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Updated: 18 जनवरी, 2018 04:48 PM
अनुज मौर्या
अनुज मौर्या
  @anujkumarmaurya87
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पद्मावती फिल्म... माफ कीजिएगा... करणी सेना के विरोध के बाद अब तो इस फिल्म का नाम बदल कर पद्मावत कर दिया गया है. गुजरात, हरियाणा, राजस्थान और मध्य प्रदेश में तो पहले इसकी रिलीज पर बैन भी लग चुका था, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने इसे पूरे देश में रिलीज करने की इजाजत दे दी है. इससे पहले न सिर्फ फिल्म, बल्कि इसके गाने 'घूमर' को चलाने या उसे लेकर कोई कार्यक्रम करने पर भी राज्यों ने बैन लगा दिया था. लेकिन ऐसा लगता है कि यह बैन सिर्फ आम जनता के लिए था, क्योंकि पीएम मोदी के नेतन्याहू के रोडशो के दौरान तो इस गाने पर खूब डांस हुआ.

पद्मावत, करणी सेना, नरेंद्र मोदी, बेंजामिन नेतन्याहू, बैन

'घूमर' गाने पर डांस से हुआ स्वागत

जहां एक ओर पद्मावत फिल्म के 'घूमर' गाने को चलाने के लिए करणी सेना ने मध्य प्रदेश के एक निजी स्कूल में तोड़-फोड़ मचा दी, वहीं दूसरी ओर इसी गाने पर बच्चियों ने डांस करके इजराइल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू का स्वागत किया गया. जब पीएम मोदी और नेतन्याहू का रोड शो हो रहा था, उसी दौरान सड़क के किनारे लगे मंचों पर बच्चे कल्चरल कार्यक्रम कर रहे थे, जिस दौरान घूमर गाने पर भी डांस किया गया. और भी हैरानी की बात यह है कि यह कार्यक्रम गुजरात के अहमदाबाद में हुआ था, जहां पर भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने इस फिल्म को रिलीज नहीं होने देने का फैसला किया था. पता नहीं करणी सेना को इस कार्यक्रम की जानकारी नहीं मिली या पीएम मोदी की मौजूदगी से वे लोग डर गए, वरना वो तो बिना किसी भेदभाव के हर जगह तोड़फोड़ करने पहुंच जाते हैं, चाहे वह स्कूल ही क्यों ना हो.

'घूमर' गाना चलाने पर स्कूल में तोड़फोड़

ऐसा लग रहा है कि इस फिल्म और इसके गानों का विरोध करने वाले लोग भी सिर्फ आम जनता को ही निशाना बना रहे हैं. कुछ दिन पहले ही मध्य प्रदेश के रत्लाम में एक निजी स्कूल में घूमर गाने पर बच्चे डांस कर रहे थे. जैसे ही करणी सेना को इसका पता चला, वैसे ही उन्होंने स्कूल में पहुंचकर वहां का नजारा ही बदल दिया. वहां कार्यक्रम को तो रोक ही दिया और तोड़फोड़ भी मचाया. इसमें एक 1 बच्चा घायल भी हो गया. घटना के बाद मध्य प्रदेश के गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने भी स्कूल और बच्चों को ही जिम्मेदार ठहरा दिया. उन्होंने कहा था कि मध्य प्रदेश सरकार ने पद्मावत फिल्म को बैन किया गया है, इसलिए लोग इसके गाने भी न बजाएं.

पद्मावत फिल्म 25 जनवरी को रिलीज की जानी है. लेकिन पता नहीं दर्शक आएंगे या फिर रिलीज होते ही सिनेमाहॉल में भी तोड़फोड़ मचा दी जाएगी. कई लोग तो यहां तक मन बना चुके हैं कि वह फिल्म देखने ही नहीं जाएंगे, क्योंकि वे लोग डरे हुए हैं. डर है कि कहीं फिल्म देखते समय कोई बवाल हो गया तो हो सकता है कि जिंदगी भी खतरे में पड़ जाए. कभी-कभी ये सोचता हूं कि ये कहां आ गए हैं हम? देश में लोकतंत्र है या फिर तानाशाही? सरकार और पुलिस हमारी सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है भी या फिर हमारा सारा टैक्स का पैसा सिर्फ एक के बाद एक चुनाव लड़ने लिए होने वाले प्रचार में ही खर्च किया जा रहा है? जब भी बात नियम और कानून की आती है तो मंत्री कोई न कोई बहाना बनाकर सारा ठीकरा जनता पर ही फोड़ देते हैं. लेकिन जब वही काम किसी खास शख्स की मौजूदगी में होता है, तो सब सही है. वहां पर न तो कोई गृह मंत्री कुछ बोलता है और ना ही करणी सेना तोड़फोड़ करने पहुंचती है. समझ में ये नहीं आता कि सारे नियम, कायदे, कानून सिर्फ आम जनता के लिए हैं या फिर खास लोगों पर भी कोई नियम लागू होता है. नीचे कमेंट बॉक्स में अपनी राय जरूर बताइए.

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