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Updated: 20 अक्टूबर, 2016 02:45 PM
पारुल चंद्रा
पारुल चंद्रा
  @parulchandraa
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पाकिस्तान में कल से भारतीय टीवी चैनल दिखाई देने बंद हो जाएंगे. पाकिस्तान में मीडिया पर नियंत्रण रखने वाली संस्था पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया रेग्यूलेटरी अथॉरिटी (पेमरा) के अनुसार 21 अक्तूबर से पाकिस्तान में भारतीय टीवी चैनलों का प्रसारण पूरी तरह से बंद रहेगा. इस खबर से पाकिस्तानी लोग खुश तो बहुत हो रहे होंगे, लेकिन इस प्रतिबंध से अगर कोई सबसे ज्यादा प्रभावित होगा तो वो हैं वहां के बच्चे.

बच्चे कहीं के भी हों, टीवी पर उनके इंटरटेनमेंट के लिए सिर्फ कार्टून शो ही होते हैं. भारत हो या पाकिस्तान यहां के बच्चे टीवी पर कार्टून देखकर अपना मनोरंजन करते हैं. भारत के कई कार्टून चैनल पाकिस्तान में भी वैसे ही दिखाए जाते हैं जैसे भारत में. ठीक उसी तरह वहां के बच्चों के सपनों में भी डोरेमॉन और छोटा भीम ही आते हैं. उन्हें भी वैसे ही बोलना है, वैसा ही करना है. उन्हे भी अपने फेवरेट कार्टून कैरेक्टर से जुड़ी एसिसरीज चाहिए. खिलौने भी वैसे, स्कूल बैग भी डोरेमॉन वाला...

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जापानी डोरेमॉन अपने दोस्त नोबिता के साथ बच्चों का मन लगाए रहता है. तो भारत का छोटा भीम भी पाकिस्तान में बच्चों का फेवरेट बना हुआ है. डोरेमॉन सीरीज पूरी दुनिया में अलग अलग भाषाओं में डब करके प्रसारित की जाती है. चूंकि भारत और पाकिस्तान की बोलियों में बहुत ज्यादा फर्क नहीं है इसलिए डोरेमॉन को इन दोनों देशों के लिए हिन्दी में डब किया गया है. और छोटा भीम जैसे हिंदी शो के साथ तो पाकिस्तानियों को जरा भी मेहनत नहीं करनी पड़ती, बिना किसी एडिटिंग या डबिंग के इस तरह के शो पाकिस्तान में ऐसे ही दिखाए जाते हैं. और हिंदी भाषा में ही ये पाकिस्तान में बहुत देखे जाते है.

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कुछ समय पहले भी पाकिस्तान की कुछ पॉलिटिकल पार्टीज के पेट में दर्द शुरू हो गया था. उन्होंने भारतीय कार्टून्स को पाकिस्तान पर कल्चरल अटैक तक कहा था. उनका कहना था कि 'वहां दिखने वाले कार्टून कैरेक्टर हिंदी बोलते हैं. जिससे बच्चे भी हिंदी भाषा के शब्द सीख रहे हैं, उनकी आम बोलचाल में हिंदी के शब्द बढ़ रहे हैं, इससे पाकिस्तान के समाज को खतरा है'.

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पर अब तो हालात ऐसे हैं कि भारत का कोई भी चैनल वहां दिखाई नहीं देगा. खासकर निकलोडियन, कार्टून नेटवर्क वगैरह. जो बच्चे अंग्रेजी जानते हैं उनका तो कुछ नहीं, लेकिन ज्यादातर बच्चे जो वहां की स्थाई भाषा बोलते और समझते हैं, उन्हें भारतीय शो बैन करने से सबसे ज्यादा परेशानी होगी. अब न तो भीम उन्हें दिखेगा और न डोरेमॉन के एडवेंचर उनका मन बहलाएंगे.

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बेचारे बच्चों को अब पाकिस्तानी कॉर्टून शो से ही समझौता करना होगा या फिर विदेशी कार्टूनों की पाकिस्तानी डबिंग का इंतजार करना होगा.

लेकिन डोरेमॉन और छोटा भीम की लत ऐसी है कि बच्चे मां-बाप की नाक में दम न कर दें तो कहना. ये भी गनीमत है कि इंटरनेट का जमाना है, अपने फेवरेट कार्टून्स देखने के लिए बच्चे अब टीवी छोड़ वेब की तरफ दौड़ेंगे. जब तक पाकिस्तान वहां रोक नहीं लगवाता, हिंदी कार्टून शो तो पाकिस्तानी बच्चे देखेंगे ही, टीवी पर न सही यू-ट्यूब पर ही सही. पर ये मुआ इंटरनेट भी तो वहां हर बच्चे के नसीब में नहीं है..

लेखक

पारुल चंद्रा पारुल चंद्रा @parulchandraa

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं

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