ट्रेन में नमाज या भजन, दोनों में से कौन सा अपराध की श्रेणी में आता है?
ट्रेन के कोच में महिलाएं खड़े होकर भजन गा रही हैं और डांस कर कर रही हैं. इस वीडियो के साथ एक दूसरा वीडियो भी वायरल हो रहा है जिसमें कुछ लोग ट्रेन के फर्श पर नमाज पढ़ रहे हैं. वे सामने से आने वाले कुछ लोगों को रोक रहे हैं. अब इन दोनों वीडियो को शेयर कर कुछ लोग पूछ रहे हैं कि कौन सा अपराध की श्रेणी में आता है?
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सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है. ट्रेन के कोच में महिलाएं खड़े होकर भजन गा रही हैं और डांस कर कर रही हैं. कुछ लोगों को कहना है कि अगर इस जगह पर ट्रेन में नमाज पढ़ा जाता तो अब तक एफआईआर दर्ज हो गई होती. वहीं इस वीडियो के साथ एक दूसरा वीडियो भी वायरल हो रहा है जिसमें कुछ लोग ट्रेन के फर्श पर नमाज पढ़ रहे हैं. वे सामने से आने वाले कुछ लोगों को रोक रहे हैं. अब इन दोनों वीडियो को शेयर कर कुछ लोग पूछ रहे हैं कि कौन सा अपराध की श्रेणी में आता है?
हमारे हिसाब से ट्रेन में या पब्लिक प्लेस पर भजन गाना और नमाज पढ़ना दोनों गलत है. इससे लोगों को असुविधा होती है. रास्ता बंद हो जाता है. इससे लोगों को आने-जाने में परेशानी होती है. मान लीजिए किसी को वॉशरूम जाना हुआ तो? कोई बीमार इंसान हो तो उसे शोर शराबे से भी दिक्कत हो सकीत है. इसलिए ट्रेन में ये नमाज पढ़ना और भजन कीर्तन करना दोनों गलत है. इससे यात्रियों को परेशानी होती है. जैसा कि वीडियो में दिख भी रहा है.
ट्रेन में भजन गाती महिलाएं और नमाज पढ़ते लोग
सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस-
वहीं AIMIM विधायक वारिस पठान का कहना है कि आप ट्रेन में गाना गाइये या नाचिये हमें कोई आपत्ति नहीं है लेकिन अगर कोई नमाज़ पढता है तो FIR दर्ज हो जाती है. इस पर डॉक्टर सीमा कहती हैं कि ये भारत है...याद रहे. नमाज पढने के लिए ट्रेन नहीं बनी है लेकिन नाचने गाने के लिए पूरी दुनियां बनी है. विदेशी भी सड़कों पर नाचते गाते मिल जाएंगे लेकिन नमाज पढ़ते मिलेंगे तो अंदर कर दिया जाता हैं. यहां जितनी छूट है उतना ही मुंह खुलता जा रहा है?
ऋषि कुमार लाल का कहना है कि यह डिब्बा पूरी तरह से बुक है. आरक्षित के अलावा अन्य कोई यात्री नहीं हैं. इसलिए यहां अंतर है. हज या अजमेर और अन्य स्थानों के लिए ट्रेन या हवाई जहाज बुक होने पर हमने कभी आपत्ति नहीं की. जहां आप जो चाहें करने के लिए स्वतंत्र हैं!
रमता जोगी की कहना है कि, ऐसा लगता है कि यह एक समूह था जिसने पूरे कोच को बुक कर लिया था. इसलिए, दूसरे यात्रियों के लिए कोई बाधा नहीं है क्योंकि सभी यात्री समूह के थे. मुद्दा नमाज़ पढ़ने का नहीं है, मुद्दा रास्ता रोकने का है. दूसरों को बिना रोके नमाज़ पढ़ना सबसे अच्छा है.
विक्रम सिंह का कहना है कि कितना खूबसूरत दृश्य है इससे किसी को क्या आपत्ति हो सकती है? आपत्ति मुसलमान के नमाज से नहीं रास्ता रोकने से है. हमारे आसपास जहां लोग काम करते हैं कोई कहीं नमाज पढ़ लेता है हम भी थोड़ी देर चुप हो लेते हैं. मुझे विश्वास है एक व्यक्ति को भी उस बोगी मे उस भजन से आपत्ति हुई तो वह रोक देगी.
सुजोय भौमिक का कहना है कि ट्रेन सार्वजनिक यात्रा के लिए है न कि किसी प्रदर्शन की जगह जो यात्रियों को परेशान कर सके! मैं रेलवे से अपील करता हूं कि कृपया इस मामले की जल्दी और सख्ती से देखभाल करें. वहीं राझे मीना का कहना है कि दोंनो वीडियो मे जो लोगों है उन पर कार्रवाई होनी चाहिए. जिससे इन पांखडी लोगों का यह धंधा हर जगह तो ना चल सकें. रोहित की राय नामक यूजर ने लिखा है कि नमाज पढ़ना गलत है, क्योंकि यहां पर सार्वजनिक रास्ते को धार्मिक कार्य के लिए पूरी तरह बाधित कर दिया गया है.
युसुफ शेख का कहना है कि अगर धार्मिक सोच से देखे तो दोनों ही सही है, लेकिन अगर नफरती नजजर से देखोगे तो दोनों ही को गलत कहां जाएगा. मुसलमान कभी हिन्दू धर्म के काम को कभी गलत नहीं कहेगा, लेकिन नफरती कीड़ों को सिर्फ मुस्लिम धर्म और मुसलमान गलत नजजर आएंगे. निशाना पर भी मुस्लिम ही होगा.
रोशन कुमावत का कहना है कि भजन आरती महिलाएं किसी अन्य को परेशान नहीं कर रही हैं, कोई विरोध नहीं हो रहा है. मगर नमाज पढ़ने वाले दूसरों को रोकने का आदेश दे रहें हैं कि रूक जा रूक. दूसरा रेलवे की यह पूरी बोगी यात्रा के लिए रिजर्व की गई है, पर तुम नहीं समझोगे तुम्हें हर एंगल पर हिन्दू-मुस्लिम करना है.
रितुराज सिंह का कहना है कि एक वीडियो में दूसरे धर्म के लोगों को परेशान किया जा रहा है. लोगों को आने जाने में परेशानी हो रही है जबकि दूसरे वीडियो में सब एक ही धर्म के हैं और गाते बजाते जा रहे हैं. वहीं अबू अरहम का कहना है कि दोनों गलत हैं. वैसे आपकी इस बारे में क्या राय है?
दोनों वीडियो में से कौनसी वीडियो अपराध की श्रेणी में आती है।कोई कानून का जानकार सोच समझ के जवाब दें....?https://t.co/gG64xsqvdH pic.twitter.com/sWdN0789hi
— Dinesh Kumar (@DineshKumarLive) February 5, 2023
आप ट्रेन में गाना गाइये या नाचिये हमें कोई आपत्ति नहीं है लेकिन अगर कोई नमाज़ पढता है तो FIR दर्ज हो जाती है ! pic.twitter.com/cmdi3xMU0K
— Waris Pathan (@warispathan) February 5, 2023
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