाह के आदेशों के मुताबिक नियंत्रित नहीं है, वो अपराधी है". इस संगठन ने नाइजीरिया में करीब 2300 हमलों में 30 हज़ार लोगों को मौत के घाट उतारा. इसके अलावा 200 बच्चों का अपहरण भी इसी संगठन ने किया. 2009 से अभी तक इस संगठन ने 11 हज़ार लोगों को मौत की नींद सुलाया है. मारे गए लोगों में ज़्यादातर मुसलमान ही थे.
आपकी राय