अमेजॉन और फ्लिपकार्ट के लिए नोएडा क्यों है जर्मनी
अमेजॉन और फ्लिपकार्ट नोएडा में सेवाएं देने से बचती हैं और शायद आगे से सर्विस देना ही बंद कर सकती हैं. जानते हैं क्यों? क्या जर्मनी की तरह है, नोएडा के लोग...
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अमेजॉन और फ्लिपकार्ट नोएडा में सेवाएं देने से बचती हैं और शायद आगे से सर्विस देना ही बंद कर सकती हैं. जानते हैं क्यों? अमेजॉन के एक कर्मचारी ने इसका जवाब दिया है :
लोग पूछते हैं कि अमेजन और फ्लिपकार्ट नोएडा में सेवाएं देने से बचती क्यों है?
मुझे लगता है कि मैं इसका जवाब दे सकता हूं. मैं अमेजॉन से हूं और इसलिए, मैं गुमनाम रहूंगा. मैं अमेजॉन में रिस्क इंवेस्टिगेशन टीम के साथ काम करता हूं.
कुछ कारणों से इन क्षेत्रों में ऑर्डर के दुरुपयोग का मामला भारत के अन्य हिस्सों से अधिक है. यहां लोग आईफोन ऑर्डर करते हैं और बाद में बताते हैं कि उन्हें नोकिया मॉडल का एक फोन मिला. या कहते हैं कि आईफोन काम नहीं कर रहा है. ऐसे में ग्राहक सेवा उनके ऑर्डर की वापसी की प्रक्रिया शुरू करती है और बदले में अमेजॉन को वापसी पैकेज में मिलता है, उसमें होती है ईंट, बिस्कुट के पैकेट, गत्ते.
अमेजॉन और फ्लिपकार्ट के साथ धोखाधड़ी करना बहुत आसान है.
इन इलाकों में हमारे डिलीवरी बॉयज को बाथरूम में बंद कर दिया जाता है, कुछ को पीटा जाता है वो भी मूर्खतापूर्ण कारणों के लिए. जैसे, मुझे मेरे 2 रुपये वापस दो, POS काम नहीं कर रहा है, ऑर्डर देर से आया, ऑर्डर काम नहीं कर रहा था.
यहां के ग्राहक COD (कैश ऑन डिलेवरी) का उपयोग कर जो ऑर्डर देते हैं, वो सिर्फ मनोरंजन के लिए होता है. जब कूरियर बॉय डिलीवरी के लिए जाते हैं तो वे कहते हैं कि उन्होंने ऑर्डर दिया ही नहीं है. इस कारण से हम अच्छी-खासी लॉजिस्टिक और सप्लाई चेन खो देते हैं.
नोएडा जर्मनी की तरह है. वहां अमेजॉन के साथ सबसे ज्यादा धोखाधड़ी के मामले हुए हैं. शिक्षित हैं पर असल मायने में हैं नहीं.
ऐसे में हमारे पास विकल्प क्या है. COD विकल्पों में कमी की जाए और ग्राहकों को भुगतान के अन्य साधनों का उपयोग करने दें. इसमें भी अमेजॉन ने 5000 रुपये जबकि फ्लिपकार्ट ने 10000 रुपये की सीमा तय की है.
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