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Updated: 29 जून, 2017 11:43 AM
पारुल चंद्रा
पारुल चंद्रा
  @parulchandraa
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किसी भी महिला के लिए उसका गर्भवती होना सबसे बड़ा सुख होता है. जीवन के इन 9 महीनों में वो शायद खुद को सबसे ज्यादा संपन्न और शक्तिशाली महसूस करती है. और इसीलिए आज सशक्त महिलाओं का अपनी गर्भावस्था पर गर्व करने का अपना अलग तरीका है. वो खुश हैं, वो प्रेगनेंसी इन्जॉय कर रही हैं, और फोटोशूट के माध्यम से अपनी खुशी का इजहार भी दुनिया के सामने कर रही हैं.

ताजा ताजा तस्वीर आई है अमेरिका से टेनिस सुपर स्टार सेरेना विलियम्स की. जो 8 महीने की गर्भवती हैं और उन्होंने भी अपनी खुशी वैनिटी फेयर मैगज़ीन के लिए मैटरनिटी फोटोशूट करके जाहिर की है, कोई ऐसा वैसा फोटोशूट नहीं 'न्यूड फोटोशूट'.

तस्वीर शेयर करते हुए सेरेनाविलियम्स पूछ रही हैं कि आप क्या सोचते हैं, लड़का होगा या लड़की?

यानी कल जो लोग गर्भवती सलीना जेटली की बिकनी वाली तस्वीरें देख रहे थे उन्होंने सोचा भी नहीं होगा कि आज उन्हें सलीना जेटली से भी ज्यादा खुश एक दूसरी मां, यानी सेरेना की एक सशक्त तस्वीर भी दिखने वाली है.

Serena Williamsवैनिटी फेयर मैगज़ीन के लिए कराया फोटोशूट

शायद सशक्त होने का ये एक और मापदंड होता जा रहा है. ठीक वैसे ही जैसे कुछ महिलाओं का मानना है कि वो जितने कम कपड़े पहनेंगी उतने ही ज्यादा इंडिपेंडेंट या सशक्त नजर आएंगी. हो सकता है मेरी इस बात से बहुत सी महिलाएं सहमत न हों, लेकिन वास्तव में कपड़े आजकल सशक्त होने का बेहद आसान और सिंपल सा जरिया बन गए हैं.

Serena Williamsसेरेनाके फोटोशूट को सोशल मीडिया पर मिलीजुली प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं.

वैसे महिलाएं चाहे भारत की हों या फिर विदेशी, दोनों तरफ ही माओं को गर्भावस्था में एक जैसे ही अनुभव होते हैं. बच्चे को लेकर खुशी भी और उसे 9 महीने गर्भ में पालने की तकलीफ भी. लेकिन दोनों तरफ अपनी खुशी को जाहिर करने के तरीके अलग अलग रहे हैं. विदेशों में मैटरनिटी फोटोशूट कराने का चलन रहा है, जबकि भारत में तो गर्भ को छिपाकर रखने का चलन था. कहा जाता है कि लोगों की नजरों से जितना दूर रखो उतना अच्छा. और इसीलिए महिलाओं को 7वें महीने के बाद घर से बाहर भी निकलने नहीं दिया जाता. यहां तक कि बच्चा हो भी जाए तो उसे सवा महीने तक सोबर में ही रखा जाता है.

पर विदेशों में महिलाएं अपनी प्रेगनेंसी को छिपाकर नहीं रखतीं. खुलकर दिखाती हैं, कुछ कम तो कुछ ज्यादा ही खुलकर. अब तक आपने कई सेलिब्रिटीज़ के मैटरनिटी फोटोशूट देखे ही होंगे. ये उनका कल्चर है. वो जो भी करें.

Marisa miller and demi mooreमरीसा मिलर और डेमी मूर

shakira and beyoceशकीरा और बियॉन्से

उनकी देखादेखी कहें या फिर इसे कुछ नए नाम दे दें जैसे 'प्रगनेंसी स्टीरियोटाइप्स को तोड़ना' या फिर महिला सशक्तिकरण, पर भारत की सेलिब्रिटी महिलाएं भी अपनी प्रेगनेंसी फ्लॉन्ट करने में पीछे नहीं हैं. कल ही सेलीना ने बिकनी पहनकर अपनी तस्वीरें शेयर कीं. और कहा कि 'ये करना जरूरी था, इससे उनका आत्मविश्वास बढ़ता है, आत्मसम्मान बढ़ता है, उन्हें सकारात्मक लगता है और उन्हें गर्व होता कि उनका शरीर कितना कुछ कर सकता है' और एक बात और वो प्रेगनेंसी स्टीरियोटाइप्स को तोड़ना भी चाहती हैं.  

सेरेना अकेली कहां हैं, लीज़ा हैडन भी अपनी बिकनी में अपनी प्रेगनेंसी फ्लॉन्ट कर चुकी हैं. टीवी एक्ट्रेस श्वेता साल्वे का मेटरनिटी फोटो शूट भी काफी चर्चित रहा. कोंकणा सेन शर्मा ने भी एक मैगज़ीन के लिए मैटरनिटी फोटो शूट किया था.

pregnancy photoshootलीज़ा हेडेन, कोंकणा सेन शर्मा और श्वेता सालवे

ऐसा नहीं है कि सिर्फ इन्हीं सेलीब्रिटीज़ ने गर्भवती होकर खुद को सशक्त महसूस किया हो. करीना कपूर, सोहा अली खान, लारा दत्ता भी अपनी गर्भावस्था को लेकर बहुत उत्साहित रहीं और उन्होंने भी अपना बम्प छिपाया नहीं. पर कह सकते हैं कि फर्क है, प्रेगनेंसी स्टीरियोटाइप्स को कितना तोड़ना है या फिर कितना सशक्त महसूस करना है, वो फर्क.

kareena, soha, laraकरीना कपूर, लारा दत्ता, सोहा अली खान

एक फर्क और, अगर आप सेलिब्रिटी हैं तो कपड़े अपकी कीमत बताते हैं. साफ शब्दों में कहें तो सेरेना विलियम्स अगर घर में होतीं या खुद के लिए फोटोशूट करातीं तो शायद उन्होंने कुछ कपड़े पहने होते, लेकिन वैनिटी फेयर के लिए न्यूड होने का मतलब प्रेगनेंसी की खुशी के साथ-साथ पैसा कमाना भी है. जाहिर है इस सशक्तिकरण के पीछे मोटा पैसा भी लिया होगा सेरेना ने. यानी अपनी पहली प्रेगनेंसी से आप खुश तो बहुत हैं पर अगर थोड़े पैसे भी मिल जाएं तो खुशी और बढ़ जाती है. पर क्या मातृव पर भारी नहीं पड़ जाता ये पैसा ? पर भारतीयों को क्या, वो किस भ्रम में हैं?  

बिकनी पहनकर या न्यूड रहकर ही आप खुद को सशक्त दिखाएं ऐसा अमेरिका में हो तो चलता है, पर स्टीरियोटाइप्स तोड़ने, फेमेनिज़्म और सशक्तिकरण के नाम पर ये सब करना तो भारत में अब भी गले नहीं उतरता, हां उसके पैसे मिले रहे हों तो बात और है.

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लेखक

पारुल चंद्रा पारुल चंद्रा @parulchandraa

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं

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