साड़ी न पहन पाना गर्व की बात भी नहीं हो सकती...
सब्यसाची की बात पर लोगों ने अपना गुस्सा दिखाना शुरू कर दिया, लेकिन क्या किसी ने ये सोचा कि आखिर वो क्या कहना चाहते थे?
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डिजाइनर सब्यसाची मुखर्जी पिछले दो तीन दिन से बहुत ट्रेंड हो रहे हैं. उनके किसी डिजाइन के कारण नहीं, बल्कि उनके एक स्टेटमेंट के कारण जो उन्होंने साड़ी न पहन पाने वाली महिलाओं के लिए दिया है. जी हां, वही बयान जिसने ट्विटर के बाशिंदों को एक बार फिर से बहस का नया टॉपिक मिल गया.
सबसे पहले इसपर बात कर लेते हैं कि सब्यसाची का बयान क्या था. Harvard India Conference में स्टूडेंट्स के साथ बात-चीत करते हुए उन्होंने ये बयान दिया.
"If you tell me that you do not know how to wear a saree, I would say shame on you. It's a part of your culture, (you) need to stand up for it."
(अगर आप मुझसे कहेंगे कि आपको साड़ी पहनना नहीं आता, तो मैं कहूंगा आप शर्म करें. ये हमारी संस्कृति का हिस्सा है, आपको इसके (संस्कृति) साथ खड़े होने की जरूरत है.)
जब इस बात का बवाल मच गया तब सब्यसाची ने कहा कि वो भारतीय मर्दों के लिए भी ऐसा ही कहेंगे जो भारतीय परिधान नहीं पहन पाते. ये भी ठीक है.
पर लोगों ने इसे हर एंगल से समझने की जगह एक बात को देखकर ही अपना गुस्सा दिखाना शुरू कर दिया, लेकिन क्या ये सोचा है कि वो डिजाइनर क्या कहने की कोशिश कर रहा था? ट्विटर पर लोगों ने अलग-अलग सवाल किए इस बारे में और अपने तर्क रखे. कुछ सवालों के जवाब यहां देने की जरूरत है..
1. कई लोगों ने ट्वीट किया की साड़ी पूरे देश का ट्रेडिशनल ड्रेस नहीं है फिर सब्यसाची ऐसा क्यों कह रहे हैं?
यकीनन ऐसा नहीं है, लेकिन फिर भी साड़ी को विदेशों में भारत से जोड़कर देखा जाता है. कई पारंपरिक पोशाकों के नाम भी चर्चित नहीं हैं विदेशों में, लेकिन साड़ी किसी पहचान की मोहताज नहीं.
2. सब्यसाची की साड़ियां इतनी महंगी हैं तो वो ये कहेंगे ही कि साड़ी पहनो..
हां, सब्यसाची एक डिजाइनर हैं और एक ब्रांड होते हुए उन्होंने अपने सामान की कीमत रखी है. एपल का फोन भी सिर्फ ब्रांड के चलते महंगा है तब भी उसके दीवाने हैं, सब्यसाची का काम कैसा है और उसकी दीवानगी क्या है ये तो सब जानते ही हैं. तो उसकी कीमत भी ली जा रही है.
3. हर महिला के लिए साड़ी पहनना जरूरी नहीं..
यकीनन हर महिला के लिए साड़ी पहनना जरूरी नहीं पर सब्यसाची ने ये तो नहीं कहा कि हर महिला को रोज साड़ी पहननी चाहिए. उसने कहा कि एक भारतीय महिला को साड़ी पहननी आनी चाहिए.
4. कौन देता है उसे ये हक कि एक महिला को शर्मिंदा करे?
यकीनन. सब्यसाची ने सिर्फ महिलाओं के बारे में टिप्पणी करते हुए ठीक नहीं किया. शायद इसीलिए उन्होंने बाद में बात को संभालते हुए मर्दों को भी अपनी टिप्पणी में जोड़ा कि उनका यह स्टैंड पुरुषों की राष्ट्रीय पोषाक को लेकर भी है.
5. साड़ी नहीं पहनते तो इसमें शर्म की बात क्या है?
यकीनन इसमें कोई शर्म की बात नहीं कि कोई साड़ी नहीं पहनता, पर शायद सब्यसाची के शब्द गलत हो गए. जहां तक मुझे लगा है वहां तक सब्यसाची साड़ी को अपनाने को कह रहे थे ताकि उसकी चमक बाकी परिधानों की तरह कम न हो जाए.
ट्विटर पर भी कुछ लोग सब्यसाची के साथ दिखे... ऐसा नहीं है कि उसकी कही बात में बिलकुल भी गलती नहीं, लेकिन वो मर्दों के लिए भी वैसा ही स्टैंड ले रहा है. वो अपने पहनावे की इज्जत कर रहा है.
I'm sorry but I agree with #Sabyasachi it's a shame that we can't wear it as quickly as our mothers and aunts would. It's a beautiful garment and must be brought back to the forefront and made more common.
— Sameen (@amarllyis) February 12, 2018
I get what Sabyasachi was trying to say, but any kind of judgment based off of the type of clothes one wears is unhelpful at best. Yeah be proud of your culture but it doesn't have to dictate your identity as a person.
— Shamz (@shamima1985) February 12, 2018
My views on Sabyasachi pic.twitter.com/q5bcRZlj6c
— Rani (@Bengaloorurani) February 13, 2018
I have been following Sabyasachi’s work since the time he started & I can totally understand what he is trying to say here. And no it is not meant to offend anyone only if you actually decipher the meaning behind it. Rest, fans ko kon samjha sakta hai! ????
— Garvita Garg (@garvitagarg) February 12, 2018
साड़ी न पहन पाना शर्म की बात नहीं है तो इसे न पहन पाना गर्व की बात भी नहीं है. साड़ी अब आम नहीं रही, लेकिन ये खास हमेशा से थी. और हमेशा रहेगी. अब रही बात गर्व की. तो कोई सिख कहे कि उसे पगड़ी पहनना नहीं आता और इसे इस पर गर्व है. कोई तमिलनाडु का रहने वाला कहे कि उसे मुंडू पहनना नहीं आता है और उसे इस पर गर्व है. तो ये अजीब होगा.
तो चलते-चलते ये वीडियो उनके लिए जिन्हें साड़ी पहनना नहीं आता:
5 राज्य और साड़ी पहनने के 5 तरीके :
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