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Updated: 07 नवम्बर, 2015 05:45 PM
मृगांक शेखर
मृगांक शेखर
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आसान पब्लिसिटी का नुस्खा बाकी राजनीतिक दल शिवसेना से सीख सकते हैं. जहां तक राजनीति और कूटनीति की बात है तो शिवसेना के लिए बॉलीवुड मददगार हो सकता है. शिवसेना को अपने मुखपत्र से जितना प्रचार मिलता है उससे से बेहतर शायद ही कोई और उपाय हो सकता है, लेकिन राजनीतिक मामलों में उसे फिल्म 'सरफरोश' से सबक लेना चाहिए.

सरफरोशी तमन्ना

फिल्म 'सरकार' में शिवसेना की साफ छवि नजर आती है. फिल्म में अमिताभ बच्चन का किरदार शिवसेना नेता बाला साहब ठाकरे से मिलता जुलता है. लेकिन ये फिल्म शिवसेना के लिए पब्लिसिटी मटीरियल से ज्यादा कुछ भी नहीं है. फिल्म सरफरोश से शिवसेना के नेता चाहें तो कुछ जरूर सीख सकते हैं. फिल्म के एक सीन में पाक राजनयिक का किरदार निभा रहा कलाकार एसीपी बने आमिर खान को ताकीद करता है कि उसे "डिप्लोमैटिक इम्युनिटी" हासिल है - और अगर उसके साथ कुछ होता है तो भारत को उसका अंजाम इस्लामाबाद में भुगतना होगा. बहरहाल, पुलिस अफसर उसे कुछ वैसी ही तरकीब से न्यूट्रलाइज करता है जिस तरीके की बात कुछ महीने पहले रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर आतंकवादियों के संदर्भ में कह रहे थे.

अंजाम-ए-गुलिस्तां

गुलाम अली के कार्यक्रम, खुर्शीद कसूरी के बुक रिलीज इवेंट और गुड़गांव में पाकिस्तान के थियेटर आर्टिस्ट के साथ कार्यक्रम के दौरान शिवसैनिकों के बवाल का अंजाम पाकिस्तान में दिखने लगा है.

जिस तरह कसूरी की किताब को लेकर सुधींद्र कुलकर्णी को शिवसेना ने टारगेट किया - कुछ उसी तरीके से पाकिस्तान में जियो टीवी को निशाना बनाया जा रहा है. ट्विटर पर #GeoBetraysYetAgain ट्रेंड कर रहा है और लोग खूब रिएक्ट कर रहे हैं.

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...प्रतिक्रिया!

दरअसल, जियो टीवी एक सिंगिंग शो 'एशिया सिंगिंग सुपरस्टार' आयोजति कर रहा है. इस शो में बॉलीवुड म्युजिशियन शंकर महादेवन भी जजों में शामिल किए गए हैं. अब जियो टीवी को लोगों के गुस्से का शिकार होना पड़ रहा है. लोग भारतीय कलाकारों को वापस भेजने की मांग कर रहे हैं.

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निशाने पर जियो टीवी

लगे हाथ लोग दादरी का मामला भी उठा रहे हैं. अखलाक के फोटो के साथ जो ट्वीट किए जा रहे हैं उसमें लिखा है - भारत में मुसलमानों का कत्लेआम हो रहा है, उन्हें बेइज्जत किया जा रहा है.

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दर्द-ए-दादरी

ज्यादा दिन नहीं हुए, यूट्यूब के जरिये एक गाना वायरल हुआ था - "मेरे सामने वाली सहरद पर, कहते हैं दुश्मन रहता है. पर गौर से देखा जब उसको, वो तो मेरे जैसा दिखता है."

भारत और पाकिस्तान दोनों जगह ये गाना खूब सुना गया. मालूम नहीं ये आवाज शिवसेना के दफ्तर तक पहुंची भी या नहीं. वैसे बहुत देर नहीं हुई है, शिवसेना के नेता चाहें तो अब भी इसे देख सकते हैं. दुर्घटना से तो देर भली है ना. है कि नहीं?

लेखक

मृगांक शेखर मृगांक शेखर @mstalkieshindi

जीने के लिए खुशी - और जीने देने के लिए पत्रकारिता बेमिसाल लगे, सो - अपना लिया - एक रोटी तो दूसरा रोजी बन गया. तभी से शब्दों को महसूस कर सकूं और सही मायने में तरतीबवार रख पाऊं - बस, इतनी सी कोशिश रहती है.

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