अमेरिकी इमिग्रेशनवालों! ये शाहरुख खान हैं, शक हो तो खुद ओबामा से पूछ लो
जब ओबामा भारत आए थे, तो नमस्ते के बाद जो उन्होंने हिंदी में बोला वह शाहरुख का डायलॉग ही था. जरूरी है कि अमेरिकी इमिग्रेशन और एयरपोर्ट वाले भी इसको समझ लें.
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शाहरुख खान के पास आज खुश होने के बेहद खूबसूरत बहाने हैं. आखिरकार, ऐसा कितनी बार होता है जब दुनिया की दो लोकतांत्रिक महाशक्तियों के नेता, महज एक घंटे के अंतराल में किसी हिंदी फिल्म एक्टर के डायलाग बोलें. बाकी बातें छोड़ भी दें तो, हम दुनिया को फिर से बता सकते हैं, हां, हमारे पास बादशाह है.
ताजमहल नहीं, जूट नहीं. और ऐसी तमाम दूसरी चीजें भी नहीं जो हमारे पास दुनिया को दिखाने या देने के लिए हैं. खुशी के उस खास पल में ऐसी सारी बातें पीछे रह गईं, जब ओबामा ने अपनी टूटी-फूटी हिंदी में कहा, “सेनोरिटा... बड़े बड़े देशों में ऐसी छोटी छोटी बातें होती रहती हैं...”. कुछ ही मिनटों में शाहरुख के फैंस ने इतने ट्वीट कर डाले कि ‘एसआरके प्राइड ऑफ इंडिया’ ट्रेंड करने लगा. सोशल मीडिया पर बहस चल पड़ी कि जिस शाहरुख के साथ अमेरिकी एयरपोर्ट अधिकारियों ने बदसलूकी की, उसी शख्स का नाम ओबामा ने गांधी के साथ लिया. उसी शख्स के डायलाग के साथ अपनी बातें खत्म की.
मोदी ने ओबामा को अपने विदाई ट्वीट में ‘बड़े बड़े देशों में...’ की बात की, तो शाहरुख ने भी उसी अंदाज में आभार जताया, 'ओबामा के भाषण का हिस्सा बना इसका मुझे गर्व है. सुनकर उदास हुआ कि वह भांगड़ा नहीं कर पाए, लेकिन अगली बार 'छैंया-छैंया पर पक्का होगा'.
वैसे सेनोरिटा ओबामा के शाहरुख प्रेम का आखिरी शॉट नहीं था. अपने भाषण में ओबामा ने भारत में धर्म और विविधता के उल्लेख में भी शाहरुख का जिक्र किया. ओबामा ने कहा कि भारत तब तक कामयाब रहेगा जब तक वह धार्मिक आधार पर विभाजित नहीं होगा और अपनी आस्था से इतर लोग शाहरुख जैसे एक्टर की फिल्में देखते रहेंगे और तालियां बजाते रहेंगे, ठीक वैसे ही जैसे मिल्खा सिंह या मेरी कॉम के नाम पर वे जश्न मनाते हैं.
इस पूरे एपिसोड में सबसे खास बात रही ओबामा के भाषण में शाहरुख खान का जिक्र. एक एक्टर, एक शख्सियत का इस तरह छा जाना. वैसे भी शाहरुख का अमेरिका में अच्छा अनुभव नहीं रहा है. साल 2012 में, जैसा शाहरुख खुद बताते हैं, अमेरिकी अधिकारियों ने व्हाइट प्लेंस एयरपोर्ट पर उन्हें उस वक्त हिरासत में ले लिया था जब वो येल युनिवर्सिटी में लेक्चर देने जा रहे थे. भारत सरकार के हस्तक्षेप करने पर उन्हें पूछताछ कक्ष से बाहर लाया गया.
बाद में येल युनिवर्सिटी में अपने भाषण में शाहरुख ने घटना का मजाक उड़ाते हुए कहा, “जब भी मुझे खुद पे गुरूर होने लगता है, मैं अमेरिका जाता हूं. इमिग्रेशनवालों ने तो मेरे स्टारडम की हवा निकाल दी. वे हमेशा मुझसे मेरी लंबाई पूछते हैं और हर बार मैं बताता हूं कि मैं 5 फीट 10 इंच हूं. अगली बार, अगर उन्होंने मेरा रंग पूछा तो मैं बोलूंगा – सफेद.”
इससे पहले 2009 में भी न्यू जर्सी के नेवार्क लिबर्टी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर शाहरुख को रोक कर कई घंटे पूछताछ की गई. शाहरुख तब अपनी फिल्म ‘माय नेम इज खान’ के प्रमोशन के सिलसिले में वहां गए थे, जिसमें दिखाया गया है कि कैसे एक व्यक्ति जिसके नाम में खान लगा है वह 9/11 हमले के बाद के हालात से जूझता है.
अब एक बार फिर शाहरुख को अमेरिकी एयरपोर्ट पर रोका गया है. लॉस एंजिल्स एयरपोर्ट पर उनके साथ हुई बदसलुकी की माफी अमेरिका ने फिर मांग ली है. लेकिन सवाल वही है कि ऐसा बार बार क्यों होता है?
मुमकिन है, अब अमेरिकी एयरपोर्ट पर पूछताछ के नाम पर अधिकारी वैसे पेश नहीं आएंगे या उन्हें रोक नहीं लिया जाएगा. ऐसी हालत में सेनोरिटा की आंखों में देख कर शाहरुख जो बोलेंगे, हमे भी मालूम है, “बड़े बड़े देशों में ऐसी छोटी छोटी बातें होती रहती हैं...”
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