समस्या 'अग्निपथ' में नहीं कहीं और है, जानने के लिए बिहार की ओर नजर घुमा लीजिए...
मोदी सरकार (Modi Government) बिहार के लोगों से उनका हक छीन लेना चाहती है. बताइए सरकारी नौकरी (Agnipath Scheme) ही नहीं रहेगा, तो लड़का के लिए दहेज कौन देगा जी? दहेज छोड़िए, कोई लड़की नहीं मिलेगी. क्योंकि, इस दुनिया में रहने वाले सारे शादीशुदा बिहारी (Bihar) तो सरकारी नौकरी ही ना करते हैं.
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भारतीय सशस्त्र सेनाओं में भर्ती के लिए लाई गई 'अग्निपथ' योजना को लेकर सबसे ज्यादा बवाल बिहार में नजर आ रहा है. विरोध-प्रदर्शन कर रहे आंदोलकारियों ने ट्रेनें फूंकने से लेकर रेल की पटरियां उखाड़ने जैसी घटनाओं को अंजाम दिया है. यह चौंकाता है कि जब उम्र सीमा बढ़ाने, केंद्रीय सुरक्षा बलों की नौकरी में आरक्षण जैसी तमाम घोषणाएं मोदी सरकार की ओर से की जा चुकी हैं. तो, भी ये विरोध-प्रदर्शन थमने का नाम क्यों नहीं ले रहा है? आखिर अग्निपथ योजना में ऐसा क्या है, जो बिहार के युवाओं का पारा कम ही नहीं हो रहा है. तो, ये जान लीजिए कि अग्निपथ योजना में किसी तरह की कोई समस्या नहीं है. समस्या की असल जड़ कहीं और है. इसका खुलासा कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार 18 जून को कर चुके हैं. और, अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में भी इसके पीछे की वजह सामने आ गई है. दरअसल, अग्निपथ योजना के विरोध की असल वजह है 'दहेज'.
भले ही मोदी सरकार ने तमाम सुरक्षा बलों से लेकर कई नौकरियों में अग्निवीरों को आरक्षण देने की बात कही है. भले ही राज्य सरकारों की ओर पुलिस भर्ती से लेकर अन्य नौकरियों में अग्निवीरों को वरीयता देने का ऐलान किया गया हो. भले ही आनंद महिंद्रा और हर्ष गोयनका जैसे देश के दिग्गज उद्योगपति अग्निपथ योजना से ट्रेनिंग पाए अग्निवीरों को अपनी कंपनियों में बेहतरीन नौकरी का मौका देने की घोषणा कर रहे हों. लेकिन, इन्हें नहीं पता है कि सरकारी नौकरी का बिहार के युवाओं के लिए कितना महत्व है? इसी नौकरी के दम पर सदियों से चली आ रही दहेज की वो महान प्रथा टिकी हुई है. एक ऐसी प्रथा, जो किसी को भी चुटकियों में लखपति बना सकती है. बस जरूरत है, तो एक अदद सरकारी नौकरी की.
बिहारियों के लिए सरकारी नौकरी का महत्व मोदी सरकार क्या जानेगी?
सरकारी नौकरी से ही मिलता है अच्छा दहेज
अगर ऐसा न होता, तो कांग्रेस के नेता और खुद को बिहार का बेटा कहने वाले कन्हैया कुमार अग्निपथ योजना को वापस लेने के लिए बिहारियों की शादी का जिक्र क्यों छेड़ते? दरअसल, शादी में मिलने वाला दहेज समाज की एक ऐसी दुखती रग है, जो हल्के से भी दबा दो. तो, भरपूर दर्द देती है. वो अलग बात है कि कन्हैया कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को डॉक्टर डैंग बताया था. लेकिन, विरोध-प्रदर्शन को असल में इंजेक्शन कौन दे रहा है, इसके लिए कन्हैया कुमार की बातों को जानना जरूरी है. कांग्रेस की 18 जून को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में कन्हैया कुमार बताते हैं कि 'सेना में भर्ती नहीं होगा ना...तो, बियाह नहीं होता है. और, ये 4 साल में रिटायर होकर आ जाएगा, तो कौन बियाह करेगा जी. ये बहुत बुनियादी सवाल है. समझिए इस बात को.' (वीडियो को 31 मिनट 50 सेकेंड से देखें)
LIVE: Congress Party Briefing by Shri @pramodtiwari700, Shri @Pawankhera and Shri @kanhaiyaKumar at AICC HQ. https://t.co/ohOoowdxZg
— Congress (@INCIndia) June 18, 2022
वैसे तो कन्हैया कुमार ने ये पहले ही बता दिया था कि सेना भर्ती के लिए लाई गई 'अग्निपथ' योजना में असल समस्या क्या है? लेकिन, लोगों ने ध्यान ही नहीं दिया. नौकरी चाहे सेना की हो क्यों न हो. तिलक से लेकर शादी तक अलग-अलग मदों में मोटा दहेज केवल सरकारी नौकरी के नाम पर ही मिलता है. इस पैसे का इस्तेमाल कैसे करना है, यह सेना की सरकारी नौकरी पाने वाले के परिवार को अच्छी तरह से पता होता है. और, ससुराल से विदा होने के समय बहू द्वारा साथ लाए गए तोहफे तो इस सरकारी नौकरी का बोनस होते हैं. आपको लग रहा होगा कि मैं ये सब लिख कर बिहार और बिहारियों के खिलाफ अपनी कुंठा को निकाल रहा हूं. तो, ऐसा बिलकुल भी नही है. मेरी बात का भरोसा नहीं है, तो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो को देख लीजिए.
A bihar guy has his priorities sorted pic.twitter.com/CaiDejKiOo
— Lala ?? (@FabulasGuy) June 20, 2022
गाड़ी जलाने को लेकर एक यूट्यूब पत्रकार की ओर से पूछे गए सवाल के जवाब में सेना की सरकारी नौकरी की चाह रखने वाला ये युवा कह रहा है कि 'सरकार ऐसे काम करेगी, तो आग नहीं लगाएंगे. तीन साल की बहाली क्यों दिया? वो भी खत्म कर दे. मैं भी सेना के लिए तैयारी कर रहा था. लेकिन, अब नहीं करूंगा. 4 साल के लिए कौन जाएगा? कोई बीबी देगा. कोई औरत देगा. बाप कोई बेटी देगा पहले. 4 साल के लिए कोई पहले तिलक दहेज देगा.' तो, इन महाशय की बात सुनकर आपको अंदाजा लग गया होगा. अग्निपथ योजना को लेकर बिहार में आखिर इतना ज्यादा बवाल क्यों मचा हुआ है? दरअसल, सेना की एक अदद सरकारी नौकरी के दम पर बिहार की पूरी अर्थव्यवस्था टिकी हुई है. 10वीं और 12वीं पास किया लड़का कितने सपने संजोता है कि दहेज के पैसों से बाइक से लेकर कार और घर की छत से लेकर अपना एक अलग कमरा तक बनवाने की प्लानिंग पहले से तैयार रहती है.
लेकिन, नामुराद...मोदी सरकार. बिहार के लोगों से उनका ये हक भी छीन लेना चाहती है. बताइए सरकारी नौकरी ही नहीं रहेगा, तो लड़का के लिए दहेज कौन देगा जी? दहेज छोड़िए, कोई लड़की नहीं मिलेगी. क्योंकि, इस दुनिया में रहने वाले सारे शादीशुदा बिहारी तो सरकारी नौकरी ही ना करते हैं. बात बहुत सीधी सी है गुरू...सबसे ज्यादा IAS और PCS का दंभ भरने वाले बिहारियों को सरकारी नौकरी के साथ मिलने वाले दहेज का ही भरोसा है. बिहार की राज्य सरकार की ओर से संविदा पर निकाली जाने वाली सरकारी भर्तियों के खिलाफ भले ही कोई बिहारी विरोध-प्रदर्शन न करता हो. लेकिन, भारतीय सेना में जवान बन कर मिलने वाली सरकारी नौकरी का प्रेम इतनी आसानी से कैसे छोड़ दिया जाए. तो, सरकारी नौकरी लेकर रहेंगे. क्योंकि, बिना उसके शादी नही होगी. दहेज नहीं मिलेगा. कैसे जीवन काटेंगे?
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